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सभी के लिए फायदेमंद नहीं है तांबे के बर्तन में पानी पीना, हम बताते हैं कैसे

बाजारों में तांबे की बोतल का ट्रेंड दोबारा लौट रहा है, लोग तांबे की बोतल में पानी पीना पसंद कर रहे हैं। पर क्या यह सभी के लिए हेल्दी है?
तांबे के बर्तन में रखा पानी आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। चित्र : शटरस्टॉक
अक्षांश कुलश्रेष्ठ Published: 25 Nov 2021, 11:00 am IST
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अपनी सेहत को लेकर लोग काफी सजग हुए हैं। खासकर कोरोना वायरस महामारी के बाद से लोग स्वस्थ रहने के लिए कई पुराने नुस्खों पर वापस लौट रहे हैं। इसी में से एक है तांबे के बर्तन में पानी पीना। लोग सोचते हैं कि तांबे के बर्तन में पानी पीने से सेहत के कई लाभ हैं जिसके लिए वह इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। हालांकि सभी के लिए तांबे के बर्तन का पानी फायदेमंद नहीं होता।

कई मामलों में तांबे के बर्तन में रखा पानी आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। इसलिए तांबे के बर्तन में पानी पीने से पहले आपको अपने डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। 

पहले जानते हैं क्यों खास है तांबे के बर्तन में रखा पानी 

वैसे तांबे के बर्तन में पानी पीना आयुर्वेद में सपोर्ट किया गया है। पुराने समय में भी लोग रात को करीब 48 घंटे तांबे के बर्तन में पानी रख कर उसे पीते थे। 

तांबे का पानी कोई ऐसा सुपर ड्रिंक नहीं है जो आपको आपके नजदीकी सुपर मार्केट में मिल जाए। बल्कि तांबे का पानी तांबे के बर्तन में भरकर तैयार किया जाता है। तांबा हमारे शरीर में कई जरूरी तत्वों में से एक है, लेकिन यह जानना बहुत जरूरी है कि तांबा एक ट्रेस एलिमेंट है। एक लाइन में समझाया जाए तो इसका अर्थ यह है कि हमें तांबे की केवल न्यूनतम मात्रा की आवश्यकता हमारे शरीर को है।

हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं होता तांबे का पानी। चित्र : शटरस्टॉक

यह शरीर के कई आवश्यक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जैसे कि ऊर्जा का उत्पादन, संयोजी ऊतक और आपके मस्तिष्क की रासायनिक संदेश प्रणाली। यह व्यापक रूप से शंख, नट, बीज, आलू, साबुत अनाज उत्पादों, डार्क चॉकलेट, और अंग मांस जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। 

तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने के पीछे तर्क यह है कितांबे के कंटेनरों में पानी रखने से धातु पानी में घुल जाती है। जिससे पीने वाले को लाभ मिलता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी है सलाह 

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ऑफिस ऑफ डाइट्री सप्लीमेंट के अनुसर कॉपर की कमी और अधिकता आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। वही दूसरी ओर विश्व स्वास्थ संगठन यानी डब्ल्यूएचओ (WHO) ने पानी में 0.47 मिलीग्राम तांबे से अधिक लेने की सलाह नहीं देता है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि इसका स्तर प्रति दिन 10 मिलीग्राम से अधिक न हो। 

क्या हो सकती है दिक्कतें?

तांबे के बर्तन में ज्यादा पानी पीने से या उसका अनुचित उपयोग करने से कई समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें हल्की से लेकर बड़ी दिक्कतों के नाम शामिल हैं जैसे

  1.  मतली
  2. सिरदर्द
  3.  बुखार
  4.  उल्टी
  5.  उल्टी में खून
  6.  पेट में मरोड़
  7.  दस्त
  8.  काला मल
  9. आंखों और त्वचा का पीला पड़ना (पीलिया ) आदि

इन बीमारियों से जूझ रहे लोगों को नहीं पीना चाहिए तांबे के बर्तन में रखा पानी 

अल्सर रोगी 

अगर किसी रोगी के पेट में अल्सर की समस्या है या उसे अक्सर एसिडिटी की दिक्कत होती है, तो उन्हें तांबे के बर्तन का इस्तेमाल पानी के लिए नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि तांबे के बर्तन की तासीर गर्म होती है। ऐसी समस्या में तांबे के बर्तन में पानी पीने से पहले अपने आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

किडनी और हृदय रोगी

यदि किसी व्यक्ति के किडनी यह हार्ट में दिक्कत है, तो उसके लिए तांबे का पानी बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श कर लें। 

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हृदय रोगियों की मुश्किल बढ़ा सकता है तांबे का पानी। चित्र: शटरस्टॉक

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अक्षांश कुलश्रेष्ठ

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