करवा चौथ व्रत के साथ अब मिलेनियल्स का लव एंड हेट का रिश्ता हो चुका है। कुछ इसे प्यार का प्रतीक मानती हैं और पूरे दिन निर्जला व्रत रखना चाहती हैं। जबकि कुछ इसे पितृसत्तात्मक मानती हैं और इस तरह के किसी भी व्रत को नहीं मानतीं। पर आपकी मां, दादी या सासू मां के विचार इस बारे में अलग हो सकते हैं। हम जिन्हें ओल्ड जनरेशन कहते हैं, वे कारण-अकारण भी कुछ चीजों से बंधी रहती हैं। करवा चौथ के बारे में भी बहुत कुछ ऐसा ही है। कुछ महिलाएं तो बीमार होने के बावजदू इस व्रत को नहीं छोड़ना चाहतीं। ऐसे में आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपनी एजिंग मॉम या सासू मां की सेहत का ख्याल रखें। यहां हम उन चीजों के बारे में बात करने वाले हैं, जो डायबिटीज से ग्रस्त लोगों के लिए जरूरी हैं। अगर डायबिटीज होने के बावजदू वे व्रत (Karwa chauth fasting tips for diabetic) रख रहीं हैं, तो उन्हें कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए।
करवाचौथ का व्रत (Karwa chauth fast) जो विवाहित महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु के लिए रखती है। इस व्रत का समय बहुत लम्बा होता है यह सूर्योदय के साथ शुरू होता है और चांद निकलने के बाद सम्पन्न होता है। वैसे तो समय-समय पर व्रत रखने से बॉडी डिटॉक्स होती रहती है, लेकिन यदि आपको कोई बीमारी हो तो यह व्रत आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। खासतौर से डायबिटीज के मरीजों के लिए कोई लंबी अवधि का व्रत रखना सही नहीं है। इससे उनका ब्लड शुगर लेवल बढ़ने या घटने का जोखिम बना रहता है।
प्रसिद्ध डायटीशियन गरिमा गोयल कहती हैं, “अगर, डायबिटीज के बावजूद उपवास रखती हैं, तो हाइपोग्लाइसीमिया का जोखिम बना रहता है। इसलिए मधुमेह से ग्रस्त महिलाओं को करवा चौथ का व्रत पूरे दिन बिना पानी पिए नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें डिहाइड्रेशन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।”
वे आगे कहती हैं, “व्रत खोलने के बाद महिलाएं अक्सर फैट, कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी से भरपूर भोजन का सेवन करती है। लेकिन इस आहार का सेवन करने से हाइपरग्लेसेमिया का लेवल बढ़ जाता है और ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी प्रभावित होता है। इसलिए अपनी डाइट में कुछ बदलाव करके मधुमेह से ग्रस्त महिलाएं इस उपवास को रख सकती हैं।
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गरिमा सुझाव देती हैं, “इस व्रत में महिलाएं सुबह के समय सरगी का सेवन करती हैं। तो इस बात का ध्यान रखें कि आपकी सरगी में प्रोटीन और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट शामिल होना चाहिए। क्योंकि पूरे दिन के लिए आपको सरगी से ही एनर्जी मिलती है। प्रोटीन आपको लम्बे समय तक भरा हुआ महसूस करता है।“
उपवास को खोलते समय हमेशा याद रखें कि सबसे पहले खुद को हाइड्रेट करें और लाइट फ़ूड ही खाएं। दिन भर के व्रत के बाद आपकी बॉडी में पानी की कमी हो जाती है। इसलिए हाइड्रेट करने के लिए नींबू पानी या ताजे फलों के जूस सेवन करें। भोजन में तेज मसाले, तलेभुने पदार्थ खाने की जगह प्रोटीन से भरपूर पदार्थ लें। जिससे आपके शरीर में आने वाली कमजोरी दूर हो सके। आप अपनी डाइट में हरी सब्जियां, दाल, चपाती और दही ले सकती हैं।
हालांकि यह निर्जला व्रत है, पर अगर आपको डायबिटीज है तो यह आपके लिए सही नहीं होगा। अपनी सेहत को प्राथमिकता पर रखें और पूरे दिन प्यासी न रहें। दिन में एक या दो बार लिक्विड डाइट जरूर लें।
गरिमा गोयल सुझाव देती हैं कि कोई भी उपवास आपकी सेहत से बढ़कर नहीं हैं। अगर आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए दवा की जरूरत होती है, तो अपनी दवाएं न छोड़ें। रक्त शर्करा बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि आप अपनी दवा लेती रहें।
खुद के स्वास्थ्य को जोखिम में डालकर किसी आस्था को पूरा करना सही नहीं हैं। इसलिए महिलाओं को ख़ासकर जो मधुमेह से पीड़ित है या किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त है एक स्वस्थ और योजनाबद्ध तरीके से इस व्रत को रखना चाहिए।
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