हम लंबे समय घरों से बाहर निकलने का इंतजार कर रहे थे। बैक टू नॉर्मल (Back to normal) में जब हमने बाहर निकलना शुरू किया है, तब गर्मी (Summer season) भी अपना प्रकोप दिखाने लगी है। बढ़ता पारा हीट स्ट्रोक (Heat stroke) का भी कारण बन सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप उन घरेलू उपायों (Home remedies for heat stroke) को याद रखें, जो इस चुनौती से निपटने में आपकी मदद कर सकते हैं।
मौसम के बदलते ही शारीरिक समस्याएं भी बदल जाती हैं। जहां सर्दियों के मौसम में संक्रमण सबसे ज्यादा हावी रहता है, वहीं गर्मियों के मौसम में हीट स्ट्रोक (Heat stroke) होना सबसे आम समस्या है। जैसे-जैसे गर्मियों का मौसम आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे तापमान में भी वृद्धि हो रही है। देश के कई हिस्सों में तापमान इतना ज्यादा हो गया है कि घर से बाहर निकलना ही मुश्किल हो जाता है। वहीं कोरोना वायरस संक्रमण के दौर के बाद अब धीमे-धीमे अनलॉक रफ्तार पकड़ चुका है। वर्क फ्रॉम होम खत्म हो चुका है और लोग दोबारा ऑफिस की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसे में लोगों को हीट स्ट्रोक यानी लू लगने का खतरा बढ़ जाता है।
जिन लोगों की इम्युनिटी मजबूत होती है वे गर्मियों की धूप और तेज गर्म हवाओं को बर्दाश्त कर लेते हैं। जबकि कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को लू लगने या हीट स्ट्रोक का जोखिम ज्यादा होता है। हालांकि इससे बचाव भी मुमकिन है। इसके कई आयुर्वेदिक घरेलू उपाय भी हैं, जो आपको इससे निपटने में सहायता कर सकते हैं। आज हम उन्हीं के बारे में जानेंगे, लेकिन पहले हीट स्ट्रोक के बारे में समझते हैं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW), भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान (NIHFW) के अनुसार हीट स्ट्रोक 2 प्रकार के होते हैं- माइल्ड और गंभीर। यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब कोई व्यक्ति सीधे सूरज की धूप या गर्मी के अत्याधिक संपर्क में आता है। इसके पीछे का करण शरीर के थर्मोसेटिंग में असंतुलन है। हमारे शरीर का कूलिंग मेकैनिज्म पसीने के रूप में पानी के एवापोरेशन पर निर्भर करता है। ज्यादा धूप के संपर्क में आने से शरीर का तापमान ज्यादा हो जाता है जिससे हीट स्ट्रोक या सन स्ट्रोक जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है।
हीट स्ट्रोक के हल्के रूप में सामान्य लक्षण ही देखने को मिलते हैं हालांकि जब यह स्थिति गंभीर हो जाती है तो यह गंभीर चिकित्सा स्थिति होती है जिसमें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी होता है अन्यथा यह मानसिक क्षति और मृत्यु का कारण भी बन सकता है। इस बीमारी में यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि इसका बचाव इलाज से ज्यादा बेहतर है।
प्याज आपको लू लगने से भी बचा सकता है और हीट स्ट्रोक होने पर आपकी सहायता भी कर सकता है। आयुर्वेद का मानना है कि प्याज का रस कानों के पीछे और छाती पर लगाने से तापमान कम हो सकता है। वहीं हीट स्ट्रोक से बचने के लिए आपकी दैनिक खुराक में गर्मियों के मौसम में खासकर प्याज का होना जरूरी है। आप इसे सलाद के तौर पर भी सेवन कर सकती हैं। यह आपके शरीर को ठंडा रखता है।
मौसमी समस्याओं से निपटने के लिए कुदरत ने हमें कुछ ऐसे फल और सब्जियां दी हैं, जिनकी सहायता से हम अपने आप का बचाव कर सकते हैं इसी में से एक है कच्चा आम। कच्चा आम से बना हुआ पना आपको हीट स्ट्रोक से बचा सकता है।आम पन्ना जीरा, सौंफ, काली मिर्च और काला नमक जैसे ठंडे मसालों से समृद्ध है जो ऊर्जा और इलेक्ट्रोलाइट्स दोनों प्रदान करता है।
शरीर को जल्द से जल्द रिहाइड्रेट करने के लिए नारियल पानी एक बेहतरीन विकल्प है, जो साधारण पानी इतनी जल्दी पूरा नहीं कर सकता। नारियल पानी में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो आपको ऊर्जा प्रदान करते हैं। ऐसे में प्रयास करें कि जब भी घर से बाहर निकलें, तो नारियल पानी का सेवन जरूर करें। यह आपकी बॉडी में इलेक्ट्रोलाइट्स को नेचुरल बैलेंस रख सकता है।