कुछ लोग आराम से बैठने पर अपनी उंगलियां चटकाने (Knuckle cracking) लगते हैं। उन्हें लगता है कि इससे उनकी उंगलियों को आराम मिल गया। वहीं कुछ लोगों के मन में आशंका होती है कि उंगलियां चटकाने से उन्हें गठिया या अर्थराइटिस हो जाएगा। इसलिए वे इससे परहेज करते हैं। क्या वास्तव में अंगुलियां चटकाना गठिया (does knuckle cracking cause Arthritis?) का कारण बन सकता है? यह मिथ है या फैक्ट, आइए एक विशेषज्ञ से जानते हैं।
रूमेटोलॉजिस्ट डॉ. शल्लू शर्मा बताते हैं, ‘उंगलियां खींचने पर जॉइंट से चटकने की आवाज आती है। लंबे समय तक यह माना जाता रहा कि जॉइंट फ्लूइड में नाइट्रोजन के बुलबुले बनने के कारण यह आवाज़ आती है। जबकि अब यह माना जाने लगा कि पोर के चारों ओर लिगामेंट की गति के कारण ऐसा होता है।’
2015 में जॉइंट पर की गई स्टडी में शोधकर्ताओं ने एमआरआई का उपयोग किया। यह पाया गया कि जब जोड़ को जल्दी से अलग कर दिया गया, तो नकारात्मक दबाव के कारण एक केविटी बन गई। इससे यह पता चला कि साउंड केविटी के निर्माण से उत्पन्न हुई।
एक अध्ययन में सामने आया कि ध्वनि वास्तव में केविटी के आंशिक रूप से कोलैप्स करने पर होता है। केविटी को पूरी तरह से कोलेप्स करने में 20 मिनट लगते हैं, ताकि एक नई केविटी बन सके। यही कारण है कि अंगुलियां चटकाने के बाद इसे तुरंत दोबारा नहीं किया जा सकता है।
रूमेटोलॉजिस्ट डॉ. शल्लू शर्मा बताते हैं, ‘उंगलियां के जॉइंट चटकाने (Knuckle cracking) से दर्द नहीं होना चाहिए। इससे सूजन भी नहीं होनी चाहिए। इससे जॉइंट शेप भी नहीं बदल सकता है। यदि इनमें से कोई भी चीज़ होती है, तो इसकी वजह कुछ और हो सकती है। उंगलियां चटकाना उतना आरामदेह नहीं हो सकता है, जितना लगता है। यदि पर्याप्त ज़ोर लगाकर उंगलियां को खींचा जाता है, तो उंगली को जोड़ से बाहर खींचना या जोड़ के आसपास के लिगामेंट में चोट लग सकती है। यदि उंगलियां चटकाते समय जोड़ों में दर्द हो रहा है या उनमें सूजन आ गई है, तो यह संभवतः अर्थराइटिस या गाउट जैसी स्थिति के कारण हो सकता है।
रूमेटोलॉजिस्ट डॉ. शल्लू शर्मा के अनुसार, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उंगलियां को चटकाने से जोड़ बड़े हो जाते हैं या पकड़ की ताकत कमजोर हो जाती है। अर्थराइटिस एंड रुमेटोलॉजी ट्रस्टेड जर्नल के अनुसार, 50 साल की अवधि तक किसी एक व्यक्ति ने दिन में दो या अधिक बार अपने बाएं हाथ की उंगलियां चटकाई। वहीं दाहिने हाथ की उंगलियां कभी नहीं चटकाईं। प्रयोग के अंत में बाएं हाथ के पोर दाहिने हाथ की उंगलियां से अलग नहीं थीं। किसी भी हाथ में गठिया के लक्षण नहीं दिखे।
उंगलियां चटकाने (Knuckle cracking) से कोई नुकसान नहीं होता है, लेकिन इससे आस-पास के लोगों का ध्यान भटक सकता है। अगर यह आदत बन गई है, तो इसे रोकना मुश्किल हो सकता है। मगर असंभव नहीं है। आप कुछ चीजों का ध्यान रखकर इस आदत को छोड़ सकते हैं –
1 यह जानने की कोशिश करें कि आप अपनी उंगलियां क्यों चटकाती हैं। यह जानने पर समस्या का समाधान करें।
2 तनाव दूर करने का कोई अन्य तरीका खोजें, जैसे गहरी सांस लेना, व्यायाम या ध्यान।
3 तनाव मुक्त होने के लिए हाथों को दूसरे कार्य में भी व्यस्त रखा जा सकता है। स्ट्रेस बॉल गेंद को स्क्वीज़ करना या एंग्जायटी स्टोन को रब करना।
4 हर बार जब आप अपनी उंगलियां चटकाती हैं, तो सचेत रहें और सचेत रूप से खुद को रोकें।
उंगलियां चटकाना (Knuckle cracking) हार्मफुल नहीं है। यह गठिया का कारण नहीं बनता है या जॉइंट को भी बड़ा नहीं करता है। यह आपके आस-पास के लोगों को आवाज़ से भले ही परेशान कर सकता है। उंगलियां चटकाने जैसी आदत को खत्म करना आसान नहीं हो सकता है, लेकिन यह किया जा सकता है।
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