कोविड-19 महामारी और अब दिवाली के समय बढ़ता प्रदूषण! इन दोनों की मार अगर सबसे ज्यादा किसी को झेलनी पड़ी तो वे हैं आपके फेफड़े। पर घबराएं नहीं आपकी रसोई में ही एक ऐसी खास चीज है, जो आपके फेफड़ों का रक्षा कवच बन सकता है। वह है गुड़। और एक्सपर्ट भी अब इस पर अपना समर्थन जाहिर कर रहे हैं।
हमारे वातावरण में हर दिन प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। जिसकी वजह से वातावरण में रोजाना स्मॉग दिखाई दे रहा है। कुछ ही दिनों में दीपावली का त्योहार आने वाला है। दीपावली के समय पटाखे चलाए जाएंगे जिससे वायु प्रदुषण में काफी बढोतरी होगी।
बढ़़े हुए प्रदूषित माहौल में गुड़ कैसे हमारे फेफड़ों की रक्षा कर सकता है, इसके लिए हमने बात की फोर्टिस हॉस्पिटल वसंत कुंज की चीफ क्लिनिकल न्यूट्रीशनिस्ट सीमा सिंह से। आइए जानते हैं वे क्या कहती हैं गुड़ के सेवने और उससे फेफड़ों को होने वाले लाभ पर।
सीमा सिंह कहती हैं, “हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से हमारे फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। गुड़ हमारे पारंपरिक भोजन का हिस्सा रहा है। अपने रोजाना के भोजन में गुड़ को शामिल करके हम अपने फेफड़ों को प्रूदषण से होने वाले नुकसान से बचा सकते हैं।
सीमा सिंह आयुर्वेद का हवाला देते हुए कहती हैं, “आयुर्वेद भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है। आयुर्वेद में फेफड़ों से जुड़ी बिमारियों में गुड़ का प्रयोग फायदेमंद माना गया है।
यह सांस से जुड़ी समस्याओं की रोकथाम करता है। गुड़ का रोजाना इस्तेमाल करने से ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी सांस से जुड़ी बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है।“
गुड़ में स्वास्थ्यवर्धक और एंटी-एलर्जी गुण होते हैं, जिससे शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। इससे अस्थमा जैसी बीमारियों के रोगियों को बहुत फायदा होता है।
सीमा सिंह बताती हैं, “अपने एंटी-एलर्जी गुणों के कारण यह फेफड़ों से एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों को दूर रखता है। इन तत्वों के कारण सांस लेने में गंभीर परेशानी और खांसी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।”
गुड़ का रोजाना इस्तेमाल करने से शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ सकती है। जिससे वायु प्रदूषण से शरीर को हुए नुकसान को ठीक करने में मदद मिल सकती है।
गुड़ शरीर को साफ करने वाली सबसे बेहतरीन प्राकृतिक चीज़ों में से एक है। यह सांस लेने के रास्ते और फेफड़ों आदि को बहुत अच्छी तरह से साफ कर देता है।
सीमा सिंह समझाती हैं, “भारत में हुए अध्ययनों से पता चला है कि धूल या धुएं के वातावरण में काम करने वाले जो औद्योगिक कर्मचारी गुड़ का सेवन करते थे, उन्हें इस वातावरण से कोई परेशानी नहीं हुई।
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कस्टमाइज़ करेंइस अध्ययन से पता चला कि धूल और धुएं से भरे वातावरण में काम करने वाले लोगों को गुड़ का सेवन करने से इस वातावरण से होने वाले नुकसान से सुरक्षा मिल सकती है।”
इसलिए लेडीज, गुड़ खाएं और शरीर पर स्मॉग के प्रभाव को कम करने के साथ अपने फेफड़ों को भी सुरक्षित रखें !
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