वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर अपने चरम पर है! इस बार इस जानलेवा वायरस ने बच्चों को भी अपना शिकार बनाया है। बुजुर्गों के साथ बच्चे भी तेज़ी से कोविड-19 से संक्रमित हो रहे हैं। म्यूटेट करने के बाद कोरोना वायरस और भी घातक बन गया है। साथ ही, इसके लक्षण भी पहले से बदल गये हैं। ऐसे में बच्चों के माता-पिता की भूमिका अहम हो जाती है।
अब खांसी, जुकाम, बुखार के साथ कोरोना वायरस के कई अन्य लक्षण भी सामने आ रहे हैं, जिन्हें आपको समझने की ज़रुरत है जैसे:
दस्त और उल्टी जैसी पेट संबंधी समस्याएं
सिरदर्द, बदन दर्द और थकान
गले में खराश
सांस लेने में दिक्कत
सूंघने और स्वाद की कमी
कोविड टंग
इसके अलावा कुछ मामलों में बच्चों में मल्टी इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम (Multisystem Inflammatory Syndrome in Children, MIS-C) की शिकायतें भी सामने आ रहीं हैं। यह एक गंभीर स्थिति है। इसमें शरीर के कुछ अंगों जैसे हार्ट, लंग्स, किडनी और ब्रेन पर काफी प्रभाव पड़ रहा है।
ऐसे में किसी भी छोटे संकेत को नज़रंदाज़ न करें और बचाव के लिए इन बातों का ज़रूर ध्यान रखें।
आजकल नर्सरी से लेकर बारहवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए कई तरह की के कोर्सेज डिजिटल साइट्स पर उपलब्ध हैं। ऐसे में आप आसानी से कोई भी विकल्प चुन सकती हैं, जिससे कि उनकी शिक्षा में कोई बाधा न आये और उन्हें बाहर भी न जाना पड़े।
बहुत जरूरी होने पर आप अगर अपने बच्चे के साथ कहीं बाहर जा रहीं हैं, तो उन्हें एक अच्छी क्वालिटी (N-95) और सही साइज़ का मास्क पहनाएं। आप चाहें तो उन्हें डबल मास्क भी पहना सकती हैं, जिसमें एक क्लिनिकल मास्क और दूसरा कपड़े से बना मास्क होता है।
आजकल ऑनलाइन खाना आर्डर करने का ज़माना है। लॉकडाउन के बावजूद कुछ कंपनियां ये सुविधा दे रहीं हैं। मगर इस समय अपने बच्चों को ऐसा करने देना एक बहुत बड़ी भूल साबित हो सकती है। इसके बजाय, उन्हें घर का पौष्टिक भोजन ही खिलाएं। साथ ही, उन्हें इम्युनिटी बूस्ट करने वाले फूड्स खिलाएं जैसे – सभी मौसमी फल, हरी सब्जियां, सूखे मेवे और दही।
इस समय हमें घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना है। अकसर आपके घर के फर्नीचर पर जमी धूल-मिट्टी में भी वायरस के कण मौजूद हो सकते हैं। आप उन्हें इस बात के लिए सचेत कर सकती हैं कि अपना बेड और पढ़ने के स्थान को साफ रखें।
बाहर से आने वाले हर व्यक्ति के जूते-चप्पल बाहर ही उतरवाएं और कोशिश करें कि वह हाथ सैनिटाइज करके ही घर में प्रवेश करें। इसके अलावा, नहाने के बाद ही उन्हें बच्चों के पास जाने दें या उन्हें बच्चों से बिल्कुल दूर रखें। घर पर रहने से बच्चों की इम्युनिटी कमज़ोर हो सकती है इसलिए, वे संक्रमण की चपेट में जल्दी आ सकते हैं।
कोई भी लक्षण सामने आने पर सबसे पहले टेस्ट करवाएं। जरूरत होने पर डॉक्टर से ऑनलाइन संपर्क करें। बिना परामर्श के बच्चों को अस्पताल लेकर न दौड़ें, क्योंकि सबसे ज्यादा संक्रमण का खतरा वहीँ होता है।
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