सान्या शर्मा की उम्र 45 वर्ष है। बहुत सारा काम का बर्डन और स्ट्रेस तो रहता ही है। इसके बावजूद वे वर्कआउट और हेल्दी डाइट से खुद को फिट रखने की कोशिश करती हैं। इन दिनों वर्क फ्रॉम होम में उनका बर्डन इतना ज्यादा बढ़ गया है कि न सोने का कोई टाइम है, न ब्रेक का। उस पर ऑनलाइन मीटिंग्स में बहुत सारा समय चला जाता है।
अभी पिछले दिनों उन्हें बुखार हो गया। बुखार के साथ छींक भी थीं और देर रात तक जागने की वजह से कफ भी बनने लगा था। सान्या एक बार तो परेशान हो गईं कि कहीं वे भी तो कोरोना वायरस की शिकार तो नहीं हो गईं !
खुद को चैक करने के लिए उन्होंने यही सब अपडेट्स अपने मोबाइल में डाउनलोड आरोग्य सेतु (arogya setu app) एप पर भी डालीं। वे डर रहीं थी कि कहीं वे रिस्क जोन में तो नहीं आ गईं। पर इससे पहले उन्होंने तय किया कि एक बार डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए। इस पर उनके फैमिली डॉक्टर ने उन्हें दो दिन आराम करने और इंतजार करने की सलाह दी।
तब तक सान्या ने खुद को औरों से अलग रखा और अपने कमरे में सेल्फ आइसोलेशन को फॉलो किया।
सान्या की ही तरह इस वक्त बहुत सारे लोग अनजानी दहशत में हैं। असल में इस समय मौसम बदल रहा है। इस मौसम में बहुत सारे डर्ट पार्टिकल, फूलों पर उड़ने वाले पराग कण और अन्य तत्व हवा में घुल जाते हैं। इनके प्रति संवेदनशील लोग इससे फ्लू (Seasonal) के शिकार हो जाते हैं। वहीं कुछ लोगों को गर्म-सर्द की वजह से भी जुकाम हो जाता है।
पर इस समय लोग परेशान हैं, क्योंकि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि उनमें जो लक्षण दिख रहे हैं, वे सामान्य जुकाम-बुखार के हैं या कोरोना वायरस के। जिसके चलते हेल्प लाइन (Helpline) पर हर रोज सैंकड़ों कॉल आ रहीं हैं। इस बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने बताए वे संकेत जो कोरोना वायरस (Coronavirus) के लक्षणों को सामान्य फ्लू (Common flu) से अलग करते हैं।
माइक्रोबायोलाजिस्ट डॉ. टी.एन.ढोल के मुताबिक सामान्य फ्लू और कोरोना वायरस के लक्षण भले ही एक जैसे दिखें पर दोनों में अंतर है। हां ये अंतर इतना महीन है कि सामान्य लोग इसे समझ नहीं पाते। हालांकि सामान्य फ्लू और कोरोनावायरस के शुरूआती लक्षण काफी-कुछ मिलते-जुलते हैं, लेकिन पहचान करना संभव है।
डॉ. ढोल एसजीपीजीआई में सीनियर माइक्रोबायोलाजिस्ट रहे हैं। इस वक्त हिन्द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में माइक्रोबायोलाजी विभाग के हेड हैं। डॉ. ढोल के मुताबिक बुखार होना सामान्य है, लेकिन अगर बुखार के साथ आपको सांस लेने में भी परेशानी है, तो आपको सावधान हो जाना चाहिए।
कोरोनावायरस में बुखार के साथ सूखी खांसी भी होती है। और खांसी के साथ गले में खराश भी। ऐसी हालत में व्यक्ति को फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
अगर आप समय रहते उपचार तक पहुंच जाते हैं, तो आपके ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके लिए सभी डॉक्टर कोरोना टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। इस टेस्ट के बाद ही स्पष्ट होता है कि आप कोरोना संक्रमित हैं या नहीं। इस पूरी प्रक्रिया में कई दिन का समय भी लग सकता है।
एक्सपर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस में ऑक्सीजन का लेवल 40 से 50 फीसदी तक नीचे आ जाता है। इसकी जांच पल्स ऑक्सीमीटर से की जाती है। पर परेशान न हो, यह बहुत सामान्य प्रक्रिया है। इसमें आपकी किसी एक अंगुली पर पल्स ऑक्सीमीटर (pulse oximeter) लगाया जाता है। जो ब्लड में मौजूद ऑक्सीजन के स्तर की जांच करता है।
अगर आपकी आंखें लाल हैं, आपको गले में कफ बन रहा है और हल्का बुखार है, तो इसकी वजह ओवर बर्डन भी हो सकता है। लॉकडाउन में ज्यादातर महिलाएं ओवरबर्डन की शिकार हैं। जिसकी वजह से उनके स्लीप पैटर्न में बदलाव आया है।
इम्यूनिटी को बनाए रखने के लिए हेल्दी स्लीप बहुत जरूरी है। इसकी कमी के चलते भी आप मौसमी बीमारियों की चपेट में जल्दी आ सकती हैं।
तो लेडीज परिवार और ऑफिस के काम के साथ-साथ अपना भी ख्याल रखें।
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