बारिश के कारण दूषित पानी की समस्या बढ़ने लगती है, जिससे मच्छर व जल जनित समस्याओं का खतरा मंडराने लगता है। बार बार होने वाली बारिश से जलभराव और साफ सफाई की कमी डेंगू (Dengue) के खतरे को बढ़ा देती है। दरअसल, उमस भरी गर्मी और मानसून की शुरूआत के साथ ही डेंगू के मरीजों की तादाद बढ़ने लगती हैं। जलभराव के कारण पनपने वाला मादा एडीज़ मच्छर दिन में काटता है और इससे व्यक्ति 5 से 7 दिन तक ग्रस्त रहता है। जगह-जगह हो रहे जलभराव के कारण डेंगू (Dengue) के मामले बढ़ने लगे हैं। हाल ही में इससे 11 लोग की मौत हो चुकी हैं।
जनवरी से अब तक दिल्ली में बीते डेंगू के 240 मामले दर्ज किए गए हैं। इससे पहले कि यह बीमारी और अधिक फैल जाए, आपको इसके बचाव के मंत्र और होम रेमेडीज (Dengue Home Remedies) के बारे में जान लेना चाहिए।
बरसात के मौसम में मादा एडीज़ मच्छर के काटने से डेंगू फीवर (Dengue fever) का सामना करना पड़ता है। इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। इससे शरीर में दर्द, ठंड लगने, उल्टी, कमज़ोरी, भूख न लगना और रैशेज की समस्या बढ़ जाती है। समय पर जांच और इलाज न मिलने से ये समस्या जानलेवा बन जाती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार साल 2023 में सबसे ज्यादा डेगू (Dengue)के मामले रिकार्ड किए गए और उससे 80 देश प्रभावित हुए। डेंगू के 6.5 मिलियन से अधिक मामले प्रकाश में आए और इससे 7300 लोगों की मौत हुई। मच्छर से काटने वाली इस समस्या से ग्रस्त होने पर कुछ लोगों में माइल्ड संकेत और कुछ में लक्षण नज़र नहीं आते हैं। 2 से 7 दिन तक शरीर में रहने वाला बुखार 104 डिग्री तक पहुंच जाता है। एंटीजन ब्लड टेस्ट व एंटीबॉडी टेस्ट के ज़रिए इस समस्या के बारे में पता लगाया जा सकता है।
इस बारे में बातचीत करते हुए फोर्टिस हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ अवि कुमार बताते हैं कि डेंगू (Dengue)से बचाव के लिए फोर एस मैथड को फॉलो किया जाता है। इसके लिए सबसे पहले सर्च एंड डेस्ट्रॉय मॉस्किटो ब्रीडिंग प्लेस यानि जलभराव को खत्म करें। सीक अर्ली कसलटेशन यानि डॉक्टरी जांच करवाएं। इसके बाद सेल्फ प्रोटेक्शन ज़रूरी है और फिर स्प्रे और फॉगिंग की मदद लें। खुद को डेंगू (Dengue) की समस्या से बचाने के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनकर ही बाहर निकलें। इसके अलावा घर के खिड़कियां और दरवाज़े बंद रखें। शरीर को संक्रमणों से बचाने के लिए प्रचुर मात्रा में पानी पिएं। इससे शरीर संक्रमण के प्रभाव से बच सकता है।
बार-बार पानी का सेवन करने से शरीर में गर्मी और संक्रमण का प्रभाव कम होने लगता है। पानी की नियमित मात्रा शरीर में सिरदर्द, बदन दर्द और संक्रमण के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का स्तर बना रहता है, जिससे प्लेटलेट काउंट को नियमित रखने और एपिटाइट को बनाए रखने में मदद मिलती है।
फाइबर से भरपूर मेथीदाने को ओवरनाइट सोक करके रख दें और 7 से 8 घंटे के बाद उस पानी को पीएं। इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण शरीर में संक्रमण के प्रभाव को कम कर देते हैं। इसके अलावा मेटाबॉलिज्म को भी बूस्ट करता है। सीमित मात्रा में इसका सेवन करने से शरीर का इम्यून सिस्टम मज़बूत बनने लगता है।
ज्वर नाशक के नाम से मशहूर शरीर को बाहरी बैक्टीरिया का सामना करने में गिलोय का रस फायदा पहुंचाता है। इसके सेवन से शरीर के टॉक्सिंस को बाहर निकालकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है। साथ ही बुखार के दौरान शरीर में प्लेटलेट का काउंट भी मेंटेन रहता है। खाली पेट गिलाय का रस पीने से फायदा मिलता है। इसके अलावा इसके डंठल का रस भी कारगर साबित होता है।
अदरक में मौजूद जिंजरोल कंपाउड से शरीर को एंटी.इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टीज़ की प्राप्ति होती है। अदरक की चाय पीने से शरीर में होने वाले दर्द को दूर किया जा सकता है। साथ ही पाचन संबधी समस्याएं हल होने लगती हैं। 1 कप पानी में आधा इंच अदरक को उबालकर पीने से शरीर को मज़बूती मिलती है।
ये भी पढ़ें- Dengue diet : डेंगू फीवर हो गया है, तो जल्दी रिकवरी के लिए आहार में शामिल करें ये 5 खाद्य पदार्थ
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें