इस मौसम में हर साल हम डेंगू का आतंक देखते हैं। यह इतना आम हो गया है कि हम इसे गम्भीरता से नहीं लेते। ज्यादातर लोगों के लिए डेंगू साधारण बुखार की तरह है जिसमें एकमात्र फर्क है उसे फैलाने वाला डेंगू मच्छर एडीज एजिप्टी।
लेकिन डेंगू कोई साधारण बुखार नहीं है। इसके दीर्घकालिक परिणाम हो सकते हैं, खासकर अगर आपकी इम्युनिटी कमजोर है।
यहां डेंगू के वे साइड इफेक्ट्स हैं जो बीमारी ठीक होने के बाद भी नहीं जाते।
डेंगू में बाल गिरने की समस्या बहुत आम है और लगभग सभी को इसका सामना करना पड़ता है। 2018 में द फ्रंटियर इन सेलुलर एंड इंफेक्शन माइक्रोबायोलॉजी की रिसर्च के अनुसार डेंगू में होने वाली बाल झड़ने की समस्या परमानेंट नहीं होतीं, लेकिन अगर आपकी इम्युनिटी कमजोर है तो आपके बालों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
यह समस्या रिकवरी के दौरान या उसके बाद सामने आती है। डेंगू अगर ज्यादा गम्भीर स्थिति में पहुंच जाता है तो पॉलीअर्थरालजिया यानी कई जोड़ों में दर्द और मायालजिया यानी मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या हो जाती है।
डॉ विक्रांत शाह बताते हैं, “कई मरीजों में क्रोनिक फटीग सिंड्रोम भी देखा जाता है। यह सिंड्रोम वायरस से फैलने वाली सभी बीमारियों में दिखता है, कोविड-19 में भी। इस सिंड्रोम में आपको हर वक्त थकान महसूस होगी।” डॉ शाह मुंबई के जेन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के इन्फेक्शस डिसीज़ एक्सपर्ट हैं।
अगर आपको डायबिटीज, लिवर या किडनी प्रोब्लम्स हैं तो आपको जोड़ों और मसल्स का दर्द ज्यादा हो सकता है।
डेंगू में शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी हो जाती है। एक स्टडी के अनुसार डेंगू होने के बाद लोगों में विटामिन डी, विटामिन बी12 और विटामिन ई की कमी पाई गई है। इन ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी होने पर कई बीमारियां और समस्या हो सकती हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि डेंगू सिर्फ आपके शरीर को ही नही आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मेंटल हेल्थ सिस्टम की स्टडी के अनुसार डेंगू से रिकवर्ड मरीज़ों में तनाव और अवसाद बहुत आम है।
डॉ शाह चेतावनी देते हैं,”डेंगू आपके शरीर को कमजोर कर देता है जिसके कारण मरीज़ दर्द और परेशानी से अपनी उम्मीद खो देता है। यही कारण है कि डेंगू के साथ कई मानसिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।”
WHO की रिपोर्ट के अनुसार भारत में पिछले दो दशक में डेंगू के केसेस आठ गुना बढ़े हैं। 2000 में देशभर में 5,05,430 केस थे,2010 में 2 मिलियन केस थे जो 2020 में बढ़कर 4.2 मिलियन के पार हो चुके हैं।
“डेंगू शॉक सिंड्रोम डेंगू से जुड़ी एक और बड़ी समस्या है। डेंगू के बाद अगर सही केयर न मिले तो मरीज लो ब्लड प्रेशर यानी हाइपोटेंशन का शिकार हो जाता है।”
डेंगू से बचाव ही सबसे कारगर उपाय है। और बचाव के लिए यह जरूरी है कि घर में और घर के आसपास मच्छर न पनपें।
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।