एनीमिया के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं इन 3 पोषक तत्वों की कमी, जानिए क्यों जरूरी है न्यूट्रिशन मेंटेन रखना

सामान्य व्यक्ति का हीमोग्लोबिन 12 से 14 होना चाहिए। हीमोग्लोबिन लेवल मेंटेन रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की जांच करते रहना जरूरी है। पोषक तत्वों की कमी एनीमिया का कारण बन सकती है।
बॉडी में खून की कमी हो जाने से कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बॉडी में खून की कमी हो जाने से कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
Published On: 28 Dec 2024, 02:00 pm IST
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शरीर में न्यूट्रिएंट डिफिशिएंसी यानि की पोषक तत्वों की कमी सेहत संबंधित कई समस्याओं के खतरे को बढ़ा देती है। विशेष रूप से कुछ ऐसे पोषक तत्व है, जिनकी कमी से एनीमिया की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस स्थिति में रेड ब्लड सेल्स काउंट कम हो जाता है, यानी की हिमोग्लोबिन का स्तर गिर जाता है। सामान्य व्यक्ति का हीमोग्लोबिन 12 से 14 होना चाहिए। हीमोग्लोबिन लेवल मेंटेन रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की जांच करते रहना जरूरी है (nutritional deficiency anemia)।

मैक्स केयर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटना के इंटरनल मेडिसिन, जनरल फिजिशियन डॉ सत्यम मोहन ने शरीर में खून की कमी होने के लिए पोषक तत्वों की कमी को जिम्मेदार बताया है। तो चलिए जानते हैं, ये कौन से पोषक तत्व हैं, जिनकी कमी से शरीर में खून नहीं बन पाता (nutrition deficiency anemia)।

क्या है लो हीमोग्लोबिन का माप

जब हीमोग्लोबिन का स्तर कुछ सीमा से नीचे चला जाता है, तो यह एक चिकित्सा आपातकाल बन जाता है।

  • 8 ग्राम/डीएल से नीचे: इस बिंदु पर, व्यक्ति को अत्यधिक कमजोरी, पीली त्वचा और सांस लेने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है। जटिलताओं को रोकने के लिए तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता है। साथ ही खानपान और पोषक तत्वों के प्रति सावधानी बरत कर इस स्थिति को बढ़ने से रोका जा सकता है।
  • 5 ग्राम/डीएल से नीचे: यह एक जानलेवा स्थित है, जिसके लिए तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप हार्टबीट रुक सकती है, साथ ही ये अन्य ऑर्गन फैलियर का कारण बन सकता है, यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
Har umra mein sahi poshan hai jaroori
हर उम्र में सही पोषण है जरूरी। चित्र:शटरस्टॉक

शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने पर नजर आते हैं ये लक्षण (symptoms of low hemoglobin)

शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। यह व्यक्ति की गंभीरता पर निर्भर करता है। सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • थकान और कमज़ोरी: पर्याप्त आराम के बाद भी अत्यधिक थकान या कमज़ोरी महसूस करना, कम हीमोग्लोबिन के शुरुआती लक्षणों में से एक है।
  • पीली त्वचा: लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम होने के कारण त्वचा पीली दिखाई दे सकती है, या उसमें पीलापन आ सकता है।
  • सांस लेने में तकलीफ़: हीमोग्लोबिन की कमी होने पर सांस लेने में कठिनाई, विशेष रूप से शारीरिक गतिविधि के दौरान, बेहद आम है। क्योंकि इस दौरान शरीर पर्याप्त ऑक्सीजन के लिए संघर्ष कर रहा होता है।
  • चक्कर आना या हल्का महसूस होना: मस्तिष्क में ऑक्सीजन की आपूर्ति न होने से चक्कर आना, बेहोशी या ध्यान केंद्रित करने में परेशानी हो सकती है।
  • धड़कन बढ़ जाना: कम ऑक्सीजन के स्तर की भरपाई के लिए, दिल सामान्य से ज़्यादा तेज़ धड़क सकता है, जिससे धड़कन बढ़ सकती है।
  • ठंडे हाथ और पैर: हीमोग्लोबिन की कमी से ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं।

एनीमिया के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं ये 3 पोषक तत्व (nutrition deficiency anemia)

1. आयरन की कमी

आयरन की कमी एनीमिया का एक सबसे आम पोषण संबंधी कारण है। शरीर में आयरन की कमी तब मानी जाती है, जब शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने के लिए पर्याप्त आयरन नहीं होता। यह लाल रक्त कोशिकाओं का वह हिस्सा है, जो शरीर में ऑक्सीजन कैरी करता है। आयरन रेड ब्लड सेल्स को बनाने में मदद करता है, इसकी कमी से शरीर में ब्लड नहीं बन पाता। वहीं शरीर में रक्त की कमी हो जाती है।

इसलिए आयरन युक्त सुपरफूड्स को डाइट में शामिल करें। अंडा, रेड मीट, बींस, नट्स, ड्राई फ्रूट्स, हरी पत्तेदार सब्जियां, अनाज, फल, आलू बुखारा, दाल आदि को डाइट में शामिल करें। ये सुपरफूड्स बॉडी में आयरन की मात्रा बनाए रखते हैं, और आपमें एनीमिया की स्थिति उत्पन्न नहीं होती।

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क्यों होती है विटामिन बी-12 की कमी। चित्र- शटरस्टॉक।

2. विटामिन बी12 की कमी

विटामिन बी12 की कमी तब मानी जाती है, जब शरीर में स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने के लिए पर्याप्त विटामिन बी12 नहीं होता। ऐसा तब होता है, जब आप आहार में पर्याप्त विटामिन बी12 नहीं लेती, या आपका शरीर इसे अवशोषित नहीं कर पाता। शरीर में विटामिन बी12 की कमी एनीमिया का कारण बन सकती है।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

फिश खासकर सालमन, मांस, अंडे और दूध में पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी12 पाया जाता है। इसके अलावा सेब, केला, संतरा, स्ट्रॉबेरी, अमरूद, एवोकाडो, अनार, कीवी और ब्लूबेरी जैसे फलों में विटामिन बी12 की मात्रा पाई जाती है।

3. फोलिक एसिड की कमी

शरीर में फोलेट की कमी से होने वाला एनीमिया रक्त में फोलिक एसिड की कमी के कारण होता है। फोलिक एसिड एक बी विटामिन है, जो आपके शरीर को लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद मरती है। अगर आपके बॉडी में रेड ब्लड सेल्स की कमी है, तो आपको एनीमिया है। फोलिक एसिड का कम स्तर मेगालोब्लास्टिक एनीमिया का कारण बन सकता है।

इस स्थिति में, रेड ब्लड सेल्स सामान्य से बड़ी होती हैं। इन कोशिकाओं की संख्या कम होती है। वे गोल नहीं, बल्कि अंडाकार आकार की होती हैं। कभी-कभी ये ब्लड सेल्स सामान्य रेड ब्लड सेल्स जितनी लंबी नहीं रहती हैं।

फोलिक एसिड की कमी को पूरा करने के लिए ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, गोभी, केल, स्प्रिंग ग्रीन्स पालक, छोले और राजमा जैसे खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें। इसके अलावा संतरे, अंगूर, पपीता, अंगूर, केले, स्ट्रॉबेरी, रसभरी, खरबूजा सहित दूध और फर्मेंटेड मिल्क प्रोडक्ट का सेवन भी फायदेमंद रहेगा।

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महिलाओं के लिए जरूरी है सही हीमोग्लोबिन लेवल बनाए रखना। चित्र : शटरस्टॉक

जानें हीमोग्लोबिन की कमी से कैसे बचना है

1. आयरन युक्त आहार: अपने आहार में आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे पत्तेदार साग, मांस, बीन्स और फोर्टिफाइड अनाज शामिल करें। इन खाद्य पदार्थों को विटामिन सी युक्त वस्तुओं (जैसे, संतरे, टमाटर) के साथ मिलाकर खाने से शरीर में आयरन का अवशोषण बढ़ जाता है।

2. नियमित जांच: नियमित ब्लड टेस्ट से हीमोग्लोबिन की कमी का पता समय पर लगाया जा सकता है, खासकर अगर आपको पुरानी बीमारी या एनीमिया का पारिवारिक इतिहास जैसे जोखिम कारक हैं।

3. संतुलित पोषण: सुनिश्चित करें कि आपके आहार में पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी12 और फोलेट शामिल हों, जो रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन के लिए आवश्यक होते हैं।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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