महिलाओं में कैंसर की बीमारी तेज़ गति से बढ़ रही है। गायनेकोलॉजिकल कैंसर के तहत आने वाले पांच प्रकार के कैंसर महिलाओं को तेज़ी से अपनी चपेट में ले रहे हैं। मगर खास बात ये है कि इन सभी में सामान्य लक्षण (common symptoms of cancer) पाए जाते हैं। खराब लाइफस्टाइल और अनियमित खानपान के चलते महिलाओं में लगातार कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। दोहरी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने वाली महिलाओं को कई मुष्किलात से होकर गुज़रना पड़ता है, जिससे उनमें गायनेकोलॉजिकल कैंसर का खतरा बढ़ने लगता है।
गायनेकोलॉजिकल कैंसर की बात करें, तो इसमें महिलाएं पांच तरह के कैंसर डिजीज़ से दो चार होती है। इसमें यूटेराइन कैंसर, वजाइनल कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ओवेरियन कैंसर और वल्वर कैंसर मौजूद हैं। कहने को तो ये सभी तरह के कैंसर एक ही कैटेगरी में आते हैं। मगर ये सभी कैंसर एक दूसरे से पूरी तरह से अलग हैं, जो पैल्विस में अलग अलग जगहों पर होता है।
आइए जानते हैं एचओडी एंड सीनियर कंसलटेंट, ओनकोलॉजी, मरिंगो क्यूआरजी अस्पताल, फरीदाबाद एंड सीनियर कंसल्टेंट रेडिएशन ओनकोलॉजी, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, डॉ सन्नी जैन, से कि इन 5 तरह के कैंसर डिज़ीज़ में नज़र आने वाले एक समान लक्षणों के बारे में विस्तार से।
अक्सर हम लोग कमरदर्द को हल्के में ही लेते है। अधिकतर लोगों की यही सोच रहती है कि ज्यादा वर्कआउट करने के चलते कमरदर्द की समस्या पनपती है। मगर बार बार कमर के निचले हिस्से में होने वाले दर्द को नज़रअंदाज़ कई बार बड़ी मुसीबत का कारण बन सकता है।
गायनेकोलॉजिकल कैंसर के तहत आने वाले पांच प्रकार के कैंसर में कमर में दर्द रहना एक सामान्य लक्षण है। दरअसल, कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी खून के ज़रिए हड्डियों में प्रवेश करती है। जो आगे चलकर टयूमर का कारण साबित हेती है।
कई बार वजाईनल डिस्चार्ज के कारण योनि में खुजली जैसी समस्या रहती है। मगर हर वक्त खुजली महसूस होना सर्वाइकल कैंसर का एक प्रमुख कारण साबित हो सकता है। सभी प्रकार के गायनेकोलॉजिकल कैंसर में योनि में खुजली की समस्या होना आम पाया जाता है। इसके अलावा योनि से उठने वाली दुर्गधं और लाल रंग का डिस्चार्ज भी सभी तरह के कैंसर में पाया जाता है।
ज्यादा थकान महसूस करना, पेट फूलना, बार बार सांस लेने में परेशानी होना और उल्टी जैसा महसूस होना ये सभी प्रकार के कैंसर में पाए जाने वाला एक आम लक्षण है। इन लक्षणों को उपर बताए गए पांच प्रकार के कैंसर के मरीजों में पाया जाता है।
बहुत से लोगों को बार बार यूरिन पास करने की समस्या रहती है। हांलाकि ये एक सामान्य बात है। मगर कई बार स्टोन के चलते यां फिर कैंसर के कारण ऐसी समस्या बॉडी में उत्पन्न हो जाती है। डॉक्टरों के हिसाब से पेशाब बार बार आना और रोकने में दिक्कत होने की समस्या आने पर तुरंत उपचार बेहद ज़रूरी है। अन्यथा यूटरस में होने वाले इंफेक्शन और कैंसर जैसी बीमारी का खतरा शरीर में बढ़ने लगता है।
पेड़ू में दर्द होने का मतलब पेट के निचले हिस्से में दर्द होना है। पेड़ू को पेल्विक भी कहा जाता है। पेल्विक दर्द की समस्या महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है, जिसे हल्के में लेना उचित नहीं है। वैसे तो महिलाओं में प्रेग्नेंसी के वक्त पेल्विक पेन रहता है। मगर कई बार कैंसर के शुरूआती चरण में पेल्विक में पेन होना एक सामान्य लक्षण है। कैंसर की समस्या में पहले पहल पैल्विक दर्द हल्का होता है, जो धीरे धीरे बढ़ जाता है।
महिलाओं में पीरियड्स के दिनों में दर्द और वजाईनल ब्लीडिंग होती है। बहुत सी महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्हें पेट के निचले हिस्से में दर्द की भी शिकायत रहती है। अगर पीरियड्स के अलावा आम दिनों में आपको ब्लीडिंग हो रही है, तो उसके लिए आप सतर्क हो जाएं। दरअसल, ब्लीडिंग होने के कई कारण हो सकते हैं। पोस्ट मीनोपॉप ब्लीडिंग और इंटरकोर्स के बाद ब्लीडिंग होना, जिसके लिए महिलाओं को डॉक्टरी जांच के लिए ज़रूर जाना चाहिए।
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