भारत तंबाकू का दुनिया भर में दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत दुनिया के 12% धूम्रपान करने वाले लोगों का घर है यानी कुल 12 करोड़। भारत में हर साल तंबाकू के कारण 10 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाती है। इनमें से ज्यादातर युवा हैं। इतना ही नहीं 16 साल से उम्र के बच्चे भी पिछले कुछ सालों में धूम्रपान (Smoking) की तरफ आकर्षित हुए हैं।
धूम्रपान करना आजकल एक स्टाइल स्टेटमेंट बनता जा रहा है। मूवीज और सीरियल की झूठी दुनिया ने सिगरेट को एक सो कॉल्ड ”कूल एक्टिविटी” के रूप में युवाओं के बीच प्रचलित किया है। आपने अक्सर देखा होगा कि जब हीरोइन जब स्ट्रेस में होती है, तो उसे सबसे पहले सिगरेट चाहिए या कॉर्पोरेट लाइफ दिखानी है, तो भी हाथ में सिगरेट होगी।
OTT प्लेटफॉर्म्स की मेहरबानी से ज़्यादातर टीनएजर्स सिगरेट-शराब को एक स्ट्रेस बस्टर के तौर पर देखते हैं और अक्सर इसे ट्राई करने के लिए लालायित हो जाते हैं।
दुर्भाग्य से कड़ी चेतावनी वाले लेबल लगाए जाने के बावजूद ये दृश्य युवाओं को धूम्रपान के लिए आकर्षित करते हैं। तब भी जब ‘धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक है’ जैसी औपचारिक चेतावनी स्क्रीन पर चल रही हो।
वास्तविकता यही है कि धूम्रपान करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ये न सिर्फ कैंसर को न्योता देता है, बल्कि कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बनता है।
धूम्रपान का महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। अगर आप गगर्भधारण कर भी लेती हैं, तब भी यह जन्म से पहले और बाद में भी बच्चे के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। जैसे –
जल्दी प्रसव होना
स्टिलबर्थ (जन्म से पहले बच्चे की मृत्यु)
जन्म के समय कम वजन
अचानक शिशु की मृत्यु (Sudden infant death syndrome, SIDS)
अस्थानिक गर्भावस्था
शिशुओं में ओरोफेशियल क्लेफ्ट
गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने वाली महिलाओं की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। उनकी हड्डियां समय से पहले ही झड़ने लगती हैं। सिगरेट पीने से एस्ट्रोजन लेवल में उतार-चढ़ाव होते हैं, जिसकी वजह से ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया की समस्या आ सकती है।
आपके ओरल हायजीन पर धूम्रपान का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। सिगरेट पीने से आपके दांत झड़ सकते हैं, मुंह में बदबू आ सकती है। साथ ही, ये मसूड़ों को भी नुक्सान पहुंचाता है।
धूम्रपान करने से मोतियाबिंद (आंख के लेंस का धुंधला पड़ना जो आपके लिए देखना कठिन बनाता है) का जोखिम बढ़ सकता है। यह मस्कुलर डीजनरेशन भी पैदा कर सकता है। ये एएमडी रेटिना के केंद्र के पास एक छोटी सी जगह को नुकसान पहुंचाता है, जो केंद्रीय दृष्टि के लिए आवश्यक हिस्सा है।
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कस्टमाइज़ करेंधूम्रपान टाइप 2 मधुमेह का एक कारण है और इसे नियंत्रित करना कठिन बना सकता है। नॉन स्मोकर्स की तुलना में सक्रिय धूम्रपान करने वालों के लिए मधुमेह के विकास का जोखिम 30-40% अधिक होता है।
धूम्रपान से शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे सूजन बढ़ सकती है और कई अन्य बीमारियां घर कर सकती हैं, क्योंकि इससे आपकी रोग-प्रतिरिधक क्षमता कम हो जाती है।
धूम्रपान छोड़ने से हृदय संबंधी जोखिम कम हो जाते हैं। धूम्रपान छोड़ने के ठीक 1 साल बाद, दिल का दौरा पड़ने का आपका जोखिम तेज़ी से कम हो जाता है।
धूम्रपान छोड़ने के बाद 2 से 5 वर्षों के भीतर, स्ट्रोक के लिए आपका जोखिम कम हो सकता है।
यदि आप धूम्रपान छोड़ देती हैं, तो मुंह, गले और मूत्राशय के कैंसर के लिए आपका जोखिम 5 साल के भीतर आधे से कम हो जायेगा।
धूम्रपान छोड़ने के दस साल बाद, आपके फेफड़ों के कैंसर से मरने का जोखिम आधे से कम हो जाता है।
तो गर्ल्स, आज ही स्मोकिंग छोड़ें और अपनी सेहत को दें ये लाभ।
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