हम एक समूह में लंच कर रहे थे, जब मैंने अपने साथ बैठी अपनी एक मित्र की बाईं बाजू पर नीले रंग के धब्बे देखे। हम सभी को लगा कि उसे किसी तरह की चोट लगी है। मगर हम सभी यह जानकर हैरान थे कि नीले रंग के ये धब्बे सिर्फ उसकी बाजू पर ही नहीं, बल्कि शरीर के कई अन्य हिस्सों पर भी हैं। उसकी त्वचा पर नीले रंग के ये निशान अचानक आते हैं और कुछ समय बाद चले जाते हैं। असल में यह सायनॉसिस नाम की समस्या है। इस बारे में और विस्तार से बता रहीं हैं फोर्टिस हॉस्पिटल, वसंत कुंज में डर्मेटोलॉजी विभाग की सीनियर कंसल्टेंट डाॅ. रश्मि शर्मा।
सायनॉसिस का कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी वाले खून का, जो कि लाल की बजाय नीली रंगत लिए होता है, का त्वचा में संचार होना है। सायनॉसिस का कारण फेफड़े और ह़दय का गंभीर रोग या फिर संचार प्रणाली से जुड़ी कोई बीमारी है, जिसकी वजह से खून में ऑक्सीजन की मात्रा घट सकती है।
लगातार ऑक्सीजन की कमी के चलते बेहोशी आने, लंबे समय तक होश न रहने, कॉमा, दौरा पड़ने, ब्रेन स्टैम रिफ्लैक्स की कार्यप्रणाली पर असर पड़ने और यहां तक कि ब्रेन डैड होने जैसी शिकायत भी हो सकती है।
सायनॉसिस आपके शरीर को इस तरह प्रभावित कर सकता है:
उंगलियां, पंजे और नाखून
लोलकी (ईयरलोब्स)
श्लेष्मा झिल्ली (म्युकस मेंब्रेन)
होंठ
त्वचा
सायनॉसिस अपने आप में कोई मर्ज नहीं है, बल्कि आमतौर पर किसी समस्या का संकेत है। इसके ज्यादातर कारण गंभीर होते हैं और यह इस प्रकार का सूचक होता है कि आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल रही।
आगे चलकर, यह समस्या जीवन के लिए घातक साबित हो सकती है। इलाज नहीं करने पर, इसकी वजह से श्वसन तंत्र के बेकार पड़ने, हार्ट फेल होने और यहां तक कि मौत भी हो सकती है।
पेरीफेरल सायनॉसिस एक दुर्लभ किस्म की घातक मेडिकल इमरजेंसी है। लेकिन यह जरूरी है कि इसके कारणों का पता लगाया जाए। समय पर इसका उपचार आगे चलकर कई संभावित जटिलताओं से बचाव कर सकता है।
इस समस्या का होना पेरीफेरल टिश्यू को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं मिलने का संकेत भी हो सकता है। यह पेरीफेरल टिश्यू द्वारा अधिक मात्रा में ऑक्सीजन लेने की वजह से भी होता है।
सायनॉसिस किसी गंभीर किस्म की स्वास्थ्य समस्या या किसी बाहरी कारण की वजह से अचानक पैदा हो सकता है। सायनॉसिस के जीवनघाती कारणों में शामिल हैं:
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कस्टमाइज़ करेंसायनॉसिस का एक और कारण बिगड़ती सेहत भी हो सकता है, या यह क्रोनिक अथवा लंबे समय से स्वास्थ्य खराब रहने के चलते भी हो सकता है। इसी तरह, हृदय, फेफड़ों, रक्त या संचार संबंधी सेहत विकारों की वजह से भी सायनॉसिस हो सकता है। इनमें निम्न शामिल हैं:
डॉक्टर कई तरह की जांच के आधार पर पेरीफेरल सायनॉसिस का निदान करते हैं, इनमें इमेजिंग स्कैन, जैसे कि एक्स-रे, सीटी स्कैन, ईसीजी आदि शामिल हैं। ये जांच अन्य कई स्थितियों की भी पहचान कर सकती हैं, जिनकी वजह से आपके हृदय या फेफड़े इस प्रकार प्रभावित हो सकती हैं कि शरीर में सामान्य ऑक्सीजन स्तर पर असर पड़ सकता है।
सायनॉसिस के कुछ कारणों को रोका नहीं जा सकता। लेकिन आप सायनॉसिस का जोखिम कम करने के उपाय कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
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