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लम्पी डीजीज से ग्रस्त हो रहीं हैं गाय, जानिए इन दिनों कितना सेफ है डेरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल

लम्पी डीजीज के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि डेरी प्रोडक्ट का सेवन करना सेफ है या नहीं? जानिए इसके बारे में सब कुछ।
Published On: 19 Sep 2022, 07:27 pm IST
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dairy product me ho sakte hain food additives.
डेयरी प्रॉडक्ट्स का सेवन करने से शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ने लगती है, जो कब्ज का कारण साबित होता है।। चित्र : अडोबी स्टॉक

मनुष्यों में कई बीमारियां जानवरों से होकर फैलती हैं। ज़्यादातर वायरस पशुओं से होकर मानव शरीर में प्रवेश करते हैं, जैसे स्वाइन फ्लू या चिकन पॉक्स। पशुओं से मनुष्यों में आने वाली बीमारियों को जूनोटिक डिजीज कहा जाता है। समय-समय पर ऐसी बीमारियां फैलती रहती हैं। इन दिनों में गाय में लम्पी स्किन डिजीज फैलने के मामले सामने आ रहे हैं। पर क्या ये बीमारी भी जूनोटिक डिजीज है? क्या इस दौरान सुरक्षित है डेयरी उत्पादों का सेवन करना? आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

आजकल भारत में लम्पी वायरस पशुओं को तेज़ी से अपनी चपेट में ले रहा है। लम्पी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) ने राजस्थान के कई पशुओं को प्रभावित किया है। कुल 11 लाख से ज़्यादा गाय इससे प्रभावित हैं और 51000 की मृत्यु हो चुकी है।

इसके अलावा महाराष्ट्र में भी लम्पी वायरस से अब तक 126 मवेशियों (Cattle) की मौत हो चुकी है। राज्य के पशुपालन विभाग की ओर से शनिवार को दी गई जानकारी के अनुसार, वहां इससे 25 जिले संक्रमित हो चुके हैं।

सरकार के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार लम्पी वायरस तेजी से फैल रहा है। ऐसे में ये जानना बहुत ज़रूरी है कि क्या यह गायों से मनुष्यों को प्रभावित कर सकती है? साथ ही, यह भी जानना ज़रूरी है कि यदि गायों को यह बीमारी हो रही है, तो डेरी उत्पादों का उपयोग करना कितना सही है।

आपके इन्हीं सब सवालों के जवाब जानते हैं इस लेख के माध्यम से, लेकिन पहले कुछ जानकारी इस बीमारी के बारे में।

क्या है लम्पी डिजीज?

यह एक वायरल इन्फेक्शन (Viral Infection) है, जो पशुओं को प्रभावित करता है। लम्पी स्किन डीजीज, वायरस के कारण होती है। यह रक्त-पोषक कीड़ों, जैसे मक्खियों और मच्छरों की कुछ प्रजातियों या टिक्स द्वारा प्रेषित होता है जो कि बुखार का कारण बनता है।

लम्पी डिजीज की वजह से क्या पनीर खाना सही है। चित्र: शटरस्टॉक

इससे उनकी त्वचा पर गांठें या फफोले पड़ सकते हैं। अगर स्थिति गंभीर हो जाए तो मृत्यु भी हो सकती है। खासकर उन जानवरों में जो पहले वायरस के संपर्क में नहीं आए हैं। इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए पशुओं का टीकाकरण करवाया जा सकता है।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

यूरोपियन फूड सेफ्टी अथॉरिटी (EFSA) के अनुसार, लम्पी स्किन डिसीज से बुखार आता है और त्वचा पर गांठें पड़ जाती हैं।

तो क्या लम्पी स्किन डिजीज जानवरों से इंसानों में फैल सकती है?

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, यह रोग अधिकांश अफ्रीकी देशों में पहले से ही है। 2012 से यह मध्य और दक्षिण पूर्व यूरोप और एशिया में फैल रहा है। एशिया में लम्पी स्किन डीजीज 2019 से मवेशियों को संक्रमित कर रही है।

क्या इंसान भी संक्रमित हो सकते हैं? इंसान लम्पी स्किन डीजीज पैदा करने वाले वायरस से संक्रमित हो सकता है या नहीं यह सबसे बड़ा सवाल है। विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH) ने एक बयान में कहा कि लम्पी स्किन डीजीज की मृत्यु दर 1 से 5 प्रतिशत है। मगर, यह रोग जूनोटिक (Zoonotic) नहीं है। जिसका मतलब है कि यह जानवरों से मनुष्यों में नहीं फैलता है, और मनुष्य इससे संक्रमित नहीं हो सकते हैं।

तो क्या संक्रमित पशुओं के दूध या पनीर का सेवन करना सुरक्षित है?

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार दूध उबालने के बाद या बिना उबाले दूध की गुणवत्ता में कोई समस्या नहीं है। आप किसी भी डेरी उत्पाद का सेवन कर सकती हैं। ऐसे में संक्रमित मवेशियों के दूध का सेवन करना सुरक्षित है।

मगर फिर भी हमारा आपसे आग्रह है कि दूध उबालकर ही पिएं। यदि आप दूध – दही या पनीर खाने की कोशिश कर रही हैं, तो भी बेफिक्र रहिए। लम्पी वायरस की चपेट में आए किसी भी पशु के कोई भी डेरी उत्पाद खाये जा सकते हैं। मगर, खाना पका कर ही खाएं।

आप चाहें तो प्लांट बेस्ड पनीर (Plant Based Paneer) के विकल्प पर भी गौर कर सकती हैं। डेयरी अथवा संक्रमित पशु के संपर्क में आने के दौरान हाइजीन का खास ख्याल रखें और हैंड सेनिटाइज़र का इस्तेमाल करें। आप चाहें तो हाथों पर ग्लव्स भी पहन सकती हैं।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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