क्या टिफिन शेयर करने से बच्चों में कोविड-19 फैल सकता है? एक्सपर्ट ने दिए ऐसे ही जरूरी सवालों के जवाब

एक ही सीट पर साथ बैठने से लेकर टिफिन शेयर करने तक, बच्चे वे सब करते हैं, जिन्हें न करने की आपने उन्हें सख्त हिदायत दी है! तब जानिए कैसे रखेंगी आप अपने स्कूल जाने वाले बच्चे का ख्याल।
Tiffin ke liye healthy quick recipes
बच्चों के टिफिन के लिए तैयार करें ये 4 हेल्दी और क्विक रेसिपीज़। चित्र : शटरस्टॉक
योगिता यादव Updated: 25 Apr 2022, 16:39 pm IST
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कोविड-19, कोरोनावायरस के मामले दिल्ली-एनसीआर (Covid-19 cases in Delhi-NCR) में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Mohfw) के अनुसार दिल्ली में कोविड-19 के 1083 ताज़ा मामले सामने आए हैं। देश भर के कोविड-19 के सक्रिय मामलों (2541) से तुलना करें तो यह 57 फीसदी से ज्यादा है। दिल्ली में अभी हाल ही में स्कूल खुले हैं और कोरोना संक्रमितों में बच्चों की संख्या (Covid-19 in children) भी बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में अपने बच्चे को लेकर आपके मन में चिंता होना स्वभाविक है। छोटे बच्चे, जो वैक्सीन की उम्र सीमा में नहीं आते, सबसे ज्यादा चिंता उनके बारे में महसूस की जा रही है। ज्यादातर मांएं छोटे बच्चों को स्कूल भेजने और कोविड-19 की चौथी को लहर को लेकर आशंकित हैं। मगर परेशान न हों, क्योंकि इस बारे में आपके मन में जो सवाल उठ रहे हैं, उन सबके जवाब हेल्थशॉट्स पर आपको मिलेंगे।

स्कूल खुलते ही बढ़ने लगा है बच्चाें में कोरोनावायरस

लंबे लॉकडाउन के बाद स्कूलों का खुलना जहां राहत भरा था, वहीं अचानक कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के मामलों में आया उछाल पेरेंट्स की चिंता का कारण बन गया है।

ज्यादातर पेरेंट्स इस बात को लेकर चिंतित हैं कि वे अपने बच्चों को ऑफलाइन दुनिया में वापस भेजें या कोविड-19 संक्रमण के डर से उन्हें फिर से घरों में बंद कर लें।

इसके लिए हमने फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीट्यूट, गुरुग्राम में पिडियाट्रिक पल्‍मोनोलॉजी की एडिशनल डायरेक्‍टर डॉ नीतू तलवार से बात की। डॉ नीतू तलवार ने उन सभी सवालों के जवाब दिए, जो ज्यादातर मॉम्स की चिंता का कारण बन रहे हैं।

यहां जानिए स्कूलों में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच बच्चों को कैसे सुरक्षित रखा जाए (How to protect children from Covid-19)

1. कोविड-19 का नया वेरिएंट एक्सई (Covid19 XE Variant) क्या बच्चों को भी संक्रमित कर सकता है? इसके लक्षण कैसे हो सकते हैं? 

-नीलिमा सिंह, होम मेकर  

नए वेरिएंट (XE Variant) के लक्षण भी पिछले वेरिएंट यानि ओमिक्रॉन (Omicron) जैसे ही हैं। यानि इसके सामान्‍य लक्षणों में बुखार, जुखाम, खांसी और आलस्‍य तथा भूख में कमी है। हां, बच्‍चे भी इस वेरिएंट के शिकार बन रहे हैं। इसलिए ऐसे लक्षण दिखने पर बच्चे पर ध्यान देना जरूरी है।

Omicron aur XE variant bachcho ko bhi apna shikar bana rahe hain
ओमिक्रोन और एक्सई वेरिएंट बच्चों को भी संक्रमित कर सकते हैं। चित्र:शटरस्टॉक

2. दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं, क्या ऐसे में मुझे अपने बच्चे को स्कूल भेजना चाहिए?

-स्वाति शर्मा, सॉफ्टवेयर इंजीनियर  

चूंकि इस वेरिएंट की वजह से कोई जटिल या गंभीर रोग नहीं फैल रहा है, इसलिए स्‍कूलों को खुला रखा जा सकता है। लेकिन बच्‍चों को निम्‍न सावधानियां बरतने के बारे में भली-भांति बताया जाना चाहिए –

  1. हमेशा फेस मास्‍क का इस्‍तेमाल करें
  2. हाथों की साफ-सफाई का ध्‍यान रखें और हाथों को बार-बार धोएं
  3. बार-बार सेनिटाइज़र का प्रयोग करते रहें
  4. सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करें

3. मेरी बेटी 9 साल की है और वह बहुत देर तक मास्क नहीं पहन पाती, उसका दम घुटने लगता है, ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए?

केतकी सिन्हा, सीए

यदि आपका बच्‍चा पहले से ही डायबिटीज़, छाती के पुराने रोगों आदि से ग्रस्‍त है, तो बच्‍चे को स्‍कूल न भेजें। साथ ही, जो बच्‍चे अपने दादा-दादी/नाना-नानी (Grand parents) या घर में गर्भवती माताओं/महिलाओं के साथ रहते हैं, उन्‍हें भी स्‍कूलों में सावधानी बरतनी चाहिए और उनके मामले में हाइब्रिड टीचिंग का विकल्‍प चुना जा सकता है।

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4. मेरा बेटा अभी 10 साल का है और उसे कोविड वैक्सीन नहीं लगी है, ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए?

-एशना अग्रवाल, आर्किटेक्ट 

आपको बच्‍चे को सही तरीके से मास्‍क पहनने की ट्रेनिंग देनी चाहिए, ताकि भविष्‍य में किसी भी किस्‍म के गंभीर मामलों के पैदा होने पर, वह पहले से ही सही ढंग से तैयार रहे। इसका कोई विकल्‍प नहीं है। सुनिश्चित करें कि मास्‍क साफ-सुथरे हों और उन्‍हें बार-बार बदला जाए।

5. क्या कोविड का नया वेरिएंट, ओमिक्रोन और एक्सई बच्चों के लिए घातक भी साबित हो सकता है?

– निवेदिता झा, मार्केटिंग एनालिस्ट 

हां, अगर घर में दादा-दादी/नाना-नानी (Grand Parents) या गर्भवती महिलाएं (Pregnant women) नहीं हैं, तो उन्‍हें स्‍कूल जाना चाहिए। साथ ही स्कूल में और बाहर निकलते वक्त बच्चों को कोविड गाइडलाइंस का पालन करने के प्रति जागरुक बनाएं।

कोरोनाकाल के दौरान ऐसे रखें अपने बच्चों का ख्याल. चित्र : शटरस्टॉक
कोरोनाकाल के दौरान ऐसे रखें अपने बच्चों का ख्याल. चित्र : शटरस्टॉक

6. बहुत मना करने के बावजूद बच्चे एक-दूसरे का टिफिन शेयर कर रहे हैं, क्या यह कोविड के प्रसार का कारण बन सकता है?

-बबीता नैन, टीचर 

नहीं, वायरस का प्रसार सांस के जरिए होता है, यानि यह हवा से फैलता है। यदि सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन किया जाता है, तो वे निश्चित रूप से आपस में टिफिन शेयर कर सकते हैं।

7. मेरी बेटी अभी पांच साल की है और उसने इसी सेशन से स्कूल जाना शुरू किया है। कोविड के बढ़ते मामलों के बीच क्या मुझे स्कूल ट्रांसपोर्ट लेना चाहिए?

संगीता शर्मा, डांस टीचर 

मामलों के कम होने तक कुछ दिनों के लिए प्राइवेट ट्रांसपोर्ट का इस्‍तेमाल करना समझदारी होगा। लेकिन यदि यह विकल्‍प आसान न हो, तो उपरोक्‍त सभी सावधानियों का पालन करते हुए स्‍कूल ट्रांसपोर्ट का इस्‍तेमाल करें।

8. अगर मेरे बच्चे में भी कोविड-19 के लक्षण दिखाई देते हैं तो मुझे क्या करना चाहिए?

श्वेता शर्मा, ब्यूटी एक्सपर्ट 

सबसे महत्‍वपूर्ण बात यह है कि डरें नहीं। अपने पिडियाट्रिक पल्‍मोनोलॉजिस्‍ट/पिडियाट्रिशियन से मिलें ताकि डॉक्‍टर आपके बच्‍चे की जांच कर सही इलाज की सलाह दे सकें। स्‍वयं दवाई का सेवन /इलाज न करने लगें।

9. घरेलू स्तर पर बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए मैं क्या कर सकती हूं?

-शशि यादव, सीए

बच्चे के शरीर में सही मात्रा में पानी होना चाहिए, इसलिए यह सुनिश्चित करें कि वे समय-समय पर पानी का सेवन करते रहें। वे स्वस्थ, संतुलित, घर में पका हुआ भोजन लें। साथ ही, साफ-सफाई का भी पालन करें। अच्छी हाइजीन का पालन करें और खासतौर से कफ हाइजीन का पूरा ध्यान रखें।

coronavirus third wave
खाना खाने से पहले हाथ धोएं – हाथ धोना वायरस को मारने का सबसे अच्छा तरीका है। सेंटर फॉर प्रिवेंशन एंड डिजीज कंट्रोल के अनुसार 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धोने से कोविड – 19 का वायरस मर सकता है। यह बात हम सभी जानते हैं मगर खाना खाने से पहले भी हाथ धोना उतना ही ज़रूरी है जितना की बाहर से आकर। अगर आपका बच्चा स्कूल जा रहा है तो उसे खाना खाने से पहले हाथ धोने के लिए कहें।

कफ हाइजीन का मतलब है कि बच्चों को बताएं कि खांसते समय उन्हें टिश्यू पेपर से मुंह ढकना है और इस्तेमाल के बाद टिश्यू पेपर को ढक्कन वाले डस्टबिन में डालना है। उन्हें यह भी सिखाएं कि वे खांसते समय कोहनी के घेरे में मुंह नीचे फर्श की तरफ रखें।

10. हमारा संयुक्त परिवार है, मेरे सास-ससुर डायबिटिक हैं। और मेरे बच्चे के स्कूल में कुछ बच्चों में खांसी-जुकाम जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। क्या मुझे अपने बच्चे को उसके ग्रेंड पेरेंट्स से अलग कर देना चाहिए?

गार्गी गोयल, होम मेकर 

निश्चित रूप से हां। चूंकि वे संक्रमण का शिकार बन सकते हैं, अंत: हमें उन्हें हर कीमत पर सुरक्षित रखना चाहते हैं।

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कंटेंट हेड, हेल्थ शॉट्स हिंदी। वर्ष 2003 से पत्रकारिता में सक्रिय। ...और पढ़ें

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