समय के साथ कोरोनरी आर्टरी में कैल्शियम जमा होने लगता है। इसे कैल्सीफिकेशन (Calcification) कहते हैं। यह हृदय संबंधी जोखिम (Heart Disease Risk) बढ़ा देता है। यह कोरोनरी धमनी को संकुचित कर देता है। इसके कारण सीने में दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं। हेल्थकेयर प्रोवाइडर के पास कैल्सीफिकेशन को हटाने के लिए कई विकल्प होते हैं। ज्यादातर उपचार के मामलों में सफलता मिलती है। कोरोनरी कैल्शियम स्कोर (Coronary Calcium Score) के माध्यम से कोरोनरी आर्टरी कैल्सीफिकेशन (Coronary Artery Calcification) का पता लगाया और उपचार किया जाता है। इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने बात की न्यूबर्ग सुप्राटेक रेफरेंस लेबोरेटरी में कंसलटेंट पैथोलोजिस्ट डॉ. आकाश शाह से।
कोरोनरी आर्टरी कैल्सीफिकेशन हृदय की दो मुख्य धमनियों ( Coronary Artery) में कैल्शियम का संग्रह है। ऐसा तब होता है जब आपकी धमनियों में लगभग पांच वर्षों तक प्लाक (फैट और कोलेस्ट्रॉल) बनता रहा है। यही प्रक्रिया एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) कहलाती है। कोरोनरी आर्टरी कैल्सीफिकेशन कोरोनरी आर्टरी डिजीज का संकेत देता है। जब धमनियों में प्लाक जमा हो जाता है, तो इससे ब्लड फ्लो कठिन हो जाता है और हार्ट प्रॉब्लम होते हैं। कोरोनरी कैल्शियम स्कोर के माध्यम से आर्टरी कैल्सीफिकेशन का पता लगाया जाता है।
जिन लोगों को कोरोनरी हार्ट डिजीज होता है, उनमें आमतौर पर कोरोनरी आर्टरी में कैल्सीफिकेशन होता है। 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में इसकी समस्या हो सकती है। 90% से अधिक पुरुषों और 67% महिलाओं में कोरोनरी आर्टरी कैल्सीफिकेशन होता है। मेनोपॉज से पहले एस्ट्रोजन महिलाओं को एथेरोस्क्लेरोसिस विकसित होने से बचाता है। यही कारण है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में एथेरोस्क्लेरोसिस 10 से 15 साल बाद विकसित होता है।
डॉ. आकाश शाह बताते हैं, ‘कोरोनरी कैल्शियम स्कोर एक माप है, जिसका उपयोग कोरोनरी आर्टरी में कैल्शियम बिल्ड अप अमाउंट का आकलन करने के लिए किया जाता है। यह बिल्डअप एथेरोस्क्लेरोसिस का एक मार्कर है, जो हृदय रोग का कारण बन सकता है। स्कोर एक नॉन-इनवेसिव सीटी स्कैन के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। इसे एक न्यूमेरिक वैल्यू के रूप में दिया जाता है। हाई स्कोर भविष्य में हृदय संबंधी समस्याओं के अधिक जोखिम का संकेत देता है। यह परीक्षण डॉक्टरों को हृदय रोग के जोखिम वाले व्यक्तियों की पहचान करने और इसके उचित ट्रीटमेंट के उपाय में मदद करता है।’
डॉ. आकाश शाह के अनुसार, कोरोनरी कैल्शियम स्कोर रेंज हृदय रोग के जोखिम की जानकारी प्रदान करती है। आम तौर पर जीरो (0) का स्कोर न्यूनतम या कोई कैल्शियम निर्माण नहीं होने का संकेत देता है। यह न्यूनतम जोखिम का संकेत देता है। 1 और 100 के बीच का स्कोर हल्के बिल्डअप और मध्यम जोखिम का सुझाव देता है। 101 और 300 के बीच का स्कोर मध्यम से हाई रिस्क का संकेत देता है। 300 से ऊपर का स्कोर हृदय रोग के काफी अधिक जोखिम को दर्शाता है। उम्र, लिंग और अन्य कारकों के आधार पर यह स्कोर अलग भी हो सकता है। इसके लिए हेल्थकेयर एक्सपर्ट के साथ अपने स्कोर पर चर्चा करना जरूरी है।
हृदय रोग के डायग्नोसिस के लिए कोरोनरी कैल्शियम स्कोर मददगार उपकरण है। कोरोनरी आर्टरी में कैल्शियम बिल्ड अप अमाउंट निर्धारित करने से यह किसी व्यक्ति में हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम का आकलन करने में मदद करता है। यह नन इन्वेशिव परीक्षण एथेरोस्क्लेरोसिस का जल्दी पता लगाता है, जो हृदय रोग का प्रमुख कारण है। हाई स्कोर हाई रिस्क का संकेत देकर समय पर ट्रीटमेंट और जीवनशैली में बदलाव के लिए प्रेरित करता है। यह रोगियों के आगे के क्लिनिकल टेस्ट की जरूरत को निर्धारित करने में डॉक्टर की मदद करता है। इस परीक्षण का उपयोग व्यक्तिगत उपचार योजनाओं को लागू कर रोगियों के हार्ट हेल्थ पर नियंत्रण रखने में मदद कर सकता है।
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