समर सीजन शुरू होते ही कार्बोनेटेड ड्रिंक (Carbonated drinks) यानी कि सॉफ्ट ड्रिंक (soft drinks) की डिमांड भी तेजी से बढ़ना शुरू हो जाती है। अलग-अलग फ्लेवर में विभिन्न प्रकार के सॉफ्ट ड्रिंक्स बाजार में उपलब्ध हैं। यह लोगों को काफी ज्यादा पसंद होता है। गर्मियों में लोग इसे अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बना लेते हैं और दिन में एक बार जरूर पीते हैं। बर्थडे पार्टी हो या ऑफिस पार्टी कार्बोनेटेड ड्रिंक्स न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। लोग जितना इसे पसंद करते हैं, उतना ही यह उनकी सेहत के लिए हानिकारक होता है। खासकर इसका सेवन पेट के लिए अधिक नुकसानदेह होता है (side effects of carbonated drinks)। ऐसे में इस गर्मी खुद को स्वस्थ रखने के लिए कार्बोनेटेड ड्रिंक्स से जितना हो सके उतना परहेज रखने की कोशिश करें।
हेल्थशॉट्स ने कार्बोनेटेड ड्रिंक्स के साइड इफेक्ट को लेकर मैक्स हॉस्पिटल गुरुग्राम की डिपार्टमेंटल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स की हेड क्लीनिकल न्यूट्रीशनिस्ट उपासना शर्मा से सलाह ली। उन्होंने इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण साइड इफेक्ट के बारे में बताया है। तो चलिए जानते हैं, यह सेहत के लिए किस तरह हानिकारक होती है (side effects of carbonated drinks)।
कार्बोनेटेड ड्रिंक में रिफाइंड शुगर की मात्रा पाई जाती है। वहीं इसमें किसी प्रकार का पोषक तत्व मौजूद नहीं होता। ऐसे में एम्प्टी कैलरी कार्बोनेटेड ड्रिंक्स के सेवन से शरीर में ब्लड ग्लूकोज का स्तर तेजी से बढ़ता है। जिसके कारण आपको बार बार भूख लगती है और साथ ही थकान महसूस होता है। इसके नियमित सेवन से टाइप 2 डायबिटीज होने का जोखिम बढ़ जाता है।
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आमतौर पर गर्मी में कार्बोनेटेड ड्रिंक को लोग प्यास बुझाने के लिए पीते हैं। परंतु असल में इसका सेवन आपके शरीर को डिहाइड्रेटेड कर देता है। इसके सेवन से बार-बार बाथरूम जाने की आवश्यकता पड़ती है। वहीं पेशाब की अधिकता आपके लिए उचित नहीं है क्योंकि ये आपके शरीर से पानी को पूरी तरह बाहर निकाल देती है।
न्यूट्रीशनिस्ट के अनुसार कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का नियमित सेवन दांतो की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। कैल्शियम और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का इंटरेक्शन बिल्कुल भी उचित नहीं है। इसके साथ ही सॉफ्ट ड्रिंक्स में मौजूद एसिड की मात्रा इनेमल को कमजोर कर देती है और ऐसे में दांतों में सड़न आना शुरू हो जाता है।
अधिक मात्रा में सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन किडनी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। यह बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद करता है। ऐसे में इसके प्रभावित होने से शरीर में अन्य प्रकार की समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। न्यूट्रीशनिस्ट के अनुसार किडनी आपके शरीर से एसिडिक ड्रिंक्स जैसे कि कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और सॉफ्ट ड्रिंक इत्यादि को फ्लश करता है। ऐसे में इन एसिडिक ड्रिंक्स की अधिकता किडनी स्टोन का कारण बन सकती है।
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सॉफ्ट ड्रिंक्स में मौजूद कैफीन काफी ज्यादा एडिक्टिव होती है। इसके साथ ही यह एड्रेनालाईन के उत्पादन को बढ़ा देती है। नियमित रूप से सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन आपकी नींद की गुणवत्ता को पूरी तरह से खराब कर देती है। इसकी वजह से शरीर में कई तरह की समस्याएं देखने को मिलती है। साथ ही ये डाइजेशन के लिए भी बिल्कुल उचित नहीं होता।
कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन ब्लीचिंग का कारण बनता है। ऐसी स्थिति में खाने और पेट का एसिड फूड पाइप में वापस आ जाता है जिसकी वजह से हार्टबर्न और खट्टे डकार आने जैसी समस्याएं होती हैं। वहीं एसिड और सोडा पेट की लाइनिंग को इरिटेट कर देता है और एसिड रिफ्लक्स को बढ़ावा देता है।
न्यूट्रीशनिस्ट के अनुसार इन ड्रिंक्स को बनाने में इस्तेमाल होने वाले फास्फेट और अन्य प्रोसेस फूड्स जैसे कि रिफाइंड शुगर एजिंग प्रोसेस को बढ़ावा देने का काम करते हैं। यह केवल रिंकल्स ही नहीं बल्कि त्वचा से जुड़ी अन्य समस्याओं के लिए भी जिम्मेदार होता है। इसके साथ ही इसके अधिक सेवन से किडनी और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
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