युवावस्‍था में ही कंट्रोल कर लें हाई बीपी, कार्डियोलॉजिस्‍ट से जानिए हाइपरटेंशन से बचने के उपाय

आजकल उच्च रक्तचाप की बीमारी से केवल बुज़ुर्ग ही नहीं, बल्कि युवा भी प्रभावित हो रहें हैं। हमने एक सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट से बात की, जिन्होंने हमें इस बीमारी से बचने के उपाय बताए।
युवाओं का ब्‍लड प्रेशर भी अब हाई रहने लगा है, जरूरी है इससे बचना। चित्र: शटरस्‍टॉक
Dr Santosh Kumar Dora Updated: 25 Apr 2022, 18:09 pm IST
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आजकल उच्च रक्तचाप एक बहुत ही सामान्य रोग हो गया है। इसे ऐसे समझिए कि जब आपका रक्तचाप लगातार 140/90 से अधिक होता है, तो आप हाई ब्ल ड प्रेशर के शिकार माने जाते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार पूरी दुनिया में लगभग 1.32 बिलियन लोगों को उच्च रक्तचाप है। हर चार पुरुषों में लगभग एक पुरुष और हर पांच में से एक महिला इस बीमारी से पीड़ित है।

भारत में हाल के एक अध्ययन से पता चलता है कि 20 से 44 वर्ष की आयु वर्ग के 22% भारतीयों को उच्च रक्तचाप है। जबकि 45 से 54 वर्ष की आयु वर्ग में 40% लोग इससे पीड़ित हैं और 55 वर्ष से अधिक आयु के 50% लोगों को यह बीमारी है।

अक्सर इग्नोर कर दिया जाता है हाई बीपी

बहुत से लोग महसूस नहीं करते हैं कि उन्हें उच्च रक्तचाप है। क्योंकि उनमें कभी कोई लक्षण नज़र नहीं आते। इन्हें या तो स्वास्थ्य जांच के दौरान उच्च रक्तचाप का पता चलता है या किसी अन्य कारण से डॉक्टर से मिलने पर अचानक इन्हें मालूम होता है कि इनका ब्ल्ड प्रेशर हाई रहता है।

अगर उच्च रक्तचाप पर लम्बे समय तक ध्यान न दिया जाए, तो यह किसी बड़ी बीमारी का रूप ले सकता है। जिससे आपके दिल, मस्तिष्क, गुर्दे और आंखों जैसे अंगों को प्रभावित कर सकता है। उच्च रक्तचाप से जुड़ी सबसे आम जटिलताओं में हार्ट फेल, हार्ट स्ट्रोक, गुर्दे की विफलता और रेटिना को नुकसान होना शामिल है। इससे अंधापन भी हो सकता है।

जरूरी है उच्च रक्तचाप का शीघ्र इलाज करवाना

एपीडेमियोलॉजिकल स्टपडीज (Epidemiological studies) के अध्ययन साबित करते हैं कि उच्च रक्तचाप न केवल बुजुर्गों में, बल्कि युवाओं में भी आम हो गया है। उम्र के दूसरे और तीसरे दशक में लोगों के लिए आवश्यक है कि वे अपने बीपी की जांच करवाना शुरू कर दें।

हाई बीपी से बचने के लिए फॉलो कर सकते हैं ये उपाय

1.अच्छा और स्वस्थ आहार लें

DASH (डीएएसएच) आहार पैटर्न उच्च रक्तचाप को रोकने और प्रबंधित करने में मदद करता है। आहार के दृष्टिकोण से उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए डैश डाइट सर्वोत्तम है। यह फलों, सब्जियों, कम वसा वाले डेयरी खाद्य पदार्थों, मध्यम मात्रा में साबुत अनाज, मछली, मुर्गी और नट्स पर केंद्रित होता है।

हेल्‍दी डाइट बहुत सी बीमारियों से बचने का उपाय है। चित्र : शटरस्‍टॉक

जो लोग शाकाहारी हैं वे मुर्गी और मछली को छोड़कर प्रोटीन के लिए दाल और सोयाबीन का सेवन कर सकते हैं। फल और सब्जियां पोटेशियम की आपूर्ति करती हैं, जो रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। आपके नमक का सेवन 5 ग्राम प्रतिदिन से कम होना चाहिए। अधिक नमक उच्च रक्तचाप को जन्म दे सकता है।

2. प्रतिदिन व्यायाम

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन कहता है कि उच्च रक्तचाप होने पर लोगों को मध्यम-तीव्रता वाले एरोबिक व्यायाम के 150 मिनट प्रति सप्ताह या उच्च-तीव्रता वाले एरोबिक व्यायाम 75 मिनट प्रति सप्ताह करने चाहिए। नियमित व्यायाम उच्च रक्तचाप वाले लोगों में सिस्टोलिक बीपी को 5 से 8 मिमी एचजी तक कम कर सकता है।

3. वज़न को कम करें

यदि आपका बीएमआई 20 से 25 के बीच है, तो आपका वजन बिलकुल सही है। लेकिन अगर यह इससे अधिक है, तो आपको अपना रक्तचाप कम रखने के लिए अपना वजन कम करना होगा। एक किलो तक वजन कम करने से आपका रक्तचाप एक पॉइंट तक कम हो सकता है।

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4. ध्रूमपान छोड़ दीजिए

शायद आप यह पहले से ही जानते हैं, लेकिन फिर भी हम यहां आपको याद दिलवाना चाहते हैं: धूम्रपान आपके रक्तचाप को बढ़ाता है। यह बिना कहे जाना जा सकता है कि उच्च रक्तचाप के अलावा धूम्रपान बंद करने के कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हैं।

आंकड़े बताते हैं कि स्‍मोकिंग करने वालेे लोग हाइपरटेंशन के ज्‍यादा शिकार होते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

5. शराब पीने की आदत को भी सीमित करें

अत्यधिक शराब आपके रक्तचाप को भी बढ़ा सकती है। अपने अल्कोहल के सेवन को कुछ सीमित अवसरों तक ही रखें।

6. तनाव से दूर रहें

तनाव जीवन का हिस्सा है, भले फिर यह तनाव काम का हो, पारिवारिक तनाव हो या वित्तीय तनाव हो। लेकिन हर समय तनाव में रहना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि तनाव रक्तचाप को बढ़ा सकता है।

इसलिए अपने परिवार को समय दीजिए तथा साथ में अपने तनाव के स्तर को भी नियंत्रण में रखना सीखीए।

थोड़ी-थोड़ी देर में एक ब्रेक लेकर काम कीजिए, अपना पसंदीदा कोई कार्य कीजिए और योगाभ्यास को भी अपनी आदतों में शुमार कीजिए फिर देखिए कमाल !

Prevention is better than cure (रोकथाम इलाज से बेहतर है), खासकर जब यह उच्च रक्तचाप की बात आती है, तो सचेत हो जाएं। कही यह बीमारी आपको अपने अधीन न कर ले।

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लेखक के बारे में

Dr Santosh is a Mumbai-based senior cardiologist at Asian Heart Institute. ...और पढ़ें

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