पेट और लिवर के लिए खतरनाक हो सकता है मसालों का अंधाधुंध सेवन, जानिए इसके स्वास्थ्य जोखिम

तेज़ मिर्च मसालों और तेल से भरपूर खाना खाने में भले ही स्वादिष्ट लगे। मगर ज्यादा मात्रा में उसका सेवन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने लगता है। जानते हैं मसालों का अत्यधिक सेवन करना किस तरह स्वास्थ्य के लिए होता है नुकसानदायक
Jyada masale khaane ke nuksaan
मसालों का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से गट डिसटर्बेंस, बर्निंग सेंसेशन, पाइल्स और अल्सर का खतरा बढ़ जाता है। चित्र : शटरस्टॉक
ज्योति सोही Published: 24 Aug 2024, 06:00 pm IST
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दिनभर में खाई जाने वाली लगभग सभी मील्स में मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। बहुत से लोग तेज़ मिर्च और खूब सारे गरम मसाले (spices intake) खाना पसंद करते हैं। इसमें कोई दोराय नहीं है कि इससे स्वाद में इज़ाफा होता है, मगर साथ ही डाजेस्टिव और रेस्पीरेटरी समस्याओं (Digestive and respiratory problems) का जोखिम भी बढ़ने लगता है। दरअसल, मसालों की गर्माहट शरीर को कई प्रकार से प्रभावित है। जानते हैं मसालों का अत्यधिक इस्तेमाल कैसे स्वास्थ्य को पहुंचाता है नुकसान (too much spices side effects)।

मसाले कैसे स्वास्थ्य को करते हैं प्रभावित (How spices affect health)

इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि मसालों का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से गट डिसटर्बेंस, बर्निंग सेंसेशन, पाइल्स और अल्सर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा पाचनतंत्र को भी स्लो कर देते है, जिससे एसिडिटी का जोखिम (causes of acidity) बढ़ जाता है। ज्यादा मात्रा में मिर्ची और गरम मसाले इंटेस्टाइनल लाइनिंग को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे अपच की समस्या का सामना करना पड़ता है।

हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादा मात्रा में मसालों को आहार में जोड़ने से एसोफैगिटिस की समस्या का सामना करना पड़ता है। दरअसल, आहार में कैप्साइसिनकी मात्रा गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स (Gastroesophageal reflux) का कारण बन जाती है। इसके अलावा कब्ज, पेट दर्द (stomach pain) और अपच की समस्या बढ़ने लगती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार अधिक मसालो से म्यूकोज़ल लाइनिंग में इरिटेशन बढ़ने लगती है, जिससे क्रानिक गैस्ट्रिक समस्याएं (Gastric problems) और डिस्लिपिडेमिया का जोखिम बढ़ जाता है।

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इन मसालों की मात्रा को सिमित रखने का प्रयास करें। चित्र : शटरस्टॉक

जानें कैसे ज्यादा मसाले खाना स्वास्थ्य को पहुंचा सकता है नुकसान (side effects of too much spices)

1. इनडाइजेशन

ज्यादा मात्रा में मसालों का सेवन करने से पेट में म्यूकस का प्रोडक्शन बढ़ने लगता है। इससे मेटाबॉलिक रेट असीमित तरीके से बढ़ने लगता है। ऐसे में पेट में ऐंठन व दर्द का सामना करना पड़ता है। वे लोग जिनकी गट हेल्थ संवेदनशील होती है, उन्हें पेनफुल बॉवल मूवमेंट का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा ब्लोटिंग की समस्या (tips to reduce bloating) बनी रहती है।

2. बवासीर के खतरे को बढ़ाए

डॉ अदिति शर्मा के अनुसार गरम मसालों का ज्यादा इस्तेमाल और लाल मिर्च को सीमित मात्रा से ज्यादा आहार में शामिल करने से इंटेस्टाइनल लाइनिंग इरिटेट होती हैं। इससे एनल में जलन और दर्द बढ़ जाती है। साथ ही कब्ज का भी सामना करना पड़ता है, जिससे स्टूल पास करने के दौरान दर्द बढ़ जाती है। ऐसे में हीट प्रोडयूसिग मसालों और मिर्च को खाने से बचे।

3. पेट में अल्सर की संभावना

बार बार बनने वाली एसिडिटी गैस्ट्रिक अल्सर का कारण बनने लगती है। इससे शरीर में पीएच असंतुलन का सामना करना पड़ता है। नियमित रूप से ज्यादा मसालों को खाने से स्मॉल इंटेस्टाइन पर घाव बनने लगते हैं, जिससे पेट दर्द का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा बेचैनील और पेट में सूजन बनी रहती है। ऐसे में एसिडिटी ट्रिगर करने वाले मसालों से दूरी बनाकर रखें।

stomach aur digestion me hone wale kisi bhi badlav ko ignore na karen
पेट दर्द या पाचन में होने वाले किसी भी बदलाव को इग्नोर न करें। चित्र : शटरस्टॉक

4. लिवर में सूजन

मसालेदार खाना खाने से शरीर में ऑयल इनटेक भी बढ़ने लगता है, जिससे लिवर पर बुरा असर देखने को मिलता है। वे लोग जो फैटी लिवर की समस्या से ग्रस्त है, उन्हें मसालों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इससे लिवर में सूजन का सामना करना पड़ता है, जिसके चलते बेचैनी,ख् नींद न आना और भूख न लगने की समस्या बढ़ जाती है।

मसालों का इस्तेमाल करने से पहले रखें किन बातों का ख्याल

  • ज्यादा मात्रा में आहार में मसालों को जोड़ने से बचें। सीमित मात्रा में इस्तेमाल करने से शरीर को इनसे फायदा मिलता है।
  • मसालों का सेवन खाली पेट करने से बचें। इससे इनडाइजेशन की समस्या बढ़ने लगती है और एसिडिटी का सामना करना पड़ता है।
  • आवश्यकतानुसार मसालों की खरीददारी करे। दरअसल, मसालो ंमें नमी बढ़ने से बैक्टीरिया का प्रभाव बढ़ जाता है, जिससे शरीर पर कुप्रभाव देखने को मिलता है।
  • अधिक मात्रा में मसालों को पीसने की जगह समय समय पर मसालों को पीस लें। इससे मसालों का स्वाद और अरोमा दोनों कायम रहते हैं।
  • मुख्यतौर पर पिसे मसालों की जगह साबुत मसालों का इस्तेमाल करें। इससे मिलावटी पिसे हुए मसालों से बचा जा सकता है।

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लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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