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इन लक्षणों से पता करें शरीर में विटामिन-डी की कमी, बचाव के लिए अपना सकती हैं ये 5 तरीके

विटामिन डी को अक्सर "धूप का विटामिन" कहा जाता है क्योंकि यह हमारे शरीर के माध्यम से ही निर्मित होता है। जब हमारी त्वचा का संपर्क सूर्य से होता है। विटामिन डी की कमी का सबसे ज्यादा प्रभाव हमारी हड्डियों में होता है, इसकी कमी से हड्डियाँ नरम हो सकती हैं जिसकी वजह से हड्डियों में दर्द और फ्रैक्चर हो सकता है।
Published On: 24 Mar 2025, 08:00 pm IST
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Vitamin D supplements apko arthritis and osteoporosis ke risk se bacha sakte hain
विटामिन डी सप्लीमेंट्स आपको अवसाद के जोखिम से बचा सकते हैं। चित्र: अडोबी स्टॉक

हेल्दी और फिट शरीर के लिए पोषक तत्वों के साथ-साथ विटामिन्स का होना भी बहुत जरूरी है। विटामिन्स की बात की जाए और विटामिन डी को भुला जाए तो ऐसा बिल्कुल नहीं सकता है, क्योंकि यह विटामिन शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है। विटामिन D (Vitamin D) न सिर्फ हड्डियों के लिए ही, बल्कि इम्यून सिस्टम, मानसिक स्वास्थ्य और हार्मोन बैलेंस के लिए भी कारगर है। इसकी कमी से हड्डियों में दर्द, शरीर में थकान, कमजोरी, और कई अन्य समस्याएं होने लगती हैं। विटामिन डी एक ऐसा पोषक तत्व है, जो सूर्य की रोशनी और हमारे भोजन से मिलता है। तो आईए जानते हैं कि शरीर में विटामिन डी की कमी से होने वाले लक्षणों के बारे में, साथ ही यह भी जानेंगे कि शरीर में विटामिन डी की पूर्ति के लिए क्या करना चाहिए?

जानिए विटामिन-डी की कमी के लक्षण क्या हैं?(Vitamin-D Deficiency Symptoms)

1.थकान और कमजोरी (fatigue and weakness)

शरीर में एनर्जी का लेवल विटामिन-डी की कमी की वजह से कम हो जाता है, जिसके कारण आपको थकान और कमजोरी महसूस होती है। थकान और कमजोरी के और भी कई कारण होते है जैसे खराब नींद, चिंता, ऊब या व्यायाम की कमी के कारण भी आप थका हुआ महसूस कर सकती हैं।

2. हड्डियों में दर्द (pain in bones)

विटामिन-डी कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन में सहायता करता है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। जिस वजह से आपको जोड़ों व हड्डियों में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है।

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शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन का कारण निर्जलीकरण, विटामिन-डी की कमी या मांसपेशियों की थकान होता है। लक्षण. चित्र : एडॉबीस्टॉक

3.मांसपेशियों में दर्द (muscle pain)

बॉडी में विटामिन-डी की कमी से मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द का सामना करना पड़ सकता है, अधिकतर ये दर्द पैरों और पीठ में होता है। जो आपके लिए परेशानी का कारण बनता है। इसकी वजह से आपको दर्द के साथ-साथ कमजोरी भी महसूस हो सकती है।

4.मूड स्विंग और डिप्रेशन (mood swings and depression)

ये विटामिन दिमाग के फंक्शन को प्रभावित कर सकता है। इसकी कमी के कारण आपको चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग और डिप्रेशन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। और ये तनाव का भी कारण बनते हैं।

5.बार-बार इन्फेक्शन होना (frequent infections)

इम्यून सिस्टम (immune system) को विटामिन-डी मजबूत बनाता है। इस विटामिन की कमी से शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे बार-बार इन्फेक्शन होना बीमार होना जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

6.बालों का झड़ना (hair fall)

बालों के पोर्स विटामिन-डी की कमी के कारण कमजोर हो जाते हैं, जिससे बाल झड़ने की समस्या होती है। इसकी कमी के कारण बाल कमजोर हो जाते हैं जो बाल झड़ने का मुख्य कारण बनता है।

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7.घाव भरने में देरी (delayed wound healing)

आपके शरीर के सेल्स की मरम्मत की प्रक्रिया विटामिन-डी की कमी की वजह से धीमी हो जाती है, जिससे घाव भरने में अधिक समय लगता है। जिस वजह से इंफेक्शन (infection) का खतरा बढ़ जाता है।

Vitamin D se knee pain dur karein
शरीर को हेल्दी बनाए रखने के लिए विटामिन डी का सेवन बेहद कारगर साबित होता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

क्या हैं विटामिन-डी की कमी से बचाव के उपाय (Vitamin-D Deficiency Prevention)

1.धूप में समय बिताएं (Spend time in the sun)

सूरज की रोशनी विटामिन-डी का एक बेहतरीन सोर्स है। हर दिन 25-30 मिनट धूप में बिताने से शरीर में विटामिन-डी का लेवल सही करने में मदद होती है। इसके लिए सुबह की धूप (morning sunshine) सबसे ज्यादा फायदेमंद होती है। इसके लिए आप सुबह जल्दी उठ कर कुछ देर धूप में बिताएं। इससे आपको राहत मिलेगी।

2.हेल्दी डाइट लें (have a healthy diet)

इसके लिए आप अपनी डाइट में विटामिन-डी से भरपूर फूड आइटम्स , जैसे- मछली जैसे सालमन,मैकेरल, सार्डिन टूना, अंडे, दूध, दही, संतरे का रस, मशरूम , पनीर, गाजर का जूस और फोर्टिफाइड अनाज को अपनी डाइट में शामिल करें। इस डाइट से विटामिन डी कि कमी को पूरा किया जा सकता है।

3.सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल (supplements)

अगर डाइट और धूप से विटामिन-डी की कमी को पूरा नहीं कर पा रही हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर विटामिन-डी के सप्लीमेंट्स (Vitamin D supplements) भी ले सकती हैं। इसके लिए आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

4.नियमित एक्सरसाइज (regular exercise)

नियमित एक्सरसाइज (exercise) करने से शरीर में विटामिन-डी का लेवल बनाए रखने में सहायता मिलती है। आप सुबह की धूप में एक्सरसाइज करने की कोशिश करें इससे आपके शरीर में विटामिन-डी का लेवल बढ़ेगा।

5.हेल्थ चेकअप (health checkup)

आप नियमित रूप से हेल्थ चेकअप करवाते रहें और विटामिन-डी के लेवल की जांच कराते रहें। समय पर इसकी कमी का पता लगाकर समय रहते इलाज किया जा सकता है। इसके लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
रूबी शुक्ला
रूबी शुक्ला

रूबी शुक्ला युवा हिंदी कंटेट क्रिएटर हैं। वे स्किन केयर, हेयर केयर, हेल्दी लाइफस्टाइल और पारंपरिक उपचार पद्धति के बारे में लिखती हैं।

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