उत्तर प्रदेश, बिहार सहित कई अंचलों में मनाया जाने वाला महापर्व छठ (Chhath puja) शुरू होने वाला है। हालांकि यह प्रकृति की उपासना का पर्व है। पर चार दिनों तक चलने वाले त्योहार छठ पूजा में 36 घंटे का निर्जला उपवास (Chhath puja fasting) रखा जाता है। जबकि हम जानते हैं कि पानी मानव शरीर के लिए बेहद जरूरी है। किडनी को शरीर से वेस्ट मैटीरियल बाहर निकालने के लिए पानी की जरूरत पड़ती है। वहीं आपकी त्वचा, मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों के लिए भी पानी बहुत जरूरी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इतने अधिक समय तक बिना पानी के रहने पर कई स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। हालांकि यह व्यक्ति विशेष पर भी निर्भर करता है। आइये इस बारे में जानते हैं सब कुछ।
बैरी एम पोपकिन, किर्स्टन एनसी, इरविन रोसेनबर्ग ने वर्ष 2010 में वाटर इन्टेक के महत्व पर एक शोध किया। इसके निष्कर्ष के अनुसार पानी महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। पोषण संबंधी नॉन कम्युनिकेबल रोगों की रोकथाम के लिए पानी का महत्व बहुत अधिक है।
इनके अलावा, किडनी को ब्लड से अपशिष्ट पदार्थ को बाहर निकालने के लिए पर्याप्त पानी की जरूरत पडती है। पानी की कमी होने पर किडनी अधिक ऊर्जा का उपयोग करने लगती है और ऊतक के खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। समस्या अधिक गंभीर होने पर किडनी काम करना बंद भी कर सकती है। पानी की कमी का असर शरीर के अन्य अंगों के कार्य पर भी पड़ता है।
इसकी कमी कुछ ही दिनों में घातक साबित हो सकती है। पानी नहीं पीने के 3- 4 दिन बाद से स्वास्थ्य समस्याएं शुरू हो सकती हैं। उपरोक्त शोध के अनुसार, यदि व्यक्ति पानी नहीं पीता है, तो उसकी जान भी सकती है।
पोषण विशेषज्ञ और एनर्जी संस्थान की संस्थापक सबसे मधु राय कहती हैं, ‘पहली बात कि छठ के समय थोड़ी ठंड शुरू हो जाती है। इसलिए शरीर को पानी की जरूरत कम पड़ती है। कुछ खाद्य पदार्थ भी उन्हें देर तक हाइड्रेटेड रहने में मदद करते हैं। जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है, जैसे नारियल, खीरा, तरबूज, मूली आदि लेने से कुछ समय तक उन्हें हाइड्रेटेड रहने में मदद मिलती है। पर अगर इनका भी सेवन नहीं किया जाता है, तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीती हैं, तो आप डिहाइड्रेशन की शिकार हो सकती हैं। इससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
पोषण विशेषज्ञ मधु राय बताती हैं, ‘ डिहाइड्रेशन होने पर एनर्जी लेवल बहुत कम हो जाता है। पानी दिमाग को सतर्क और शरीर को संतुलित रखने में मदद करता है। हमारे दिमाग में लगभग 80% पानी है। पर्याप्त मात्रा में पानी हम मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं। पानी मेमोरी लॉस से बचाव और साउंड स्लीप लाने में मदद करता है।
डिहाइड्रेशन से स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। पानी ब्लड सर्कुलेशन में मदद करता है और दिल को स्वस्थ रखता है। यदि आपको लगता है कि आप बेहोश होने वाली हैं, तो तुरंत 2 घूंट पानी पीएं।
मधु बताती हैं, ‘पानी नहीं पीने से एसिडिटी और सिरदर्द की समस्या अक्सर निर्जला व्रत रखने वालों को हो जाती है। यह थकान का कारण भी बन सकता है। इससे आप चिड़चिडी भी हो सकती हैं।’
शरीर में हर कार्य के लिए पानी की जरूरत होती है। डिहाइड्रेशन के कारण मेटाबोलिज्म स्वाभाविक रूप से धीमा हो जाता है। इससे शरीर का हर कार्य प्रभावित हो जाता है। यहां तक कि स्टूल कड़ा हो जाता है और बोवेल मूवमेंट में दिक्कत होती है ।
स्किन को हेल्दी और हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी की जरूरत होती है। पर्याप्त मात्रा में स्किन को पानी नहीं मिलने पर कोलेजन लेवल प्रभावित हो जाता है। इससे महीन रेखाएं और झुर्रियां पड़ सकती हैं।
पानी पीने से वजन कम करने में भी मदद मिलती है। लगातार पानी पीते रहने से भूख कम महसूस होती है। हालांकि भोजन का विकल्प पानी नहीं हो सकता है।
मधु के अनुसार, डायबिटीज के मरीज को लंबे समय तक उपवास नहीं रखना चाहिए। क्योंकि उन्हें हर कुछ घंटे पर खाते रहना पड़ता है। यदि ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में नहीं रहता है, या डायबिटीज के कारण कोई और परेशानी है या इंसुलिन लेती हैं, तो आपको व्रत नहीं रखना चाहिए। टाइप 1 डायबिटीज होने पर भी व्रत रखने से बचना चाहिए। डायबिटीज पेशेंट अपने डॉक्टर से संपर्क करने के बाद ही उपवास रखें।
यदि शुगर लेवल कंट्रोल रहता है और आपने उपवास किया है, तो नींबू पानी, लस्सी, छाछ, नारियल पानी समय-समय पर लेती रहें। थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ हेल्दी चीजें खाती रहें, ताकि ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहे।
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