चेस्ट कंजेशन या छाती में दर्द का कारण हमेशा हार्ट अटैक नहीं होता। छाती में दर्द होना और भारीपन महसूस होना हार्ट अटैक का एक प्रमुख लक्षण हैं। मगर चेस्ट कंजेशन कई और कारणों (Chest congestion causes) से भी हो सकती है। जिसमें खराब हवा में सांस लेना और प्रदूषण भी शामिल है। अगर इन दिनों आप भी थोड़ा चलने में ही थक जाते हैं और सांस लेने में दिक्कत महसूस करते हैं, तो ये दोनों चेस्ट कंजेशन के लक्षण (chest congestion symptoms) हैं। इसके अलावा छाती में जमाव के बाद आपको दर्द का अनुभव (Sign of chest congestion) भी हो सकता है। अगर आप पहले से ही श्वसन संबंधी समस्याओं अथवा हृदय रोगों के जोखिम में हैं, तो यह समय आपके लिए और भी ज्यादा ध्यान देने का है। यहां जानते हैं चेस्ट कंजेशन से निपटने के घरेलू (How to deal with chest congestion at home) उपाय।
प्रदूषित हवा, जिसमें कार्बनडाइऑक्साइड का स्तर और डर्ट पार्टिकल्स बहुत ज्यादा होते हैं, ऐसी हवा में सांस लेना आपके पूरे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। दिल्ली-एनसीआर का एक्यूआई लेवल (Delhi-NCR AQI) इन दिनों बहुत खराब और खतरे के स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली में प्रदूषण के कारण स्कूल-कॉलेजों को ऑनलाइन मोड पर ला दिया गया है। जबकि कार्यालयों में 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम (Work from in Delhi-NCR) की सिफारिश की गई है।
ये वे जरूरी उपाय हैं, जो प्रदूषण से आपकी सेहत की सुरक्षा (Preventive measures for pollution) में मददगार साबित हो सकते हैं। इन दिनों प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा बढ़ गया है कि घर की बालकनी या छत पर खडे़ होने में भी आंखों में जलन और छाती में भारीपन (chest congestion) महसूस होता है। छाती में भारीपन एक संकेत है कि आपके फेफड़ों (Sign of poor lung health) को जरूरत से ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है।
डॉ. अक्षय काशिद, मणिपाल हॉस्पिटल, बाणेर, पुणे में कंसल्टेंट कार्डियोलॉजी हैं। वे कहते हैं कि यह मौसम हृदय स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए आपको अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।
चेस्ट कंजेशन अथवा छाती में जमाव असल में श्वसन पथ के निचले हिस्से में बलगम या कफ का जमाव है। यह प्रदूषित हवा में सांस लेने और सांस के साथ डर्ट पार्टिकल्स के अंदर चले जाने के कारण भी हो सकता है।
डॉ. अक्षय काशिद कहते हैं, “छाती में जमाव, जिसे अक्सर कंजेशन कहा जाता है, कई कारणों से हो सकता है। सर्दी-जुकाम, फ्लू, एलर्जी, अस्थमा, धूल-मिट्टी या प्रदूषण के संपर्क में आना इसके मुख्य कारण हैं।
इसके अलावा धूम्रपान, अत्यधिक ठंडे वातावरण में रहना या फेफड़ों के किसी संक्रमण से भी छाती में जमाव हो सकता है। इस स्थिति में बलगम फेफड़ों में जमा हो जाता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है, खांसी आती है, और छाती में भारीपन महसूस होता है।”
छाती के जमाव से राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपाय कारगर हो सकते हैं। हालांकि किसी भी गंभीर स्थिति में आपको बिना देर किए अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
असल में छाती में जमाव, छाती में कफ के जमाव के लिए इस्तेमाल की जाने वाली टर्म है। इसमें अतिरिक्त कफ, जिसे बलगम भी कहा जाता है, छाती में जमने लगता है। गर्म पानी पीना और भाप लेना सबसे आसान उपाय है, जिससे बलगम पतला होता है और बाहर निकलने में आसानी होती है।
वे घरेलू औषधियां जो आपके श्वसन पथ को साफ करती हैं, चेस्ट कंजेशन की स्थिति से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकती हैं। अगर आप प्रदूषण, ठंड या किसी इंफेक्शन के कारण छाती में जमाव का सामना कर रहे हैं, तो तुलसी, अदरक, और शहद का मिश्रण या काढ़ा बनाकर पीना शुरू करें। यह घरेलू काढ़ा भी छाती को साफ करने में मददगार होता है। मगर ध्यान रहे कि आपको किसी भी घरेलू उपाय की अति नहीं करनी है।
अपने एंटीसेप्टिक गुणों के लिए जानी जाने वाली हल्दी इस मौसम की एक और खास रेमेडी है। हल्दी के एंटीसेप्टिक गुण संक्रमण को कम करते हैं। इसके लिए आप हर रोज हल्दी वाला दूध पीना शुरू कर सकते हैं। कच्ची हल्दी को दूध में उबालकर पीने से छाती में बैठा कफ साफ होता है और आपको सांस लेने में आसानी होने लगती है। यह आपको आराम और रात को अच्छी नींद देने में भी सहायक सिद्ध होता है।
गर्म पानी से गरारे करना ऊपरी श्वसन पथ को साफ करने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है। खासतौर तब जब आप किसी प्रदूषित एरिया में रहते हों, या आपको अपने काम के सिलसिले में हर रोज बाहर निकलना होता है। छाती में जमाव से राहत पाने के लिए गुनगुने पानी के गरारे करना एक हेल्दी हेबिट है। जिसे आप अपने डेली रुटीन में शामिल कर सकते हैं।
आपको सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन मसालेदार खाना खाने से छाती और नाक का रास्ता साफ होता है। जिससे चेस्ट कंजेशन में आराम मिलता है। यही वजह है राजस्थान जैसे धूल भरे और कश्मीर जैसे ठंडे प्रदेशों में लोग खूब मसालेदार खाना खाते हैं। यह छाती में कफ के जमाव को कम करता है और उसे नेचुरल तरीके से बाहर निकाल देता है।
ध्यान रहे
उपरोक्त घरेलू उपाय चेस्ट कंजेशन से राहत दिलाने में आपकी मदद कर सकते हैं। प्रदूषण और ठंड के मौसम में जब आप बंद नाक, गले में दर्द और छाती में जमाव का सामना करते हैं, तब आप इन्हें ट्राई कर सकते हैं। पर यदि छाती का जमाव बढ़ता है या लंबे समय तक बना रहता है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
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