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Child Growth : जन्म से 6 साल तक के बच्चों की ग्रोथ के बारे में एक्स्पर्ट बता रहे हैं क्या नॉर्मल है और क्या नहीं

हर मां को लगता है कि उसका बच्चा कमजोर है, उसकी ग्रोथ ठीक से नहीं हो रही। जबकि कुछ बच्चे बढ़ते तो हैं, पर अंदर से कमजोर रह जाते हैं। यहां हमने एक पीडियाट्रिशियन से जाना बच्चों की ग्राेथ के बारे में सब कुछ।
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छोटी-छोटी चीजों का ध्यान आप अपने बच्चे की ग्रोथ सुनिश्चित कर सकती हैं। चित्र : अडोबीस्टॉक
Updated On: 17 Dec 2024, 06:30 pm IST
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बच्चों का विकास एक अद्भुत और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। हर बच्चे का विकास (Child growth) उसकी अपनी गति से होता है। परंतु कुछ सामान्य विकासात्मक चरण होते हैं, जो नए माता-पिता को यह समझने में मदद करते हैं कि उनका बच्चा सामान्य रूप से कैसे बढ़ रहा है। इस गाइड में जन्म से 6 साल की उम्र तक के बच्चों के मोटर स्किल्स, फाइन मोटर स्किल्स, भाषा, संज्ञानात्मक (सोचने-समझने की क्षमता), सामाजिक और भावनात्मक कौशल का वर्णन किया गया है। जिनके बारे में जानकर आप अपने बच्चे की ग्रोथ (Child growth) का सही आकलन कर सकती हैं।

जन्म से 3 महीने तक के बच्चे के विकास की गति (Child growth from birth to 3 months)

इस उम्र में शिशु अपने वातावरण के अनुसार सामंजस्य बनाना शुरू करता है और अपनी नई दुनिया में ढलता है।

• मोटर स्किल्स: शिशु अपने हाथ-पैर हिलाता है और तीन महीने तक आते-आते पेट के बल लेटकर सिर उठाने की कोशिश करता है।

• फाइन स्किल्स: इस उम्र में बच्चे मुट्ठी बंद रखते हैं, लेकिन धीरे-धीरे हाथ खोलकर उंगलियों को पकड़ना शुरू करते हैं।

• भाषा: शुरुआत में शिशु रोकर अपनी ज़रूरतें बताता है, लेकिन 2-3 महीने बाद हल्की आवाज़ें निकालना और गू-गू करना शुरू करता है।

3 mahine ka shishu ungaliyan kholkar hath pakadna shuru kar deta hai
3 महीने का शिशु उंगलियां खोलकर हाथ पकड़ना शुरु कर देता है। चित्र : अडोबीस्टॉक

• संज्ञानात्मक: शिशु अपने माता-पिता की आवाज़ पहचानता है और चीज़ों का आँखों से पीछा करता है।

• सामाजिक: शिशु माता-पिता के चेहरे को देखकर मुस्कुराना शुरू करता है, जिसे “सोशल स्माइल” कहा जाता है।

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• दांत: इस उम्र में दांत नहीं आते, लेकिन कुछ बच्चों में थोड़ी लार बहना शुरू हो सकता है जो दांत निकलने का संकेत हो सकता है।

4 से 6 महीने तक के बच्चे का विकास (Child growth from 4-6 month)

अब बच्चे अपने आसपास की दुनिया के प्रति अधिक सजग होते हैं और नई गतिविधियाँ सीखते हैं।

• मोटर स्किल्स: बच्चे पेट से पीठ पर और पीठ से पेट पर पलटना सीखते हैं और कुछ बच्चे सहारे से बैठने का प्रयास भी करते हैं।

• फाइन स्किल्स: इस उम्र में बच्चे खिलौनों को पकड़ने और एक हाथ से दूसरे हाथ में पास करने की कोशिश करते हैं।

• भाषा: अब बच्चे “बा” , “मा” जैसी आवाज़ें निकालने लगते हैं।

• संज्ञानात्मक: बच्चे चीजों को मुंह में डालकर समझने की कोशिश करते हैं और “कारण और प्रभाव” को समझने लगते हैं।

6 mahine ka shishu Maa ya baa jese shabd bolne lagta hai
6 महीने का शिशु मां या बा जैसे शब्द पुकारने लगता है। चित्र : अडोबीस्टॉक

• सामाजिक: उन्हें “पीक-आ-बू” जैसे खेल पसंद आने लगते हैं।

• दांत: इस समय निचले सामने के दो दांत निकलने लगते हैं।

7 से 9 महीने तक के बच्चे का विकास (Child growth from 7-9 month)

यह अवधि बच्चों के लिए शारीरिक और मानसिक गतिविधियों से भरी होती है।

• मोटर स्किल्स: अधिकतर बच्चे बिना सहारे के बैठ सकते हैं और कुछ रेंगना भी शुरू कर देते हैं।

• फाइन स्किल्स: बच्चे अब अंगूठा और उंगली का उपयोग करके छोटे चीज़ों को उठाने लगते हैं।

• भाषा: इस समय बच्चे अपने नाम पर प्रतिक्रिया देते हैं और आवाज़ों में बदलाव लाते हैं।

• संज्ञानात्मक: “पीक-आ-बू” जैसे खेल से उन्हें यह समझ में आता है कि चीज़ें देखे बिना भी अस्तित्व में होती हैं।

• सामाजिक: बच्चे अपने माता-पिता से लगाव दिखाते हैं और अजनबियों के प्रति झिझक महसूस करते हैं।

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इस उम्र के शिशु अपने माता-पिता को पहचानने लगते हैं। चित्र : अडोबीस्टॉक

• दांत: ऊपरी सामने के दांत भी निकलने लगते हैं।

10 से 12 महीने तक के बच्चे का विकास (Child growth from 10-12 month)

पहले जन्मदिन तक, बच्चे अधिक स्वतंत्रता प्राप्त करने लगते हैं।

• मोटर स्किल्स: बच्चे सहारे से खड़े होना और फर्नीचर पकड़कर चलना शुरू करते हैं।

• फाइन स्किल्स: अब बच्चे खाना पकड़कर खा सकते हैं, ताली बजा सकते हैं और अलविदा करने के लिए हाथ हिला सकते हैं।

• भाषा: पहली बार “मम्मा” और “पापा” जैसे शब्द बोलते हैं।

• संज्ञानात्मक : बच्चे खिलौनों को आकार के अनुसार फिट करना शुरू करते हैं।

• सामाजिक : इस उम्र में बच्चे इशारों की नक़ल करना और परिचित लोगों को पसंद करना शुरू करते हैं।

• दांत : इस अवधि में साइड के दांत भी निकल सकते हैं, जिससे कुल दांतों की संख्या आठ हो सकती है।

12 से 18 महीने तक के बच्चे का विकास (Child growth from 12-18 month)

बच्चों में अब आत्मनिर्भरता की भावना बढ़ने लगती है।

• मोटर स्किल्स: अधिकतर बच्चे चलना शुरू कर देते हैं और कुछ सीढ़ियाँ भी चढ़ने का प्रयास करते हैं।

• फाइन स्किल्स: बच्चे ब्लॉक्स जोड़ सकते हैं और चम्मच का उपयोग करना शुरू करते हैं।

• भाषा: बच्चे 10-15 शब्द बोलना सीखते हैं।

• संज्ञानात्मक: इस समय बच्चे सरल निर्देशों का पालन कर सकते हैं।

• सामाजिक: बच्चे दूसरे बच्चों के साथ खेलने में रुचि दिखाते हैं।

• दांत: इस अवधि में पहले मोलर दांत निकल सकते हैं।

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इस उम्र में बच्चों के केनाइन दांत निकलते हैं। चित्र : अडोबीस्टॉक

18 से 24 महीने तक के बच्चे का विकास (Child growth form 18-24 month)

अब बच्चे अपने कौशल और आत्मविश्वास को अधिक प्रदर्शित करते हैं।

• मोटर स्किल्स: अब बच्चे दौड़ना, चढ़ना और बॉल को किक करना सीखते हैं।

• फाइन स्किल्स: बच्चे किताब के पन्ने पलट सकते हैं और चम्मच का सही उपयोग कर सकते हैं।

• भाषा: बच्चों का शब्द भंडार तेजी से बढ़ता है और वे दो-शब्द वाक्य बनाने लगते हैं।

• संज्ञानात्मक :  कल्पनाशील खेल और समस्या समाधान गतिविधियों में रुचि बढ़ती है।

• सामाजिक : वे समानांतर खेल में रुचि दिखाते हैं।

• दांत : इस उम्र तक कैनाइन दांत निकलते हैं।

2 से 3 साल तक के बच्चे का विकास (Child growth from 2-3 Year)

इस उम्र में बच्चे अधिक आत्मविश्वास और सामाजिक कौशल का प्रदर्शन करते हैं।

• मोटर स्किल्स: बच्चे कूद सकते हैं, दौड़ सकते हैं और कुछ साइकिल भी चला सकते हैं।

• फाइन स्किल्स: अब बच्चे आकृतियाँ बनाना और कैंची का उपयोग करना शुरू करते हैं।

• भाषा: वे 200 से अधिक शब्द समझ सकते हैं और छोटे वाक्य बना सकते हैं।

• संज्ञानात्मक: बच्चे जटिल समस्याओं का समाधान करना शुरू करते हैं।

• सामाजिक: इस समय वे सहयोगात्मक खेल में हिस्सा लेते हैं।

• दांत : इस अवधि में पिछले मोलर दांत निकल आते हैं, जिससे कुल 20 दांत पूरे हो जाते हैं।

3-4 sal ki umra me bachcha cheezo ko atmnirbhar hokar sambahalne lagta hai
3 से 4 साल का बच्चा आत्मनिर्भर होने लगता है। चित्र : अडोबीस्टॉक

3 से 4 साल तक के बच्चे का विकास (Child growth from 3-4 Year)

• मोटर स्किल्स : बच्चे अब एक पैर पर कूद सकते हैं और गेंद फेंकने में अच्छे हो जाते हैं।

• फाइन स्किल्स : ये छोटे-छोटे आकार बना सकते हैं और अक्षर लिखना शुरू करते हैं।

• भाषा : इस समय बच्चों की कहानियाँ सुनाने की क्षमता बढ़ जाती है।

• संज्ञानात्मक : वे गिनती, रंग और आकार को वर्गीकृत करना सीखते हैं।

• सामाजिक-भावनात्मक : बच्चे मित्रता और सहानुभूति दिखाते हैं।

निष्कर्ष

ये विकासात्मक चरण बच्चों के सामान्य विकास के दिशानिर्देश हैं। यदि आपको अपने बच्चे के विकास को लेकर कोई चिंता हो, तो बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें। समय पर सहायता से बच्चे के समग्र विकास में सकारात्मक अंतर आ सकता है।

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लेखक के बारे में
डॉ कुशल अग्रवाल
डॉ कुशल अग्रवाल

डॉ. कुशल अग्रवाल एक प्रसिद्ध नवजात शिशु विशेषज्ञ हैं और केवीआर अस्पताल, काशीपुर में नवजात शिशु चिकित्सा और बाल रोग विभाग के प्रमुख हैं। केवीआर अस्पताल एक मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल है, जो एनएबीएच द्वारा मान्यता प्राप्त है और उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्र में अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। वे इस अस्पताल के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर भी हैं।

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