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डेंगू या मलेरिया से पीड़ित हैं, तो रुजुता दिवेकर दे रहीं हैं जल्दी रिकवरी के लिए 5 टिप्स

डेंगू और मलेरिया का कहर बरकरार है। कोविड-19 के बाद फैल रही यह बीमारी चिंता का विषय है। लेकिन हम बता रहे है इसके कारण और रुजुता दिवेकर द्वारा बताई रिकवरी टिप्स।
डेंगू और मलेरिया के मामले चिंता बढ़ा रहे हैं तो फॉलो करें ये 5 टिप्स। चित्र: शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Updated: 23 Oct 2023, 09:54 am IST
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पहले ही कोविड-19 जैसी महामारी के कारण स्वास्थ्य संबंधी चिंता लगी रहती थी। लेकिन अब बढ़ते डेंगू और मलेरिया के मामले चिंता बढ़ा रहे हैं। डेंगू या मलेरिया बुखार होने से आपके शरीर को काफी नुकसान हो सकता है। यह आपको अंदर से कमजोर बना देता है। मच्छरों से फैलने वाला ये बुखार, डेंगू वायरस की वजह से होता है, जो लापरवाही करने पर घातक साबित हो सकता है। इसलिए डेंगू और मलेरिया से बचने और अगर हो जाए तो देखभाल रखने के लिए कुछ उपाय जानना जरूरी है। 

भारत में डेंगू-मलेरिया की स्थिति 

कोरोना महामारी के बाद भारत में अब डेंगू-मलेरिया अपने पैर पसार रहा है। देश में हर दूसरे दिन वायरल बुखार से ग्रस्त लोगों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। जहां राजधानी दिल्ली चिकुनगुनिया के कहर से जूझ रही है, वहीं हरियाणा मलेरिया के बुखार से तप रहा है। बंगलुरू इन दोनों ही बीमारियों से जूझ रहा है। कोलकाता में भी एक बार फिर डेंगू अपना कहर बरपा रहा है। 

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष डेंगू से 70 लोगों की मौत हो चुकी है और 36000 लोग इससे प्रभावित है। वहीं दूसरी ओर मलेरिया के 8 लाख मामलें सामने आए हैं, जिनमें 119 लोगों ने दम तोड़ दिया। 

डेंगू-मलेरिया संक्रमित मच्छरों के काटने से होता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

एक निजी अस्पताल के निदेशक शुचिन बजाज कहते हैं, “शहर के अस्पतालों में डेंगू और मलेरिया के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसके अलावा, हमें चिकनगुनिया और लेप्टोस्पायरोसिस (leptospirosis) के मामले मिल रहे हैं। ये दोनों ही रोग मच्छरों के काटने और दूषित पानी से होते हैं। यहां तक ​​कि मानसून के दौरान पीलिया और हेपेटाइटिस के मामले भी बढ़ जाते हैं। ये दोनों मलेरिया, डेंगू या चिकनगुनिया जैसे खतरनाक हो सकते हैं।”

क्या है डेंगू-मलरिया के कारण और रिस्क फ़ैक्टर्स? 

यह मच्छरों से फैलने वाले वायरस के कारण होता है। जब कोई मच्छर डेंगू वायरस से संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो वायरस मच्छर में प्रवेश कर जाता है। फिर, जब संक्रमित मच्छर दूसरे व्यक्ति को काटता है, तो वायरस उस व्यक्ति के खून में प्रवेश करता है और संक्रमण का कारण बनता है। डेंगू-मलेरिया के मच्छर आम तौर पर कहीं भी साफ पानी में उत्पन्न हो सकते हैं। यही कारण है कि यह वायरस तेजी से फैलता है। 

आपके लिए क्यों बढ़ जाता है डेंगू-मलेरिया का जोखिम 

  • मच्छरों के संपर्क में आने से 

यदि आप उन क्षेत्रों में रहते हैं, जहां एडीज मच्छरों का प्रकोप अधिक है, तो आपके डेंगू या मलेरिया से संक्रमित होने की संभावना स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है।

  • कमजोर इम्युनिटी 

जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) कमजोर होती है, उनमें भी डेंगू या मलेरिया होने की संभावना अधिक होती है।  साथ ही, मधुमेह (Diabetes), फेफड़ों के रोग (lung diseases) और हृदय रोग (cardiovascular disease) से पीड़ित लोगों में भी डेंगू और मलेरिया होने की आशंका बढ़ जाती है।

तेज बुखार, कपकपी और उलटी है इनके लक्षण। चित्र : शटरस्‍टॉक
  • पहले से डेंगू-मलेरिया संक्रमित लोग

जिन लोगों को एक बार डेंगू या मलेरिया हो जाता है, उनमें इस वायरल इन्फेक्शन के होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जब आपको दूसरी बार डेंगू या मलेरिया होता है, तो आपको अधिक गंभीर रूप से प्रभावित होने की संभावना होती है। 

आपको जानने चाहिए डेंगू-मलेरिया के लक्षण और परेशनियां!

डेंगू-मलेरिया के कुछ आम लक्षणों में शामिल है: 

  • तेज बुखार, कपकपी और उलटी 
  • लंबे समय तक तेज सिरदर्द 
  • जोड़ों और हड्डियों में दर्द 
  • आंखों में दर्द 
  • शरीर में लाल चकते होना 
  • गंभीर स्थिति में नाक से खून निकलना 

रुजुता दिवेकर दे रहीं हैं वे 5 टिप्स जो आपको डेंगू-मलेरिया से रिकवर होने में मदद करेंगे 

 

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1. एक चम्मच गुलकंद का सेवन सुबह सबसे पहले या अपने मील्स के बीच में करें। यह एसिडिटी, जलन, जी मिचलाना और कमजोरी को रोकता है।

डेंगू-मलेरिया से ठीक होने के लिए दूध में जायफल का करें सेवन। चित्र:शटरस्टॉक

2. अगले नुस्खे के लिए 1 गिलास दूध और  1 गिलास पानी ले लें। अब इसमें चुटकी भर हल्दी, केसर के 2-3 रेशे, थोड़ा सा जायफल (nutmeg) मिला दें। इसे आधा होने तक उबालें। स्वाद के लिए चाहें तो इसमें गुड़ मिलाएं। इसे ठंडा करके या गुनगुना पिएं। यह सूजन को कम करता है।

3. चावल की कांजी – यह चावल से बना सूप है। चावल के पानी में आप काला नमक या सेंधा नमक, एक चुटकी हींग और घी डालें। इसे कुछ देर पकाएं और गरमा-गरम पीयें। ये हाइड्रेट (hydrate) करता है, इलेक्ट्रोलाइट्स (electrolyte) की हानि को रोकता है और भूख में सुधार करता है।

4. पानी का सेवन बढ़ा दें। पेशाब की मात्रा को बढ़ाने के लिए यह जरूरी है।  बीच में जांच लें कि पेशाब का रंग साफ है या नहीं।

जल्दी ठीक होने के लिए सुप्ता बद्धकोणासन में बैठे रहें। चित्र: शटरस्‍टॉक

5. सुप्ता बद्धकोणासन में बैठे रहें। इसमें पीठ को सहारा देने के लिए कोई गोल तकिया रख सकते हैं। यदि आवश्यक हो तो गर्दन को सहारा देने के लिए अपने सिर के नीचे एक कंबल रखें। यह पीठ दर्द और शरीर के दर्द को दूर करने में मदद करता है। यह थकान को कम करता है।

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अदिति तिवारी

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