बुढ़ापे में एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है और सेहत के लिए इसके अपार फायदे हैं। लेकिन गलत तरह से एक्सरसाइज करने के दुष्परिणाम भी भयानक होते हैं। उसमें से सबसे खतरनाक परिणाम होता है बैकबोन में चोट आना। स्लिप डिस्क (slip disc) पीठ की चोट में सबसे कॉमन है। लेकिन कॉमन का यह अर्थ नहीं कि यह गम्भीर नहीं है।
महिलाओं में मेनोपॉज के बाद हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में स्लिप डिस्क होना आम बात है। आपको उनके स्वास्थ्य का तो ख्याल रखना ही है साथ ही यह भी ख्याल रखना है कि वे ऐसा कोई काम न करें जो उनकी स्लिप डिस्क की समस्या को बढ़ा दे।
हमारी स्पाइन छोटी-छोटी गोलाकार हड्डियों से बनी होती है। इन हड्डियों के बीच एक सॉफ्ट टिश्यू होता है जिसे डिस्क कहते हैं। डिस्क तकिए का काम करती हैं, जो हर दिन के काम के झटके सोख लेती हैं और हड्डियों को सुरक्षित रखती हैं।
डिस्क के दो हिस्से होते हैं, बाहरी कठोर हिस्सा और अंदरूनी कोमल हिस्सा। स्लिप डिस्क की स्थिति में यह अंदरूनी हिस्सा बाहर निकलने लगता है, जिसके कारण भीषण दर्द होता है।
स्लिप डिस्क होने पर पीठ में दर्द के साथ-साथ शरीर के एक हिस्से में दर्द, हाथ पैर मूव करने में दर्द, आस-पास की मांसपेशियों में चुभन इत्यादि समस्या होती हैं।
· स्लिप डिस्क का सबसे बड़ा कारण है उम्र। बढ़ती उम्र के साथ डिस्क का बाहरी हिस्सा गलने लगता है और अंदरूनी हिस्सा बाहर निकलने लगता है।
· यंग एज में भी स्लिप डिस्क होती है, लेकिन उसके कारण अलग होते हैं। कोई भी भारी वजन उठाते वक्त अगर आप गलत तरह से वेट हैंडल कर रही हैं तो स्लिप डिस्क हो सकती है।
· पीठ झुकाने और मोड़ने में भी स्लिप डिस्क की समस्या हो जाती है।
· वजन ज्यादा है तो आसानी से स्लिप डिस्क हो जाती है। वजन ज्यादा होने पर डिस्क पर ज्यादा भार पड़ता है।
· स्मोकिंग भी स्लिप डिस्क की सम्भावना को बढ़ाती है।
· अगर आप बिलकुल एक्सरसाइज नहीं करती हैं, तो भी आपको स्लिप डिस्क होने की सम्भावना ज्यादा होती हैं।
जर्नल ऑफ सर्जरी साइंस में 2018 में प्रकाशित रिसर्च पेपर ‘रेडियोग्राफिक स्टडी ऑफ स्पाइन सर्जरी’ में पाया गया कि बैठने के दौरान आपकी स्पाइन पर ज्यादा दबाव पड़ता है।
इसलिए अगर आप की मम्मी को जीवन में कभी भी स्लिप डिस्क की समस्या हुई है, तो उन्हे समझाएं कि ज्यादा देर तक बैठने से बचें।
हर एक-दो घंटे पर कुछ मिनट का ब्रेक लें। पैरों को मेज या किसी ऊपरी सतह पर रखकर न बैठें।
ज्यादातर लोगों के घरों में कपड़े धोने के लिए मशीन होती ही है, लेकिन अगर वह बाल्टी का इस्तेमाल करती हैं, तो यह काम उन्हें न करने दें। भारी बाल्टी उठाना, गीले कपड़े सूखने डालना इत्यादि उनके लिए रिस्की हो सकता है।
स्लिप डिस्क के बाद एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए, लेकिन आपको ख्याल रखना है कि मां कौन सी एक्सरसाइज करती हैं।
बहुत मुश्किल एक्सरसाइज की कोई जरूरत नहीं है। उसके बजाय थोड़ी बहुत वॉकिंग करने की सलाह दें।
अगर उनको बागवानी का शौक है तो स्लिप डिस्क की समस्या उनके लिये मुश्किल खड़ी कर सकती है।
अगर गमले आपकी हाइट पर रखें हैं तब तो ठीक है, लेकिन अगर गार्डन है या गमले नीचे रखें हैं तो झुक कर काम करना उनके लिए खतरनाक हो सकता है।
1. मां को समझाएं कि कोई भी वस्तु उठाने के लिए पीठ से न झुकें बल्कि घुटने मोड़ें। इससे आपकी बैकबोन पर दबाव नहीं पड़ेगा।
2. स्विमिंग और योग का सहारा लें।
3. थोड़ी-थोड़ी देर पर स्ट्रेचिंग करती रहें। लम्बे समय तक बैठना अवॉयड करें।
4. लेट कर टीवी देखने या फोन चलाने की आदत छोड़ दें।
5. बैक की मसल्स के लिए ट्रेनर की मौजूदगी में ही एक्सरसाइज करें।
आपकी मां के स्वास्थ्य का ख्याल आपको ही रखना है। इसलिए इन बातों का खास ध्यान रखें।