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सर्दियों में क्यों बढ़ जाती है, लोअर बैक पेन की समस्या, जानें दर्द के बढ़ने का कारण

देर तक बैठने से लेकर कई शारीरिक समस्याओं के कारण पीठ के निचले हिस्से में दर्द का जोखिम बढ़ जाता है। जानते हैं सर्दियों में क्यों बढ़ जाती है लोअर बैक पेन की समस्या (causes of lower back pain in winter) ।
Published On: 18 Dec 2023, 09:00 pm IST
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Psychosomatic disorder se kaise deal karein
जानते हैं साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर (Psychosomatic disorder) के कारण और इससे बचने के उपाय भी। चित्र : अडोबी स्टॉक

सर्दियों के मौसम में मांसपेशियों में ऐंठन एक सामान्य समस्या है। देर तक बैठने से लेकर कई शारीरिक समस्याओं के कारण पीठ के निचले हिस्से में दर्द का जोखिम बढ़ जाता है। दरअसल, सर्दियों में रूटीन वर्कआउट न करने से मांसपेशियों की ताकत कम होने लगती है। इसके अलावा हड्डियों का लचीलापन भी घटने लगता है। पीठ में होने वाले दर्द स्पाइनल इनफेक्शन और डिस्क प्रॉबल्म के कारण भी बढ़ने लगता है। जानते हैं सर्दियों में क्यों बढ़ जाती है लोअर बैक पेन की समस्या और इससे कैसे करें अपना बचाव (causes of lower back pain in winter) ।

सर्दियों में क्यों बढ़ जाती है लोअर बैक पेन की समस्या

ठण्डी हवाओं के चलते स्पाइन सपोर्टिंग मसल्स सिकुड़ने लगती है। इससे मसल्स में पेन की समस्या बनी रहती है, जो उठने बैठने व चलने फिरने में परेशानी का कारण साबित होती है। कमर में होने वाले दर्द के कारण नींद न आने की परेशानी भी बनी रहती है।

इस बारे में बातचीत करते हुए मणिपाल हॉस्पिटल के कंसल्टेंट स्पाइन सर्जन डॉ एस विद्याधर का कहना है कि पीठ के निचले हिस्से में होने वाला दर्द कई कारणों से बढ़ने लगता है। घंटों तक एक ही पोस्चर में बैठने से इन दिनों युवाओं में भी ये समस्या तेज़ी से बढ़ रही है। देर तक बैठने से स्पाइन के सेंसिटिव टिशूज़ में खिंचाव आने लगता है। इसके अलावा बढ़ने वाली ठण्ड से टिशूज और नसें सिकुड़ने लगती हैं, जो गंभीर समस्या को जन्म दे सकता है। ऐसे मकें लोअर बैक में होनेवाले दर्द के लिए समय पर उपचार लेना आवश्यक है।

Lower back pain ke kya kaaran hai
ठण्डी हवाओं के चलते स्पाइन सपोर्टिंग मसल्स सिकुड़ने लगती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

जानते हैं लोअर बैक पेन के कारण

1. बैरोमेट्रिक दबाव

ठण्डी हवा के चलते वातावरण में बैरोमेट्रिक दबाव बढ़ने लगता है। पेन एंड स्पाइन इंस्टीटयूट् के अनुसार ठंड के मौसम में बढ़ने वाले इस दवाब का असर जोड़ों पर पड़ता है। इससे गठिया व जोड़ों के दर्द की समस्या बढ़ने लगती है, जो चलने फिरने में परेशानी का कारण बनने लगता है।

2. सीज़नल डिप्रेशन

स्प्रिंग क्रीक मेडिकल सेंटर के अनुसार सीज़नल डिप्रेशन शारीरिक गतिविधि में कमी ले आता है। इससे शरीर के अंगों में दर्द की संभावना बढ़ जाती है। ठंड और अंधेरे के चलते बढ़ने वाला मौसमी डिप्रेशन क्रॉनिक पेन का कारण साबित होता है। इसके अलावा दिनभर शरीर में थकान भी बनी रहती है।

3. खराब पोस्चर

ठंड के मौसम में लोग अक्सर शरीर को गर्माहट प्रदान करने के लिए कपड़ों की कई परम पहन लेते हैं। साथ ही ठण्ड से बचने के लिए सिकुड़ कर बैठने लगते हैं। साथ ही आलस्य की समस्या से ग्रस्त रहते हैं। शरीर को एक्टिव न रखने और देर तक खराब पोस्चर में बैठने से शारीरिक अंगों में ऐंठन बढ़ने लगती है। मांसपेशियों में बढ़ने वाली खिंचाव की समस्या शरीर में दर्द का कारण बनने लगती है।

back-pain hone ke kaaran
कुछ छोटी-मोटी गतिविधियां कमर दर्द को काफी तेजी से ट्रिगर करती है। चित्र: एडॉबीस्टॉक

4. अनहेल्दी इटिंग हेबिट्स

पेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट के अनुसार सर्दी में लोग अक्सर गर्म, तला बुना और खूब मीठा खाने लगते हैं। इससे शरीर में फैट्स की मात्रा बढ़ने लगती है। बैलेंस्ड डाइट न लेने से मसल्स में कमज़ोरी बढ़ती है, जो लोअर बैक पेन का कारण साबित होता है। ऐसे में अपनी डाइट के अंदर ताज़े फलों और सब्जियों को सम्मिलित करके बैक पेन से बचा जा सकता है।

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5. मसल्स में स्टिफनेस का बढ़ना

ठंडे तापमान का असर शरीर पर नज़र आने लगता है। मांसपेशियों में ब्लड फ्लो के कम होने से रीढ़ की हड्डी की समस्या बनी रहती है। रक्त प्रवाह में कमी विभिन्न प्रकार की बीमारियों का कारण बनने लगती है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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