पीरियड और फूड पॉइजनिंग के अलावा भी हो सकते हैं पेट में ऐंठन के कारण, दवा से पहले ट्राई करें ये घरेलू उपचार

पेट में इंफेक्शन से लेकर अल्सर तक कई चीजें दर्द को बढ़ा देती है। पेट दर्द को दूर करने के लिए अक्सर लोग दवाओं की मदद लेते हैं। जानते हैं पेट में होने वाले दर्द के कारण और उससे बचने के लिए टिप्स
Stomach pain ke kaaran
गट हेल्थ को माइक्रोब्स और वायरस प्रभावित करने लगते हैं, जिससे डाइजेशन स्लो होने लगता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 31 Aug 2024, 12:00 pm IST
  • 140
इनपुट फ्राॅम

दिनों दिन प्रोसेस्ड फूड का चलन तेज़ी से बढ़ रहा है। इसके चलते अन्य समस्याओं के अलावा गट हेल्थ (tips to boost gut health) को भी नुकसान का सामना करना पड़ता है। दरअसल, कभी कभार कुछ खाने के बाद पेट में अक्सर दर्द की शिकायत बढ़ जाती है। हांलाकि अधिकतर लोग इसे गैस और एसिडिटी से जोड़कर देखने लगते हैं। मगर पेट में इंफेक्शन (causes of stomach infection) से लेकर अल्सर तक कई चीजें दर्द को बढ़ा देती है। पेट दर्द को दूर करने के लिए अक्सर लोग दवाओं की मदद लेते हैं। जानते हैं पेट में होने वाले दर्द (cramps in stomach) के कारण और उससे बचने के लिए टिप्स की लें मदद।

डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि बरसात के मौसम में फूड कंटेमिनेशन पेट दर्द का कारण साबित होती है। असंतुलित आहार और मील स्किप करने से शरीर में पोषक तत्वों और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी बढ़ने लगती है। इसके चलते गट हेल्थ को माइक्रोब्स और वायरस प्रभावित करने लगते हैं, जिससे डाइजेशन स्लो होने लगता है। ऐसे में फूड पॉइजनिंग (food poisoning), डायरिया, ब्लोटिंग और आईबीएस का जोखिम  बढ़ जाता है, जिससे पेट दर्द का सामना करना पड़ता है।

food poisoning ke karan
मौसम में बढ़ने वाली उमस और तापमान में आने वाला बदलाव वातावरण में बैक्टीरिया की ग्रोथ को बढ़ा देता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

जानें किन कारणों से बढ़ती है पेट दर्द की समस्या (Causes of stomach pain)

1. फूड पॉइज़निंग (Food poisoning)

बरसात के मौसम में खानपान में कोताही बरतने से वॉटरबॉर्न डिज़ीज़ का सामना करना पड़ता है। गट में बैड बैक्टीरिया की ग्रोथ बढ़ने से अपच का सामना करना पड़ता है। जर्नल ऑफ इंफेक्शन के मुताबिक बरसात के मौसम में बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा 34 फीसदी तक बढ़ जाता है। दरअसल कंटेमिनेटिड खाना खाने से शरीर में माइक्रोऑरगेनिज्म की ग्रोथ का खतरा बढ़ जाता है। बासी या इंफेक्टिड खाना खाने से फूड पॉइज़निंग का जोखिम बढ़ जाता है, जो पेट दर्द की समस्या को बढ़ा देता है।

2. इरिटेबल बॉवल सिंड्रोम (irritable bowel syndrome)

स्टमक फ्लू और इरिटेबल बॉवल सिंड्रोम से पेट दर्द और डायरिया का खतरा बना रहता है। दरअसल, शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन होने से ऐंठन के अलावा, ब्लोटिंग और एसिडिटी का सामना करना पड़ता है। असंतुलित आहार से गट की लाइनिंग डिस्टर्ब होती है, जिससे गट में बैड बैक्टीरिया का प्रभाव बढ़ जाता है। इससे पेट में बढ़ने वाले दर्द को कम करने के लिए पानी भरपूर मात्रा में पीएं और अधिक स्पीइसी व तला भुना खाने से बचें।

apni bowel movement par dhyan rakhen
स्टमक फ्लू और इरिटेबल बॉवल सिंड्रोम से पेट दर्द और डायरिया का खतरा बना रहता है। चित्र : शटरस्टॉक

3. फूड इनटॉलरेंस (Food intolerance)

अधिकतर लोगों को दूध और अन्य डेयरी प्रोड्क्टस से लैक्टोज़ इनटॉलरेंस का सामना करना पड़ता है। लैक्टोज़ इन प्रोडक्टस में पाई जाने वाली एक प्रकार की शुगर है। इसे ब्रेकडाउन से लेकर एब्जॉर्बशन में आने वाली दिक्कत के चलते इनटॉलरेंस का सामना करना पड़ता है, जिससे पेट में दर्द की शिकायत बढ़ जाती है

4. कब्ज और एसिडिटी (Constipation and acidity)

गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर के चलते स्मॉल और बिग इंटेस्टाइन में इंफ्लामेशन का सामना करना पड़ता है, जो पेट दर्द का कारण बनने लगता है। इससे पाचनतंत्र धीमा हो जाता है और कुछ भी खाने के बाद एसिड रिफ्लक्स का सामना करना पड़ता है। इसका असर बॉवल मूवमेंट पर भी दिखने लगता है। अनहेल्दी मील्स इस समस्या को ट्रिगर करती हैं।

5. पीरियड के दौरान ऐंठन (Menstrual period)

बहुत सी महिलाओं को पीरियड के दौरान ऐंठन व उल्टी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा ब्लोटिंग और डायरिया का भी जोखिम बढ़ जाता है। शरीर में बढ़ने वाले हार्मोन असंतुलन ब्ल्ीडिंग और दर्द को बढ़ा देता है। दरअसल, पीरियड कै दौरान प्रोस्टाग्लैंडीन हार्मोन रिलीज़ होता है, जिससे दर्द बढ़ने लगती है।

जानें पेट दर्द को दूर करने के आसान उपाय (Tips to deal with stomach pain)

1. प्रोबायोटिक्स को आहार में शामिल करें

आहार में दही और छाछ को शामिल करें। इसमें मौजूद विटामिन बी और लैक्टोबैसिलस की मात्रा आंतों में गुड बैक्टीरिया की ग्रोथ को बढ़ाती है। इससे पाचनतंत्र नियमित बना रहता है और पेट में होने वाले दर्द व ब्लोटिंग की समस्या हल होने लगती है।

Probiotic kaise hain sehat ke liye faydemand
डाइट में केफिर, दही और अन्य फर्मेंटिड फूड्स के सेवन से गट हेल्थ बूस्ट के अलावा डोपामाइन के स्तर को बढ़ाया जा सकता है। चित्र : शटर स्टॉक

2. जिंजर वॉटर

एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज़ से भरपूर अदरक में मौजूद जिंजरोल तत्व गट में मौजूद इंफ्लामेशन को दूर करके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद करता है। अदरक को पानी में उबालकर पीने से पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है।

3. सौंफ का करें सेवन

सौंफ में विटामिन सी,ई और के पाया जाता है। खाना खाने के बाद सौंफ का सेवन करने से डाइजेस्टिव एंजाइम को मज़बूती मिलती है और अपच व ब्लोटिंग का खतरा कम होने लगता है। इसके अलावा गट में मौजूद अनहेल्दी बैक्टीरिया की मात्रा को भी कम करती है।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

4. कैमोमाइल टी

कैमोमाइल की पत्तियों से तैयार की जाने वाली इस खास किस्म की चाय का सेवन करने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस बना रहता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके सेवन से ऐंठन को दूर किया जा सकता है।

  • 140
लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख