इन 6 कारणाें से रात में बार-बार लगती है प्यास, जानिए कब है डॉक्टर से बात करने की जरूरत

अगर आपको भी रात में बार बार पानी की प्यास लग रही है, तो सतर्क हो जाएं। ये समस्या कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि किन कारणों से रात में अचानक प्यास बढ़ जाती है
Raat mei pyaas lagne ke kaaran
दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से शरीर में निर्जलीकरण की समस्या बढ़ने लगती है। चित्र- अडोबीस्टॉक
ज्योति सोही Published: 10 Aug 2024, 08:00 pm IST
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पानी पीने के बाद भी कई बार प्यास नहीं बुझ पाती है और प्यास (excessive thirst problem) इस कदर बढ़ जाती है कि रात में भी नींद से उठकर पानी पीना पड़ता है। इससे नींद पूरी न हो पाने की समस्या का सामना करना पड़ता है। अगर आपको भी रात में बार बार पानी की प्यास लग रही है, तो सतर्क हो जाएं। दरअसल प्यास लगना फ्लूइड  के स्तर में आने वाली गिरावट समेत कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि किन कारणों से रात में अचानक प्यास बढ़ जाती है (thirsty at night)

इस बारे में सीईओ एंड फाउंडर, आइ थ्राइव, फंक्शनल न्यूट्रिशनिस्ट मुग्धा प्रधान का कहना है कि हदनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से शरीर में निर्जलीकरण (Dehydration problem) की समस्या बढ़ने लगती है। ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने और हार्मोनल बदलाव इस समस्या को बढ़ा देते हैं। इसके अलावा ब्लू स्क्रीन का अधिक इस्तेमाल सेलुलर प्रोसेस (How dehydration affect cellular process) धीमा कर देता है, जिससे सेलुलर लेवल पर डिहाइड्रेशन का खतरा रहता है। ऐसे में भरपूर मात्रा में पानी पीने से शरीर में मिनरल्स की उच्च मात्रा बनी रहती है, जिससे रात के समय प्यास की समस्या से मुक्ति मिल जाती है।

एनवायरमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी के अनुसार बार बार प्यास लगने की समस्या से पिनटने के लिए घर में ह्यूमिडिटी का स्तर 30 से 50 फीसदी के भीतर होना चाहिए। इससे मोल्ड ग्रोथ का खतरा कम हो जाता है और रात में उठकर पानी पीने की समस्या से बचा जा सकता है। एक्सपर्ट के अनुसार बेडरूम का टेम्परेचर 60 से 70 डिग्री फ़ैरन्‌हाइट होना चाहिए। इससे प्यास कम लगती है।

water intake badhaane ke fayde
भरपूर मात्रा में पानी पीने से शरीर में मिनरल्स की उच्च मात्रा बनी रहती है, जिससे रात के समय प्यास की समस्या से मुक्ति मिल जाती है।

जानें रात में बार बार प्यास लगने के कारण (Reasons of excessive thirst at night)

1. ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना

ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने से बार बार यूरिन पास करने की समस्या का सामना करना पड़ता है। दरअसल, शरीर में रक्त शर्करा के अधिक होने से बॉडी उसे यूरिन के ज़रिए रिलीज़ करने लगती है। इस प्रक्रिया से शरीर में निर्जलीकरण का खतरा बना रहता है। जब शरीर सामान्य से ज्यादा तरल पदार्थ खो देता है, तो उससे बार बार प्यास लगने की समस्या बढ़ जाती है।

2. शरीर को हाइड्रेट न रखना

वे लोग जो दिन भर में पर्याप्त पानी का सेवन नहीं कर पाते हैं। उन्हें डिहाइड्रेशन का सामना करना पड़ता है। शरीर को पानी की भरपूर मात्रा न मिलने से वो अपना कार्य उचित प्रकार से नहीं कर पाता हैं। इससे प्यास की भावना बनी रहती है। दिनभर में पानी न पीने से शरीर में मिनरल्स की कमी बढ़ जाती है, जिससे रात में प्यास बढ़ने लगती है।

Dehydration kaise badhti hai
वे लोग जो दिन भर में पर्याप्त पानी का सेवन नहीं कर पाते हैं। उन्हें डिहाइड्रेशन का सामना करना पड़ता है।

3. ब्लू लाइट और नॉन नेटिव इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड्स का एक्सपोजर

आधुनिक जीवनशैली में लोग अक्सर खुद को लंबे समय तक स्क्रीन टाइम और नीली रोशनी के संपर्क में रखते हैं। इससे सेलुलर लेवल पर शरीर डिहाइड्रेट होने लगता है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से शरीर में सेलुलर प्रक्रियाओं को बाधित कर है औरने का खतरा बना रहता। इसके चलते शरीर में तरल पदार्थ का नुकसान बढ़ जाता है। इससे शरीर में पानी की समस्या बढ़ने लगती है।

4. मिनरल्स की कम मात्रा

शरीर को अपनी फंक्शनिंग के लिए मैग्नीशियम, पोटेशियम और जिंक जैसे आवश्यक मिनरल्स की आवश्यकता होती है जो मानव शरीर में द्रव संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन मिनरल्स की कमी के चलते भी प्यास का सामना करना पड़ता है। दरअसल, शरीर में पानी की कमी प्यास करे बढ़ाने लगती है।

5. खून की कमी

एनीमिया से ग्रस्त लोगों के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का स्तर गिरने लगता है। इसके चलते थकान और आलस्य के अलावा प्यास की समस्या भी बढ़ जाती है। खून की कमी शरीर में निर्जलीकरण के जोखिम को बढ़ा देती है। इसके चलते रात में नींद न आने और प्यास की समस्या बढ़ने लगती है।

Shareer mei hemoglobin ki matra ka poora hona kyu hai jaruri
खून की कमी शरीर में निर्जलीकरण के जोखिम को बढ़ा देती है। चित्र: शटरस्टॉक

6. पेरीमेनोपॉज

रिप्रोडक्टिव हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन दोनों आपके शरीर में द्रव विनियमन यानि प्यास को रेगुलेट करने लगते है। मगर पेरिमेनोपॉज़ और रजोनिवृत्ति के दौरान शरीर में आने वाले हार्मोनल परिवर्तन प्यास का कारण बनने लगते है। दरअसल, रात को पसीना आना और नींद की कमी प्यास में वृद्धि का कारण बन सकते हैं।

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लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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