मानसून के दिनों में अधिकतर लोगों को खांसी, जुकाम और बुखार का सामना करना पड़ता है। बार- बार ठंडा पानी पीने और खट्टा खाने से गले और पैलेट यानि तालू में खराश बढ़ने लगती है। इससे गले में दर्द रहता है, जो खांसी और बुखार की समस्या को बढ़ा देता है। दिनों दिन बढ़ने वाली पैलेट की खराश (itchy palate) को दूर करने के लिए लोग अक्सर दवाओं की मदद लेते है। मगर सदियों से प्रयोग में लाए जाने वाले घरेलू नुस्खे भी इसमें मददगार साबित हो सकते हैं। जानते हैं पैलेट की खराश क्यों बढ़ती (itchy palate and throat) है और इससे बचने के लिए किन घरेलू नुस्खों (home remedies for itchy throat) की लें मदद।
यूं तो बारिश के दिनों में कई कारणों से पैलेट में खराश का सामना करना पड़ता है। गले में होने वाली खराश और दर्द के अलावा बार बार छींक आना, आंखों में पानी और रनिंग नोज़ की भी समस्या बढ़ जाती है। मौसम में आने वाले परिवर्तन से पर्यावरण में संक्रमण का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे पाल्यूटेंटस और बैक्टीरियल इंफेक्शन लोगों को अपनी चपेट में ले लेते है। इससे ओरल एलर्जी सिन्ड्रोम (oral allergy syndrome) का सामना करना पड़ता है। इससे मुंह के स्वाद में परिवर्तन आने लगता है और कानों में भी खुजली की समस्या बढ़ जाती है।
इस बारे में उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के फाउंडर डॉ शुचिन बजाज बताते हैं कि संकमण का प्रभाव बढ़ने से गले और तालू में खराश बढ़ जाती है। गर्मी के दिनों में अपर रेस्पीरेटरी ट्रैक में वायरल संक्रमण (viral infection) का जोखिम बढ़ जाता हैं, जो राइनोवायरस के कारण बढ़ने लगता है। इसके चलते खांसी, जुकाम, गले और पैलेट में खराश, हल्का बुखार और थकान की समस्या बढ़ जाती है। भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने और अनहेल्दी मील्स (unhealthy meals) इस समस्या को बढ़ा देते हैं। इससे बचने के लिए शरीर को हाइड्रेट रखना ज़रूरी है। साथ ही हेल्दी मील प्लान करे। इस समस्या से बचने के लिए हैंड हाइजीन (hand hygiene) ज़रूरी है और पॉल्यूटेंटस के प्रभाव से बचें।
कुछ खाने से इची माउथ का सामना करना पड़ता है, जिसे ओरल एलर्जी सिंड्रोम (oral allergy syndrome) कहा जाता है। इसके चलते कुछ भी खाने के बाद गले और तालू पर खराश का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा मुंह का स्वाद बदलने लगता है और इससे कानों में भी खुजली बढ़ने लगती है।
गले में होने वाली खुजली के अलावा अगर छींकना (sneezing), हल्का बुखार और बॉडी पेन (body pain) बढ़ने लगता है, तो ये सामान्य कोल्ड (common cold) के लक्षण हैं। इससे शरीर में समर कोल्ड का खतरा बढ़ जाता है और शारीरिक थकान का सामना करना पड़ता है। समर कोल्ड यानि सामान्य कोल्ड इची पैलेट जोखिम को बढ़ा सकता है।
मुंह में दवाओं या अन्य किसी कारण से बढ़ने वाला फंगल संक्रमण पैलेट पर खुजली की समस्या को बढ़ा देता है। इससे माउथ में बंपस की समस्या बढ़ जाती है, जिससे दर्द और जलन का सामना करना पड़ता है। इससे मुंह में रेडनेस बढ़ने लगती है, जिसे ओरल थ्रश (oral thrush) कहा जाता है।
शरीर में संक्रमण के प्रभाव को कम करके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए हर्बल टी का सेवन करें। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा शरीर वा बढ़ने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर देती है। इससे तालू में बढ़ने वाली खुजली से बचा जा सकता है।
हल्के गुनगुने पानी से गार्गल करने से गले में मौजूद इंफेक्शन की समस्या हल हो जाती है। गार्गल करने से गले में बनने वाले म्यूक्स को रोकने में मदद मिलती है और गले में बढ़ने वालील इरिटेशन से बचा जा सकता है। एक गिलास पानी में 1/2 चम्मच नमक मिलाकर इंफेक्शन को दूर किया जा सकता है।
एंटी इंफलामेटरी प्रॉपर्टीज़ से भरपूर अदरक में मौजूद जिंजरौल कंपाउड गले के संकमण को दूर करने में मदद करता है। 1/2 चम्मच अदरक के रस को एक कटोरी में निकालकर 1 से 2 बूंद शहद को टपकाएं और मिक्स करके धीरे धीरे खाएं। इससे गले को राहत मिल जाती है।
गले में मौजूद टॉक्सिन्स को दूर करने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीएं। इससे थ्रोट इंफेक्शन से राहत मिलती है और शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह नियमित बना रहता है। घूंट घूंट कर हल्का गर्म पानी पीने से खराश और जलन से राहत मिलती है।
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कस्टमाइज़ करेंपानी में तिल के तेल की कुछ बूंद मिलाकर उससे गार्गल करने से गले में बढ़ने वाली खराश को कम किया जा सकता है। इसके अलावा गले के दर्द और सूजन से भी राहत मिली है। थ्रोट इंफेक्शन के अलावा इससे मुंह में बढ़ने वाले बैक्टीरिया और प्लाह की समस्या से राहत मिलती है।
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