390,435 लोगों पर किए गए एक वैश्विक अध्ययन में दक्षिण ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि ज्यादा कॉफी पीने से रक्तचाप और हृदय गति में असंतुलन हो सकता है, जिससे हमारी कार्डियो हेल्थ प्रभावित होती है।
दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (SAHMRI) की टीम ने पाया कि उच्च रक्तचाप और एनजाइना वाले मरीजों को कम कॉफी पीने की आदत थी।
प्रमुख शोधकर्ता और यूनिसेफ के ऑस्ट्रेलियाई सेंटर फॉर प्रिसिजन हेल्थ के निदेशक, प्रोफेसर एलिना हाइपोनेन का कहना है कि यह एक सकारात्मक निष्कर्ष है जो हमारी आनुवंशिकी को सक्रिय रूप से कॉफी की मात्रा को नियंत्रित करता है। जिसे हम सीमित मात्रा में पीते हैं और ये बीमारी हमें ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाती है।
“हाइपोनेन कहते हैं,” लोग हर तरह के कारणों से कॉफी पीते हैं – जब वे थकान महसूस करते हैं, तो उनको कॉफी पीना अच्छा लगता है। इसका स्वाद अच्छा होता है या कई बार सिर्फ इसलिए कि ये उनकी दिनचर्या का हिस्सा है।
“वहीं जो व्यक्ति कॉफी पीने वाला है, या कोई व्यक्ति जो डिकैफ़िनेटेड कॉफी पीता है, उस पर कैफीन का बुरा प्रभाव पड़ता है। जिससे वह उच्च रक्तचाप के लिए अतिसंवेदनशील हो जाता है।”
ऑस्ट्रेलिया में, चार में से एक पुरुष, और पांच में से एक महिला उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। जिसकी वजह से स्ट्रोक, हार्ट फेल और क्रोनिक किडनी रोग भी हो सकते हैं।
प्रो हाइपोनेन का कहना है कि हम कितनी कॉफी पीते हैं, ये हमारे कार्डियो हेल्थ सूचक है। जो हमारी कार्डियो हेल्थ के लिए बुरा है।
आप बहुत ज्यादा कॉफी पीती हैं, या थोड़ी मात्रा में लेती हैं, जो भी हो आपको अपने कैफीन के सेवन पर नजर रखने की जरूरत है। इस अध्ययन में बताया गया है कि कॉफी का ज्यादा मात्रा में सेवन हमारी कार्डियो हेल्थ पर बुरा असर डालता है।
तो अगर आपका शरीर यह संकेत दे रहा है कि उसे और कॉफी नहीं पीनी है, तो इस संकेत को समझिए। क्योंकि आपकी सेहत के बारे में आपके शरीर से बेहतर कोई नहीं जानता।
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