हम में से ज्यादातर लोग सोचते हैं कि सिर्फ डायबिटीज के रोगियों में ही हाई ब्लड शुगर (high blood sugar) लेवल की समस्या होती है। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। किसी भी व्यक्ति के रक्त में शुगर का लेवल हाई हो सकता है। साथ ही वह नसों, रक्त वाहिकाओं और अंगों को होने वाले नुकसान को भी महसूस कर सकता है। ऐसे में इसकी जटिलताओं (complications) से बचाव करने के लिए, इसके चिंताजनक लक्षणों को जल्दी पहचानना और उचित उपचार करना बहुत जरूरी है।
शरीर में हाई ब्लड शुगर का होना हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक होता है। विशेष तौर पर यह हमारी हृदय प्रणाली (cardiovascular system) के सभी भागों को बहुत प्रभावित कर सकता है। यही कारण है कि डायबिटीज और हृदय संबंधी समस्याओं के बीच बहुत ही गहरा संबंध है।
रक्त में शुगर का लेवल अधिक होने पर हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की समस्या हो सकती है, जो कि हृदय संबंधी रोगों के लिए एक जोखिम कारक है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (Centers for Disease Control and Prevention, CDC) के अनुसार, डायबिटीज वाले 74 प्रतिशत वयस्क लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या पाई जाती है। ऐसे में हार्ट अटैक, स्ट्रोक, पेरिफेरल आर्टिरियल डिजीज (peripheral arterial disease) का साथ ही आखों, किडनी और नर्वस सिस्टम नुकसान जैसी समस्याओं का जोखिम अधिक बढ़ जाता है।
शोध के अनुसार, जिन लोगों के रक्त में शुगर की मात्रा ज्यादा होती है वे लोग अधिक चिंतित, चिड़चिड़े और डिप्रेशन की समस्या से ग्रस्त हैं। हमारा मस्तिष्क ग्लूकोज की एक समान आपूर्ति (equitable supply) पर निर्भर करता है। शुगर लेवल में उछाल हमारे मस्तिष्क और इसके काम को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। नतीजतन, हमारा मूड अचानक बिगड़ जाता है।
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एक हाई ब्लड शुगर लेवल की वजह से आप कम समय में वजन कम कर सकती हैं, भले ही आपकी डाइट में अक्सर कैलोरी की मात्रा ज्यादा ही क्यों न हो। इसके कई कारण हैं:
शुष्क मुंह और अधिक प्यास लगना एक गंभीर पानी की कमी के कारण होता है। हाइपोथैलेमस (hypothalamus शरीर में डिहाइड्रेशन के स्तर को मापता है और प्यास का कारण बनता है। साथ ही हमारे मस्तिष्क को इससे संबंधित संकेत भेजता है।
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कस्टमाइज़ करेंसूखी त्वचा कई कारणों से उच्च रक्त शर्करा के स्तर से संबंधित हो सकती है:
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यदि आपका ब्लड शुगर लेवल बहुत अधिक है, तो आपकी किडनी तरल पदार्थों को पुन: अवशोषित (re absorb) नहीं कर सकती हैं। इसलिए ऐसे में शरीर रक्त और कोशिकाओं में ग्लूकोज की एकाग्रता (concentration) को बराबर करने की कोशिश करता है। साथ ही इंट्रासेल्युलर तरल पदार्थ (intracellular fluid) के साथ रक्त को मिलाता है और ग्लूकोज की एकाग्रता (concentration) को सामान्य करता है। इससे बार-बार पेशाब आता है।
उच्च शर्करा का स्तर ग्लूकोज को मस्तिष्क कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोकता है, जिससे मस्तिष्क के लिए ऊर्जा प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। यह सोच और निर्णय लेने की गति को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।