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क्या वजन बढ़ने का कारण हो सकता है स्टेरॉयड? जानिए क्या हैं इसके स्वास्थ्य जोखिम

आप भी ऐसे लोगों को देखकर हैरान हो सकते हैं, जो बहुत कोशिश के बाद भी वेट कंट्रोल नहीं कर पाते। वहीं कुछ लोगों में अचानक वजन बढ़ना शुरू हो जाता है। इन दोनों के लिए स्टेरॉयड जिम्मेदार हो सकता है।
जानिए आपके स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करते हैं स्टेरॉयड्स। चित्र शटरस्टॉक।
अंजलि कुमारी Updated: 20 Oct 2023, 10:06 am IST
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कुछ साल पहले एक इंटरव्यू में प्रसिद्ध उद्योगपति नीता अंबानी ने कहा था कि उने बेटे अनंत अंबानी को बढ़े हुए वजन से संघर्ष करना पड़ रहा है। जिसकी वजह स्टेरॉयड हैं। जाे उन्हें अस्थमा के उपचार के लिए दिए जाते हैं। असल में विभिन्न प्रकार की एलर्जी, अस्थमा, एग्जिमा, इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज, गठिया और कुछ अन्य समस्याओं में स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे यह वजन बढ़ने का भी कारण बन सकता है। आइए जानते हैं क्या है स्टेरॉयड का आपके स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव (Side effects of steroids)।

स्टेरॉयड का इस्तेमाल कुछ दवाओं को बनाने में भी किया जाता है। इसके साथ ही कई एनिमल प्रोडक्ट में भी स्टेरॉयड हॉर्मोन्स मौजूद होते हैं। शरीर में स्टेरॉयड की अधिकता कई गंभीर समस्यायों का कारण बन सकती है। इसे जितना हो सके उतना सावधानी से लेना चाहिए। साथ ही इसकी एक उचित मात्रा का पता होना भी बहुत जरूरी है। स्टेरॉयड का डोज शरीर की आवश्यकता पर निर्भर करता है। वहीं इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है।

वही लंबे समय तक स्टेरॉयड लेने से शरीर पर कई प्रकार के साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं। इसलिए इसके प्रति सही जानकारी होना बहुत जरूरी है। तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते हैं, कि स्टेरॉयड की अधिकता सेहत को किस तरह पहुंचा सकती है नुकसान।

वेट गेन का कारण बन सकता है स्टेरॉयड। चित्र शटर स्टॉक

यहां जाने स्टेरॉयड से होने वाले कुछ गंभीर साइड इफैक्ट्स

1. वेट गेन का कारण बन सकता है स्टेरॉयड

स्टेरॉय आपके मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करते हुए आपके शरीर में फैट स्टोरेज को भी बढ़ा देता है। आमतौर पर यह पेट के हिस्से में चर्बी बढ़ने का कारण बनती है। वहीं यह शरीर मे इलेक्ट्रोलाइट और वाटर बैलेंस को असंतुलित कर देता है, जिसकी वजह से बार बार भूख लगने की समस्या, वॉटर रिटेंशन और शरीर के किसी भी अंग में एक्स्ट्रा फैट जमा होने की संभावना बनी रहती है। जिस वजह से व्यक्ति को वेट गेन का सामना करना पड़ता है।

वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा किए गए एक स्टडी के अनुसार स्टेरॉयड लेने वाले लगभग 70% व्यक्ति को मोटापे से ग्रसित पाया गया।

2. हो सकती हैं इनसोम्निया का शिकार

स्टेरॉयड का सेवन आपको इनसोम्निया का शिकार बना सकता है। खासकर यदि आप इसे शाम के समय लेती हैं, तो रात को नींद न आने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। वहीं नींद की कमी कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इसलिए सोने से कुछ घंटे पहले इसका न करें। साथ ही डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

3. मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है इसका असर

स्टेरॉयड को नियमित रूप से लेने से आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। खास कर यह आपके मूड को काफी ज्यादा प्रभावित करता है। कभी कबार आप एंग्जाइटी और डिप्रेशन महसूस करती हैं, तो कभी-कभी आप बहुत ज्यादा चीयर अप हो जाती हैं।

4. त्वचा पर पड़ता है बुरा असर

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार स्टेरॉयड त्वचा में एक्ने, पिंपल जैसी समस्याओं का कारण बनता है। इसके साथ ही यह स्कैल्प हेल्थ को भी प्रभावित करता है और हेयर लॉस की समस्या उत्पन्न कर सकता है। वहीं यह स्किन और स्कैल्प को ऑयली बना देता है, जिस वजह से कई अन्य गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

लीवर में खून से भरे हुए सिस्ट बनने लगते हैं, जिसके फटने से इंटरनल ब्लीडिंग शुरू हो जाती है। चित्र शटरस्टॉक।

5. लीवर भी हो सकता है प्रभावित

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज के अनुसार स्टेरॉयड लीवर डैमेज का कारण बनता है इसके साथिया ट्यूमर और पेलिओसिस हेपटिस जैसी गंभीर समस्या का कारण बन सकता है। इस स्थिति में लीवर में खून से भरे हुए सिस्ट बनने लगते हैं, जिसके फटने से इंटरनल ब्लीडिंग शुरू हो जाती है। और इस वजह से कुछ रेयर केस में लोगों को जान भी गंवानी पड़ी है।

6. कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को बुरी तरह करता है प्रभावित

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑन ट्रक ऑफ यूज द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार स्टेरॉयड हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है। उसके साथ ही यह हार्ट वेंट्रीकल्स के फंक्शन को धीमा कर देता है। जिस वजह से दिल से जुड़ी बीमारी जैसे की हार्ट अटैक, आर्टरी डैमेज और स्ट्रोक की संभावना बनी रहती है।

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इसके साथ ही यह शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा देता है, जो धीरे धीरे आर्टरीज में जमा होने लगती है और ब्लड फ्लो को ब्लॉक कर देती हैं। इस वजह से खून ब्रेन और हार्ट तक ठीक तरह से नहीं पहुंच पाता। ऐसे में हार्ट अटैक की संभावना काफी ज्यादा होती है।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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