लगातार रहने वाली एसिडिटी बन सकती है एसोफैगल कैंसर का कारण, यहां जानिए कैसे

जब आप लगातार सीने में जलन और एसिड रिफ्लक्स का सामना करती हैं, तो ये आपके लिए एसोफैगल कैंसर का जोखिम 30 फीसदी ज्यादा बढ़ा देते हैं।
acidity ban sakti hai cancer ka karan
एसिडिटी कैंसर का कारण बन सकती है । चित्र : शटरस्टॉक
Published On: 11 Jul 2022, 08:00 pm IST
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मानसून में हमें अक्सर बाहर कुछ न कुछ चटपटा खाने का मन करता है। मगर बाहर का खाना कितना भी अच्छा क्यों न लगे हमेशा स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जिनमें से एक है एसिडिटी। ऐसा नहीं है कि सिर्फ बाहर का खाना खाने से ही एसिडिटी बनती है, बल्कि कभी – कभी घर का खाना खाने से भी एसिडिटी हो सकती है। जिसे हम अकसर नजरंदाज कर देते हैं। पर एक्सपर्ट मानते हैं कि लगातार एसिडिटी (Acidity and Esophageal cancer) रहना आपके लिए भविष्य में जोखिमकारक हो सकता है।

एसिडिटी एक ऐसी समस्या है, जो आपको कभी भी परेशान कर सकती है। कभी पेट खाली रहने या ज़्यादा खा लेने के बाद भी एसिडिटी बन सकती है। अक्सर इसके लिए हम अपने दादी – नानी के नुस्खे अपनाते हैं, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर इतनी एसिडिटी बनने की क्या वजह हो सकती है? इतना ही नहीं कई अध्ययनों के अनुसार ज़्यादा एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux) शरीर में कैंसर पैदा कर सकता है?

क्या है एसिडिटी और कैंसर का कनेक्शन?

सीने में जलन होना काफी आम समस्या है। लगभग हर कोई इसका अनुभव करता है। इसकी वजह से आपको अपने एसोफैगस में परेशानी महसूस हो सकती है। लाखों लोगों के लिए, यह स्थिति गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) में विकसित होती है।

इन लोगों को एसिडिटी की वजह से अन्नप्रणाली और एसोफैगल कैंसर सहित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने की संभावना होती है।

जानिए क्या कहते हैं अध्ययन?

अमेरिकन कैंसर सोसायटी के मुताबिक, एसिडिटी से पीड़ित लोगों में एसोफेगल कैंसर विकसित होने की संभावना 30 से 125 गुना अधिक होती है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, लगभग 30 प्रतिशत एसोफैगल कैंसर को GERD से जोड़ा जा सकता है। वसा की खपत और मोटापे में वृद्धि के कारण, एसिडिटी से पीड़ित अमेरिकियों की संख्या बढ़ रही है, जिससे एसोफेगल कैंसर में वृद्धि हो रही है।

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इसकी वजह से आपका मुंह भी प्रभावित हो सकता है। चित्र : शटरस्टॉक
चित्र-शटरस्टॉक।

2009 में, राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के अनुसार अमेरिका में एसोफेगल कैंसर के 16,470 नए मामले और एसोफेजेल कैंसर के कारण 14,530 मौतें हुई हैं। एसोफैगल कैंसर की मृत्यु दर अधिक है क्योंकि इसका अक्सर देर से निदान किया जाता है।

एसिडिटी और सीने में जलन से बचने के लिए कुछ टिप्स

कभी – कभी एसिडिटी बनने से शायद उतनी समस्या नहीं होती है। मगर यदि आप बार-बार एसिड रिफ्लक्स का अनुभव कर रही हैं, तो आपको जांच करानी चाहिए। साथ ही, इन टिप्स को आजमाना चाहिए जो आपके काम आ सकती हैं –

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

सोने से तीन से चार घंटे पहले खाने से परहेज करें।
कैफीन, शराब और निकोटीन न लें।
लंबे समय तक लेटने से बचना चाहिए।
थोड़ा वजन घटाने की कोशिश करें

जिन लोगों को GERD है, उनके लिए कैंसर को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि एक डॉक्टर को देखें और जल्दी इलाज करवाएं, इससे पहले कि अन्नप्रणाली को और नुकसान हो।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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