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क्‍या मोटापा भी है कोविड-19 के लिए एक घातक कारक हो सकता है?

कई अध्‍ययनों में यह सामने आया है कि ज्‍यादा वजन वाले लोगों में कोविड-19 के गंभीर लक्षण देखे गए। साथ ही इनमें जोखिम का आंकड़ा भी अन्‍यों की तुलना में बहुत ज्‍यादा है।
Published On: 29 May 2021, 11:53 am IST
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Obesity apne sath kayi samasyaye lekar aati hai
ओबेसिटी अपने साथ कई समस्याएं लेकर आती है। चित्र : शटरस्टॉक

कोरोना वायरस महामारी ने अब तक करोड़ों लोगों को संक्रमित किया है, जिसके परिणामस्वरूप विश्व भर में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। कोविड-19 से संक्रमित 90% से अधिक लोगों में हल्के या कोई लक्षण नहीं दिखते। बीमारी की गंभीरता कई कारणों पर निर्भर करती है। इसके अलावा, टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसी स्वास्थ्य स्थितियों वाले रोगियों में कोविड-19 संक्रमण के कारण गंभीर बीमारी और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।

साथ ही, यह भी सामने आया है, जिन व्यक्तियों में ज्यादा मोटापा था, उन व्यक्तियों को कोरोना ने अपनी चपेट में जल्दी लिया है।

आखिर क्या वजह है कि मोटे लोग कोविड -19 के प्रति ज्यादा संवेदनशील हैं?

मोटापे से ग्रस्त लोगों में हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह, कुछ प्रकार के कैंसर और एंडोथेलियल डिसफंक्शन जैसी बीमारियों का प्रसार बढ़ जाता है। ये स्थितियां कोविड-19 से जुड़ी बीमारी की गंभीरता और मृत्यु दर के लिए प्रमुख जोखिम कारक हैं।

वज़न बढ़ने की वजह से इम्युनिटी भी धीरे-धीरे कम होने लगती है, जो कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

क्‍या कहता है कोविड – 19 और मोटापे से जुड़ा अध्ययन

ब्रिटेन में 17 हज़ार लोगों पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि जो लोग मोटापे के शिकार थे और जिनका बॉडी-मास इंडेक्स 30 से ऊपर था, उनमें 33 % मृत्यु दर ज़्यादा है। ब्रिटेन के आईसीयू में भर्ती लोगों के ऊपर किए गए अध्ययन से यह बात सामने आई है कि वहां भर्ती करीब 34.5 प्रतिशत लोग ओवरवेट थे और 31.5 प्रतिशत मोटे थे। जबकि सात प्रतिशत मोटे और बीमार दोनों थे। केवल 26 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिनका बीएमआई सामान्य था।

एक दूसरे अध्ययन में मोटे लोगों में मृत्यु दर दोगुनी पाई गई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर इनमें दिल की बीमारी और डायबिटीज जैसी दूसरी वजहें शामिल कर ली जाएं, तो यह आंकड़ा और अधिक हो सकता है।

मोटापे की वजह से हो सकता है कोविड - 19 से ठीक होना मुश्किल। चित्र: शटरस्‍टॉक
मोटापे की वजह से हो सकता है कोविड – 19 से ठीक होना मुश्किल। चित्र: शटरस्‍टॉक

35 से ज्‍यादा बीएमआई है खतरनाक

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने अनुमान लगाया कि 35 से 40 के बीएमआई होने से व्यक्ति की कोविड -19 से मरने की संभावना 40% तक बढ़ सकती है। जबकि 40 से अधिक बीएमआई जोखिम को 90% तक बढ़ा सकता है।

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क्‍या है इसमें आहार की भूमिका

चीनी और वसा में उच्च आहार या सामान्य रूप से बहुत अधिक कैलोरी खाने से आपको संक्रमण होने का अधिक खतरा होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इससे रक्त शर्करा में वृद्धि हो सकती है या ऑक्सीडेटिव क्षति हो सकती है। मगर यही आहार आपको वजन कम करने और इम्युनिटी बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।

जानिए आप कैसे अपने मोटापे को नियंत्रित कर सकती हैं

यदि आप मोटापे से प्रभावित हैं, तो वजन घटाने में मदद करने के लिए अपनी कैलोरी कम करें। साधारण कार्बोहाइड्रेट जैसे मिठाई, गुड़, पके हुए सामान, चीनी-मीठे पेय पदार्थ, चीनी, शहद, जैम, जेली आदि कम करें।

प्रतिदिन दो कप साबुत फल और कम से कम तीन कप सब्जियां खाएं।

प्रतिदिन कम से कम 60 से 80 औंस पानी पिएं।

व्यायाम और इम्युनिटी

स्वास्थ्य और व्यायाम साथ-साथ चलते हैं। हम सभी ने सुना है कि व्यायाम उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल, कैंसर, नींद की गड़बड़ी, मूड और मोटापे जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। सामान्य तौर पर, जो लोग व्यायाम करते हैं और शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हैं, वे लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जीते हैं।

इसलिए, सही आहार लें और हर रोज़ व्यायाम करें!

यह भी पढ़ें : घर पर कोविड-19 उपचार के दौरान क्‍या आपको स्‍टेरॉयड लेने चाहिए? जानिए क्‍या है सच्‍चाई

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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