आइसक्रीम ऐसी चीज है जो पीरियड्स हो या प्रेगनेंसी, हम सभी क्रेव करते हैं। जहां आइसक्रीम बिल्कुल सुरक्षित है, वहीं कुछ बातों को नजरंदाज करने से आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती है।
अमेरिका की एक स्टडी में पाया गया था कि 50 प्रतिशत महिलाएं आइसक्रीम की क्रेविंग्स महसूस करती हैं। और यह क्रेविंग्स सेकंड ट्राइमेस्टर यानी प्रेग्नेंसी के चौथे से छठे महीने में होती हैं।
इसका सीधा सा जवाब है- कुछ खास आइसक्रीम प्रेगनेंसी के लिए खतरनाक होती हैं। दरअसल आइसक्रीम दूध या क्रीम से ही बनती हैं और दूध अगर पास्चराइज्ड नहीं है, तो इंफेक्शन का खतरा हो सकता है।
इसलिए दूध की बनी आइसक्रीम के बजाय आइस कैंडी या फ्रोजन योगर्ट चुनें। सॉफ्ट सर्व या सॉफ्टी खाना भी सुरक्षित नहीं है।
आप कौन सी आइसक्रीम खा रही हैं यही नहीं कौन सा फ्लेवर चुनती हैं यह भी जरूरी है। अगर आप साधारण स्ट्रॉबेरी,वनिला या बटरस्कॉच खा रही हैं तो कोई समस्या नहीं है। लेकिन अगर आप कॉफी या कैफीन युक्त कोई भी फ्लेवर खाना चाहती हैं, तो हम इसकी सलाह नहीं देंगे।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्सेटेट्रिशन एंड गायनोकॉलोजी की स्टडी के अनुसार प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में कैफीन और शुगर अवॉयड करना चाहिए।
· क्रेविंग्स सामान्य हैं, लेकिन हर बार इन क्रेविंग्स को पूरा करना ठीक नहीं। महीने में एक-दो बार आइसक्रीम खाना काफी है।
· सोने से पहले आइसक्रीम कभी न खाएं। इससे आप लगभग 340 से 450 कैलोरी एक्स्ट्रा खा लेंगी, जो आपके और बेबी दोनों के लिए खतरनाक है।
· कभी भी आइसक्रीम की ब्रिक ना मंगाएं, और क्रेविंग्स होने पर दो-चार चम्मच से अधिक आइसक्रीम न खाएं। अधिक कैलोरी जेस्टेशनल डायबिटीज का कारण बन सकती है।
· जेस्टेशनल डायबिटीज प्रीमैच्योर डिलीवरी, बच्चे में मोटापा और आप में रेस्पिरेट्री समस्या का कारण बन सकती है।
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कस्टमाइज़ करेंसबसे महत्वपूर्ण है कि सीमा में कोई भी चीज नुकसानदेह नहीं होती। इसलिए आइसक्रीम खाना खतरनाक नहीं है बस इसे आदत न बनाएं। और हर बार मूड स्विंग्स और क्रेविंग्स के आगे हार ना मानें।