मानव शरीर का सबसे जरूरी अंग आंखें हैं। इनके बिना सुंदर और स्वस्थ दुनिया को देख पाना कठिन है। इसलिए आंखों का स्वस्थ होना सबसे जरूरी है। हमारी आंखों में कई तरह की समस्याएं होती हैं। स्ट्रेस और पोलूशन के कारण दर्द, लालिमा, खुजली या अत्यधिक आंसू निकलने जैसी आंखों की समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही मायोपिया, नजदीक की नजर कमजोर होना भी आपके जीवन को बाधित कर सकता है। होमियोपैथी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का हल करती है। तो क्या होमियोपैथी में आंखों की समस्याओं का इलाज संभव (homeopathy treatment for eye problems) है? आइये जानते हैं एक्सपर्ट से।
इन दिनों ग्लूकोमा और कैटरेक्ट जैसी समस्याओं के लिए अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट को अपनाया जा रहा है। हालांकि प्रचुर मात्रा में होम्योपैथिक और वैकल्पिक उपचार सुझाए जा रहे हैं। मोतियाबिंद (Cataract) और ग्लूकोमा (Glaucoma) जैसी आंखों की स्थितियों को सर्जरी से ही ठीक करने की जरूरत पड़ती है। सर्जरी एकमात्र प्रभावी इलाज है। जबकि आंखों की कुछ और समस्याओं को होम्योपैथिक दवाओं के माध्यम से प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है।
जब आई बॉल की लंबाई सामान्य से अधिक होती है, तो मायोपिया हो जाता है। इसे किसी भी होम्योपैथिक दवा से ठीक नहीं किया जा सकता है। विजन में कई काले तैरते हुए धब्बे भी दिखाई देते हैं। इन्हें फ्लोटर्स कहा जाता है। इसे भी ठीक करना कठिन है। इसकी आदत डालनी होगी। यदि मायोपिया और नजदीक की नजर कमजोर हो गयी है, तो हर हाल में सही पॉवर वाला चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस पहनना जरूरी है।
यदि काले धब्बे लाइट फ्लैश के साथ दिखाई देने लगे, तो तुरंत आई एक्सपर्ट से मिलना चाहिए। मायोपिया में लोगों में रेटिना कमजोर हो जाता है, जिन्हें लैटिस डीजनरेशन कहा जाता है। इसलिए नियमित रूप से आई एक्सपर्ट को दिखाना जरूरी है।
यकीनन आंखों की कुछ समस्याओं का होम्योपैथिक दवाओं के माध्यम से प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है। यहां कुछ रोगों के लिए प्रभावी दवाओं के नाम दिए जा रहे हैं। इन दवाओं के उपयोग से पहले निश्चित रूप से होम्योपैथ डॉक्टर से बात करना जरूरी है। अपने मन से कभी कोई दवा नहीं लेनी चाहिए।
आंखों में अत्यधिक पानी आने, जलन और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता के साथ आंखों में तनाव होने पर यूफ्रेशिया ऑफिसिनैलिस दवा ली जा सकती है। यह राहत प्रदान कर सकती है।
यदि तनाव के साथ आंखों में दर्द और सूखापन महसूस होता है, तो रूटा ग्रेवोलेंस असुविधा को कम करने में मददगार हो सकती है। रूटा आंखों को नमी युक्त बनाती है।
जो लोग घबराहट के साथ आंखों में तनाव और बार-बार पलकें झपकाने की प्रवृत्ति का अनुभव करते हैं, उनके लिए अर्जेन्टम नाइट्रिकम दवा राहत प्रदान कर सकती है।
मोटी और लाल पलकें होने के साथ-साथ अत्यधिक दुर्गंधयुक्त स्राव जो जलन का कारण बनता है। आंखों के आसपास मवाद बनने के साथ फोड़े होने पर मर्क्यूरियस दवा कारगर है।
नेत्र दृष्टि विकार और अन्य नेत्र विकारों के लिए सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाती है बेलाडोना होमियाेपैथी दवा। गंभीर सूजन, सूखापन, इरिटिस या रेटिनाइटिस में यह दवा कारगर है। रेटिना में रक्तस्राव की स्थिति में यह दवा ली जाती है।
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कस्टमाइज़ करेंआर्सेनिका नेत्र रोग विकार के लिए सबसे अच्छी होमियाेपैथी दवा में से एक है। सूर्य की तेज रोशनी के कारण आंखों में तेज दर्द, आंखें बंद करने से आंखों में दर्द होने लगना, पढ़ने का प्रयास करते समय अक्षरों को पढने में दिक्कत होना, आई ग्लैंड के प्रभावित होने पर भी यह दवा (homeopathy treatment for eye problems) ली जा सकती है।
इनमें से किसी भी दवा का उपयोग केवल तभी किया जाना चाहिए जब डॉक्टर इन्हें लेने की सलाह देते हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के लेने पर दवाओं से आंखों को नुकसान (homeopathy treatment for eye problems) भी हो सकता है।
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