जैसे ही आप गर्भवती होती हैं, क्या करना है और क्या नहीं की हिदायतें आपको मिलनी शुरू हो जाती हैं। हर एक की नजर आप पर होती है – चाहे वह आपके खाने का तरीका हो, आहार हो, व्यायाम हो या फिर नींद। हालांकि, इस सबका सबसे ज्यादा असर आपके खाने की आदतों पर पड़ने लगता है। पर इस बात का ध्यान रखें, कि इस समय पोषण के मामले में सबकी अपनी अलग-अलग जरूरतेें और सिद्धांत हैं।
आपने अकसर सुना होगा कि “दूध पीने से बच्चा गोरा पैदा होता है” या “ आप कॉफी या चाय पिएंगी तो होने वाले बच्चे का रंग गहरा होगा।”, और सबसे ज्यादा यह कि “ इसे मत खाओ वरना गर्भपात होने का चांस बढ़ जाएगा।” तो आइए हम इसी पर बात करते हैं। यह पूरी तरह एक भ्रम है, क्योंकि भोजन कभी भी गर्भपात का कारण नहीं हो सकता।
लवनीत बत्तरा, जो एक क्लिनिकल न्यूट्रीशनिस्ट हैं, कहती हैं, “कई तरह के मिथकों में लोगों का काफी दृढ़ विश्वास है। खासतौर से जब प्रेगनेंसी में पोषण की बात आती है। मैंने इस दौरान महिलाओं को बहुत सारे जंक फूड खाते देखा है, क्योंकि वे इसके लिए तरस रही होती हैं। उस समय उनके पास यह समझ नहीं होती कि यह उनके गर्भस्थ शिशु पर कैसा असर डालेगा।”
बत्तरा बताती हैं, “संयम से खाया गया भोजन कभी भी किसी को नुकसान नहीं पहुंचा सकता।” “हमें यह समझने की जरूरत है कि इससे गर्भपात नहीं होता है, लेकिन यह बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। और हां जब भोजन से बचने की बात आती है तो उस मछली को खाने सेे परहेज करना चाहिए जिसमें मर्करी का लेवल हाई है। इसके अलावा कच्चा मांस, कच्चे अंडे, कच्चे अंकुरित और अनपेस्टराइज्ड डेयरी प्रोडक्ट जैसे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए।”
वह कहती है, “कम मात्रा में चाय पीना ठीक है और यदि आप कॉफी प्रेमी हैं तो रोजाना दो कप पीने की बजाए आप इसे सप्ताह में तीन कप तक सीमित कर सकती हैं। ”
“मैं नहीं जानता कि इन दो मासूम से फलों पर इतना दोषारोपण क्यों किया जा रहा है। जबकि इसमें इनका कोई दोष नहीं है।” वह बताती है कि कच्चा पपीता और डिब्बाबंद अनानास खाना आपके लिए वैसे भी सेफ नहीं है, भले ही आप गर्भवती न हों।
“पके पपीतेे के कुछ स्लाइस खाने से आपको कभी नुकसान नहीं हो सकता। वास्तव में, यह बेहतर आंत और बाउल मूवमेंट का कारण बन सकता है। लेकिन डिब्बाबंद भोजन से दूर रहना आपके लिए अच्छा है। क्योंकि इन्हें प्रीजर्व रखने के लिए कुछ रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है, वेे संदिग्ध हैं।”
वह सिफारिश करती हैंं, “इसका सीधा सा फॉर्मूला है, कि वहीं खाएं, जिसके बारे में आप पहले से जानती हैं, फिर चाहें वह फल हों या सब्जियां। दालें गर्भावस्था के दौरान एक जरूरी आहार है क्योंकि वे कैल्शियम, प्रोटीन, पोटेशियम, आदि पोषक तत्वों से भरपूर हैं।”
वह कहती हैंं, “ गर्भपात का मुख्य कारण प्रोजेस्टेरोन के स्तर में आई कमी होती है। इसे बढ़ावा देने के लिए आपको अपने आहार में कच्चा नारियल, अनार और अंजीर को शामिल करना चाहिए।”
बत्तरा अंत में कहती हैं, “ इसलिए टेंशन मत लो। जो भी आपको पसंद है, उसे मजे से खाओ। लेकिन हां संयम का पालन करें।”
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