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क्या डिमेंशिया की बीमारी पेरेंट्स से उनके बच्चों में भी आ सकती है? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

अगर आपके घर परिवार में किसी को डिमेंशिया है तो चिंता होनी स्वाभाविक है, कि कहीं डिमेंशिया बीमारी वंशानुगत तो नहीं। आज हम इसी के बारे में बात करेंगे।
डिमेंशिया के बारे में अभी और बहुत कुछ जानने की जरूरत है। चित्र: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 7 Jul 2021, 19:31 pm IST
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अगर आपके परिवार में आपके माता पिता में से किसी को भी डिमेंशिया (Dementia) की बीमारी है तो आप यह सोच कर चिंतित हो रही होंगी कि कहीं आप तो इसका शिकार नहीं हो जायेंगी। इसलिए सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि कहीं डिमेंशिया बीमारी वंशानुगत तो नहीं? किस तरह जींस हमारी अनुवांशिकता (Heredity) में भूमिका निभाते हैं?

जीन्स की भूमिका अनुवांशिकता में

असल में जींस अनुवांशिकता गुणों के लिए बेसिक यूनिट का काम करते हैं, जैसे कि बालों का रंग हाइट या अनुवांशिक बीमारियां। और यह सभी जींस क्रोमोजोम्स में पाए जाते हैं। जीन्स में परिवर्तन या उत्परिवर्तन हो सकते हैं। इसकी वजह से यदि कोई जीन्स किसी बीमारी से जुड़ा है तो वह अनुवांशिक बीमारी का कारण हो सकता है।

असल में डिमेंशिया के बहुत से प्रकार होते हैं और इनमें से अधिकतर अनुवांशिक नहीं होते। तो आज हम कुछ डिमेंशिया के प्रकार के बारे में जानेंगे और यह पता लगाएंगे कि क्या डिमेंशिया की बीमारी वंशानुगत हैं।

इसके लिए  आपको सबसे पहले डिमेंशिया के प्रकार जानने चाहिए 

वैस्कुलर डिमेंशिया (Vascular Dementia)

बहुत ही कम केसों में इस प्रकार का डिमेंशिया माता-पिता से किसी अन्य व्यक्ति में या बच्चों में फैल सकता है।

यह मस्तिष्क संबंधी एक गंभीर रोग है। चित्र: शटरस्टॉक

लुई बॉडीज के साथ डिमेंशिया (Lewy Bodies Dementia)

इस डिमेंशिया में दो प्रकार की बीमारियां होती हैं जोकि पार्किनसन और डेमंटिया विद लुई बॉडीज होती हैं। इनमें से केवल 10% केस ही हेरिडिटरी होते हैं अर्थात् पेरेंट्स से बच्चों में फैल सकते हैं और यह बहुत ही कम हैं।

फ्रोंटो टेंपरल डिमेंशिया (Frontotemporal)

इस प्रकार का डिमेंशिया बूढ़े लोगों में अधिक देखने को मिलता है। इसके अन्य प्रकार की डिमेंशिया बीमारी के वंशानुगत होने के चांस अधिक होते हैं लेकिन फिर भी इसे बहुत कम ही माना जाता है।

अल्जाइमर्स डिमेंशिया (Alzheimer’s)

यह डिमेंशिया का सबसे अधिक कॉमन प्रकार होता है। डिमेंशिया के 50 से 70% मरीज इसी प्रकार से ग्रस्त होते हैं।

अब जानिए जीन्स कैसे डिमेंशिया को प्रभावित करते हैं?

आपको जीन्स और डिमेंशिया से जुड़े निम्न फैक्ट्स जान लेने चाहिए।
डिमेंशिया के लगभग 99% मामले अनुवांशिक नहीं होते हैं।
डिमेंशिया होने में हमारी उम्र एक महत्त्वपूर्ण रोल निभाती है और ज्यादातर उन्हीं लोगों को यह बीमारी होती है जिनकी उम्र 70 से 80 साल के बीच में होती है।
इसलिए इन केसों में आपका डिमेंशिया होने का खतरा बहुत कम होता है।
डिमेंशिया के एक प्रतिशत से भी कम ऐसे चांस होते हैं कि ये बीमारी वंशानुगत हो और यह केवल 2 से 3% जनसंख्या को भी प्रभावित करता है।

जींस आपकी शारीरिक संरचना के साथ-साथ कुछ बीमारियां भी देते हैं। चित्र: शटरस्टॉक

डिमेंशिया ऑर्गेनाइजेशन यूके के रिसर्चर्स के मुताबिक डिमेंशिया बीमारी वंशानुगत तौर पर आगे बढ़ने के चांस तब ही होते हैं जब परिवार में किसी व्यक्ति को ऐसे प्रकार का डिमेंशिया हो, जो अलग अलग रूपों में म्युटेट हो जाता है। इस प्रकार के डिमेंशिया का नाम पीएस 1 और पीएस 2 और एपीपी होता है।

अनुवांशिक डिमेंशिया हो तो क्या करें?

अगर आपके परिवार में किसी व्यक्ति को अनुवांशिक होने वाला डिमेंशिया है तो आपको अपना या भाई बहन का पहले ही पता लगाने के लिए डिमेंशिया डिटेक्शन टेस्ट करवा लेना चाहिए। लेकिन इसके बाद भी फैमिली में इसके फैलने के चांस बहुत ही कम होते हैं। अगर आप में इसके लक्षण है तो आपको तुरंत डॉक्टर से इलाज शुरू करवा देना चाहिए।

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अगर आपके परिवार में आपको या आपके भाई बहन को वंशानुगत डिमेंशिया बीमारी हो जाती है, तो उसका तुरंत इलाज शुरू करवायें। अगर आपकी फैमिली में किसी को है तो आपको एक बार सभी की जांच जरूर करवानी चाहिए।

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