बढ़ते शहरीकरण और जीवनशैली में परिवर्तन के साथ, मौखिक रोगों का खतरा बढ़ रहा है। यह मुख्य रूप से फ्लोराइड (पानी और टूथपेस्ट जैसे मौखिक स्वच्छता उत्पादों में पाया जाने वाला केमिकल) से होता है और मौखिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की कमी के कारण भी। दांत की समस्याओं की सबसे आम वजह- चीनी, तम्बाकू और अल्कोहल का बढ़ता इस्तेमाल हैं।
नेशनल सेंटर फॉर बायो टेक्नोलॉजी इनफार्मेशन के अनुसार भारत में 71.2% बच्चों के लिए टूथ ब्रश 2 साल की उम्र के बाद शुरू किया गया। इसके अलावा 24.2% बच्चे दिन में एक बार भी ब्रश नहीं करते। और केवल 31.8% की ओरल हायजीन अच्छी कही जा सकती है।
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 2017 के अनुसार दुनिया भर में करीब 3.5 बिलियन लोगों को मुंह की बीमारियां होती हैं, जिनमें दांतों का झड़ना सबसे आम है। वैश्विक रूप से, यह अनुमान है कि 2.3 बिलियन लोग इससे पीड़ित हैं और 530 मिलियन से अधिक बच्चे प्राथमिक दांतों की देखभाल टूथ डिके (tooth decay) से पीड़ित हैं।
ज्यादा मीठा खाना, कोल्डड्रिंक और प्रोसेस्ड फ्रूट जूस, टूथ डिके का कारण बन सकते हैं। जब हम कुछ मीठा खाते हैं, तो चीनी हमारे दांतों पर जम जाती है और एसिड बनने लगती है। इस एसिड को हम प्लाक भी कहते हैं, जो आगे जाकर टूथ डिके या दांतों के सड़ने का कारण बन सकता है। इसलिए, ज्यादा चीनी का सेवन करने से बचें, खासकर रात को।
दूध, पनीर या दही ज्यादा खाने से टूथ इनेमल झड़ने का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि इस मामले में अभी और अध्ययन होना बाकी है। ऐसा सामने आया है कि डेरी प्रोडक्ट्स में कैल्शियम की और करियोस्टेटिक की मात्रा ज्यादा होती है, जो इनेमल के झड़ने का कारण बन सकती है।
एसिडिक फूड्स जैसे टमाटर और खट्टे फल, टूथ इनेमल पर प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए उन्हें भोजन के हिस्से के रूप में खाएं, अकेले नहीं। सूखे मेवे, किशमिश सहित, एक स्वस्थ आहार के लिए अच्छे विकल्प हैं, लेकिन जब वे चिपचिपे होते हैं और दांतों पर चिपकने लगते हैं, तो वे एसिड पैदा करते हैं। वे लंबे समय तक दांतों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके बजाय ताजे फल का सेवन करें।
दांतों से शक्कर और खाद्य कणों को हटाने के लिए अपने दांतों को दिन में दो बार ब्रश करें।
भोजन-नाश्ते के बीच की सीमा तय करें।
अपने आहार में चीनी को कम से कम रखें ।
अपने आहार में डेयरी उत्पाद, खूब सारे फल और सब्जियां और पानी शामिल करें।
आहार में शामिल मोटे अनाज दांतों के व्यायाम में मददगार हो सकते हैं।
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