मेंहदी की एक वैज्ञानिक प्रासंगिकता भी है, क्योंकि यह तनाव, सिरदर्द, थकान आदि को दूर करने में मदद करती है। साथ ही, यह शरीर को भी ठंडक पहुंचाती है और यह भूरे बालों के लिए एक प्राकृतिक डाई के रूप में भी काम करती है।
मेंहदी के पत्तों को आमतौर पर सुखाया जाता है, कुचला जाता है और घर पर पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। ये पत्ते पर्याप्त पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो बालों के विकास और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।
एनसीबीआई (NCBI) के अनुसार मेहंदी में मौजूद – टैनिन, कैटेचिन, फ्लेवोनोइड्स, आवश्यक फैटी एसिड और विटामिन ई जैसे एंटीऑक्सीडेंट बालों के स्वास्थ्य के लिए कई लाभकारी गुण प्रदान करते हैं।
त्वचा और बालों पर मेहंदी लगाना ज़्यादातर सुरक्षित है। मगर इसके कुछ दुष्परिणाम भी हैं जैसे कि लालिमा, खुजली, जलन, सूजन, छाले और त्वचा पर निशान पड़ना। अक्सर ये एलर्जी प्रतिक्रियाएं मेंहदी में मिलाए गए एक घटक के कारण होती हैं। यह जोड़ा घटक “ब्लैक” मेंहदी में सबसे आम है।
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यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं तो आपकी मेहंदी की महक से घबराहट हो सकती है। साथ ही, इसे अपने मुंह के संपर्क में न आने दें। हालांकि, यह जानने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं है कि गर्भवती या स्तनपान के दौरान त्वचा पर मेंहदी लगाना सुरक्षित है या नहीं, तो फिर भी इसके इस्तेमाल से बचें।
बच्चे की त्वचा पर मेंहदी लगाना असुरक्षित हो सकता है। गलती से मेंहदी निगलने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। यह पेट खराब, मांसपेशियों के टूटने, किडनी फेलियर, लाल रक्त कोशिकाओं का नुकसान और मृत्यु का कारण बन सकती है।
शिशुओं और G6PD की कमी वाले बच्चों की त्वचा पर मेहंदी लगाने से उनकी लाल रक्त कोशिकाएं फट सकती हैं। इसके अलावा, अगर आपको मेंहदी से एलर्जी है, तो इससे बचें।
बाजार में उपलब्ध मेहंदी में जितने भी केमिकल्स का इस्तेमाल होता है, उससे त्वचा पर रिएक्शन हो सकता है। इसलिए, मेहंदी लगाने से पहले यह जांच लें कि यह पूरी तरह से प्राकृतिक है या नहीं!
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