पिछले साल ही कोविड -19 के टीके आए हैं और तब से लेकर आज तक ऐसे कई मिथ हैं, जो इन्हें लेकर सामने आ चुके हैं। इसमें से एक है कि कोविड – 19 वैक्सीन पीरियड्स को प्रभावित करती है। ऐसा ही एक और मिथ है कि कोविड वैक्सीन पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या नपुंसकता का कारण बन सकती है।
यह मिथ तब और भी ज़्यादा फैल गया जब लोकप्रिय गायिका निकी मिनाज ने अपने 22 मिलियन सोशल मीडिया फॉलोअर्स के साथ साझा किया कि वैक्सीन लगने के बाद उनके चचेरे भाई का दोस्त नपुंसक हो गया। मगर क्या इस दावे में कोई सच्चाई है? क्या कोविड -19 वैक्सीन वास्तव में इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बन सकती है?
इस साल जुलाई में प्रकाशित एक अध्ययन में इटली के शोधकर्ताओं ने 2,000 से अधिक पुरुषों को उनके स्वास्थ्य और ईडी (Erectile dysfunction) के बारे में सर्वेक्षण किया। यह सभी लोग कोविड – 19 पॉज़िटिव पाए गए थे। यह एक अध्ययन है जो दावा करता है कि कोविड -19 से इरेक्टाइल डिसफंक्शन विकसित होने की संभावना बढ़ सकती है।
इससे पहले कि हम निश्चित रूप से कहें, इस संबंध में और अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।
बीएलके- मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल, के वरिष्ठ निदेशक और विभाग प्रमुख, डॉ राजिंदर कुमार सिंघल बताते हैं, “ऐसी कई कहानियां सोशल मीडिया पर घूम रही हैं, जिसमें दावा किया गया है कि कोविड -19 टीके इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बन सकते हैं। मगर इस बात का कोई प्रमाण नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने नपुंसकता या बांझपन पैदा करने वाले कोविड -19 टीकों के बारे में इन कहानियों को बिल्कुल खारिज कर दिया है।”
उन्होंने आगे कहा, “इस बात का कोई सबूत नहीं है कि किसी भी टीके से पुरुषों या महिलाओं में इरेक्टाइल डिसफंक्शन या बांझपन होता है। अब तक किसी भी अध्ययन में टीकाकरण के बाद शुक्राणुओं की संख्या और अन्य प्रजनन उपायों में कोई हानिकारक परिवर्तन नहीं हुआ है।
जनसंख्या के स्तर पर, करोड़ों पुरुषों को यह टीका लगाया जा चुका है। ऐसा कोई अध्ययन नहीं है जो उन पुरुषों में कम इरेक्टाइल फंक्शन को दर्शाता है, जिन्हें टीका लगाया गया है।
इससे पहले, ड्रग अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Drug Authority of India) ने नपुंसकता या बांझपन पैदा करने वाले कोविड -19 टीकों के दावों को खारिज कर दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्रग अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रमुख वीजी सोमानी ने इन दावों को “बिल्कुल बकवास” कहा।
डॉ सिंघल कहते हैं “कोविड -19 टीकों और पुरुष बांझपन या कम शुक्राणुओं की संख्या के बीच कोई स्थापित लिंक नहीं है। इस तरह की झूठी बातों को खारिज किया जाना चाहिए।”
इरेक्टाइल डिसफंक्शन काफी हद तक मधुमेह, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल या यहां तक कि कोरोनरी रोगों का एक लक्षण है। इसका मतलब यह भी है कि , प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, कोविड -19 वैक्सीन प्राप्त करने से ऐसी बीमारियों का प्रकोप कम हो जाएगा। हम पहले से ही जानते हैं कि टीका आपकी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को मजबूत बनाने के लिए बनाया गया है।
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