2020 में कोरोना वायरस ने दुनिया भर में हाहाकार मचाया था। एक साल से अधिक समय तक कोरोनावायरस से लड़ने के बाद, जनवरी 2021 में भारत में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था। टीकाकरण शुरू होने के तुरंत बाद, सोशल मीडिया पर गर्भवती महिलाएं और स्तनपान करवाने वाली माताओं के टीकाकरण के बारे में कुछ भ्रामक सूचनाएं प्रसारित हुई थी। इसलिए जरूरी है कि इन भ्रामक सूचनाओं से खुद को जल्द से जल्दी अलग कर लें।
कोरोना मरीजों की बढती संख्या को देखते हुए 16 जनवरी 2021 से देशभर में कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान को शुरू किया गया था। लेकिन इस मुहिम में बच्चे और गर्भवती महिलाओं को शामिल नहीं किया था।
पर अब कोरोना संक्रमण के मामलों को देखकर केंद्र सरकार के निर्देश के बाद स्तनपान कराने वाली माताओं और गर्भवती महिलाओं को बिना किसी पूर्व पंजीकरण के अनुमोदित केंद्रों पर कोविड-19 से बचाव के लिए टीका लगाने की अनुमति दी गई है। साथ ही स्पष्ट किया गया है कि यह किसी भी तरह से नवजात के स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं करेगा।
नई माताओं के बारे में कई भ्रामक दावे किए गए थे, जो कोविड-19 टीके से जुड़े थे। टीकाकरण करने के बाद तुरंत नवजात शिशू को स्तनपान नहीं करना चाहिए ऐसी अफवा फैलाई गयी थी। लेकिन, अब यह गलतफहमी दूर हो गई है क्योंकि ऐसी कोई सलाह नहीं दी गई है और टीकाकरण के बाद स्तनपान कराने में कोई समस्या नहीं है। टीका लगवाने के बाद भी स्तनपान बिल्कुल भी नहीं रोकना चाहिए।
इससे पहले, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम में सूचीबद्ध नहीं किया गया था। अब सरकार के विशेषज्ञ समूह ने इन दोनों समूहों को टीकाकरण के दायरे में लाने को हरी झंडी दे दी है। गर्भवती महिलाओं को टीकों के बीच एक विकल्प दिया जाना चाहिए।
जबकि स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए टीका लगवाना पूरी तरह से सुरक्षित है।
केंद्र ने स्तनपान कराने वाली महिलाओं की सिफारिश को स्वीकार कर लिया, लेकिन गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण रोक दिया गया है। क्योंकि अंतिम निर्णय लेने से पहले और विचार-विमर्श किया जाएगा।
• स्तनपान कराने वाली माताएं अब वैक्सीन का लाभ उठाने सकती हैं। वैक्सीन लेने के बाद इन महिलाओं को स्तनपान कराने के दौरान बच्चे को कोविद-19 संक्रमण होने का डर था। लेकिन, इसमें कोई सच्चाई नहीं है। स्तनपान कराने वाली माता टीका लेने के बाद भी अपने बच्चों को स्तन के दूध के माध्यम से कोविद-19 के खिलाफ एंटीबॉडीज दे सकती है।
क्योंकि बच्चे अभी तक टीकाकरण के लिए सूचीबद्ध नहीं हैं। इसलिए, माता के माध्यम से बच्चे के शरीर में एंटीबॉडीज बनते है। जिससे बच्चे को कोविद-19 संक्रमण से बचाया जा सकता हैं।
• स्तनपान कराने वाली मां भी कोविड के हानिकारक प्रभावों से खुद को बचाने में सक्षम होगी और मां के वाहक होने और अपने बच्चे या यहां तक कि उसके संपर्क में आने वाले परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमण से गुजरने की संभावना को कम कर देगी।
• कोविड विषाणु का संक्रमण स्तन के दूध से नहीं फैलता, लेकिन यह हवा की बूंदों से फैलता है। इसलिए, स्तनपान कराने वाली माताओं को कोविद-19 प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।
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कस्टमाइज़ करें• साथ ही, याद रखें कि दोनों टीके गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं। इसलिए, उन्हें टीकाकरण करवाने से डरने की आवश्यकता नहीं है। आगे बढकर कोविद-19 संक्रमण होने से रोकने के लिए टीकाकरण करवाना चाहिए।
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