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प्रेगनेंसी ही नहीं, ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भी जरूरी है कैल्शियम पर ध्यान देना, वरना जीवन भर के लिए कमजोर हो सकती हैं हड्डियां

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भी बेबी को कैल्शियम की जरूरत होती है। जब आप पर्याप्त कैल्शियम नहीं ले पाती हैं, तो इसका नुकसान आपकी बोन हेल्थ को जीवन भर उठाना पड़ सकता है।
स्तनपान कराने से महिलाओं की हड्डियों पर भी असर पड़ता है। चित्र: शटरस्टॉक
संध्या सिंह Updated: 23 Oct 2023, 09:07 am IST
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गर्भावस्था और स्तनपान दोनों ही महिलाओं के शरीर में बहुत सारे बदलाव लेकर आते हैं। इस दौरान कोई भी महिला अपने आप को ज्यादा थका हुआ महसूस कर सकती है। इसलिए विशेषज्ञ ब्रेस्टफीड करवाने वाली महिलाओं को अपने आहार पर विशेष ध्यान देने की सलाह देते हैं। पर क्या आप जानती हैं कि इस दौरान आहार में बरती गई लापरवाही जीवन भर के लिए आपकी बोन हेल्थ को प्रभावित कर सकती है। जानना चाहती हैं कैसे, तो इसे अंत तक पढ़ें।

गर्भावस्था और हड्डियों का स्वास्थ्य

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार गर्भावस्था के दौरान, गर्भ में बच्चे को अपनी हड्डियों को विकसित करने के लिए भरपूर मात्रा में कैल्शियम की जरूरत होती है। गर्भावस्था के अंतिम 3 महीनों के दौरान यह आवश्यकता विशेष रूप से बढ़ जाती है। यदि प्रेगनेंट महिला को पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलता है, तो बच्चा महिला की हड्डियों से वह सब कुछ लेगा जिसकी उसे आवश्यकता है।

प्रेगनेंट महिलाओं को पर्याप्त कैल्शियम लेने की आदत नहीं होती है। इसलिए सौभाग्य से, गर्भावस्था कई तरह से महिलाओं के कैल्शियम भंडार की रक्षा करने में मदद करती है।

गर्भवती महिलाएं भोजन और पूरक आहार से कैल्शियम को उन महिलाओं की तुलना में बेहतर अवशोषित करती हैं जो गर्भवती नहीं हैं। गर्भावस्था के अंतिम समय में यह तेजी से होता है, जब बच्चा तेजी से बढ़ रहा होता है और उसे कैल्शियम की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के दौरान, महिलाएं अधिक एस्ट्रोजेन का उत्पादन करती हैं, यह हार्मोन हड्डियों की रक्षा करता है।

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स्तनपान और हड्डियों का स्वास्थ्य

स्तनपान कराने से महिलाओं की हड्डियों पर भी असर पड़ता है। अध्ययनों से पता चला है कि स्तनपान के दौरान महिलाएं अपनी हड्डी के द्रव्यमान का 3 से 5 प्रतिशत खो देती हैं, हालांकि वीनिंग के बाद वे इसे वापस पा लेती हैं। हड्डी का नुकसान बढ़ते बच्चे की कैल्शियम की बढ़ती आवश्यकता के कारण हो सकता है।

एक महिला को कितनी कैल्शियम की मात्रा की जरूरी है यह स्तन के दूध की मात्रा और कितने समय तक स्तनपान चलता है, इस पर निर्भर करती है। स्तनपान कराने के दौरान महिलाएं हड्डी द्रव्यमान इसलिए खो सकती हैं, क्योंकि उस समय कम एस्ट्रोजेन का उत्पादन होता, जो हार्मोन हड्डियों की रक्षा करता है।

गर्भ में बच्चे को अपनी हड्डियों को विकसित करने के लिए भरपूर मात्रा में कैल्शियम की जरूरत होती है।
चित्र : शटरस्टॉक

बोन हेल्थ के लिए जरूरी है इन 3 फैक्टर्स पर ध्यान देना

गर्भावस्था, स्तनपान से पहले, उसके दौरान और उसके बाद साथ भी जीवन भर हड्डियों की देखभाल करना महत्वपूर्ण है। खासतौर से 30 की उम्र के बाद महिलाओं के लिए पर्याप्त कैल्शियम युक्त संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवन शैली अपनाना जरूरी है।

1 शरीर में कैल्शियम के स्तर पर ध्यान दें

बाेन हेल्थ बनाए रखने के लिए कैल्शियम सबसे जरूरी है। गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान महिलाओं के शरीर की कैल्शियम की जरूरत अधिक होती है क्योंकि आपको और बच्चे दोनों को इसकी आवश्यकता होती है। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की सलाह है कि गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं प्रतिदिन 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना चाहिए। उम्र के हर दौर में आपको अपने शरीर में कैल्शियम के स्तर पर ध्यान देना है।

गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं प्रतिदिन 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना चाहिए। चित्र शटरस्टॉक।

कैल्शियम के स्रोतों के लिए

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कम वसा वाले डेयरी उत्पाद, जैसे दूध, दही, पनीर लें

गहरी हरे पत्तेदार सब्जियां, जैसे ब्रोकोली, कोलार्ड ग्रीन्स

डिब्बा बंद सार्डिन और साल्मन

टोफू, बादाम और कोर्न टॉर्टिला

कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे संतरे का रस, अनाज और ब्रेड को अपने आहार में शामिल करें।

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2 व्यायाम को बनाएं रुटीन का हिस्सा

अगर आप ठीक से व्यायाम कर पा रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आपकी हड्डियां स्वस्थ्य हैं। नियमित व्यायाम हर किसी के लिए जरूरी है। हल्के व्यायाम के रूप में आप चलना, सीढ़ियां चढ़ना और डांस करना शामिल है। भारी व्यायाम के रूप में आप वजन उठा सकते हैं, यह भी हड्डियों को मजबूत करता है। गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करने से आपके स्वास्थ्य को लाभ हो सकता है।

अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान सक्रिय रहने से पीठ दर्द, कब्ज और सूजन को कम करने में मदद मिलती है।

जेस्टेशनल डायबिटीज (एक प्रकार का मधुमेह जो गर्भावस्था के दौरान होता है) को रोकने या उसका इलाज करने में मदद मिलती है।

ऊर्जा बढ़ाता है

मूड में सुधार करता है

मांसपेशियों को टोन, ताकत और सहनशक्ति बढ़ाता है

बेहतर नींद में सहायक है।

3 अपनाएं स्वस्थ जीवन शैली

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को स्वास्थ जीवन शैली को फॉलो करना बेहद जरूरी है क्योंकि इससे होने वाले बच्चे को भी स्वस्थ जीवन मिलता है। अगर आप धूम्रपान करती हैं तो ये आपके बच्चे के लिए, आपकी हड्डियों के लिए और आपके दिल और फेफड़ों के लिए बुरा हो सकता है।
शराब का सेवन भी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं और उनके बच्चों के लिए हानिकारक है। अधिक शराब हड्डियों को खराब कर सकती है। गर्भावस्था के दौराम शराब और धूम्रपान करने से बचें।

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संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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