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बच्चों की ग्रोथ को प्रभावित कर सकती है बॉडी शेमिंग, उन्हें इससे बचाना है जरूरी

यह किसी गोलमटोल दिखने वाले बच्चे से लेकर आंखों पर मोटा चश्मा पहनने वाले बच्चे तक किसी के भी बारे में हो सकती है। पर आपको अपने बच्चे को इससे बचाना है।
Published On: 10 Dec 2021, 03:07 pm IST
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baachon mein ho sakti hain neurological samsyaen
यह जानकर दुख होता है कि जो लोग बॉडी शेमिंग का अनुभव करते हैं वे दुनिया से छिप जाते हैं। चित्र : शटरस्टॉक

क्या कभी आपने किसी जरा वज़नी बच्चे के गाल खींचे हैं? या क्या आपने मोटा चश्मा पहनने वाली अपनी दोस्त की बेटी को पढ़ाकू कहा है? अगर हां, तो आप भी बच्चों की बॉडी शेमिंग के लिए जिम्मेदार हैं। और आपको पता होना चाहिए कि यह एक तरह का अपराध है। वहीं दूसरी और अगर आपके बच्चे के बारे में कोई ऐसा करता है, तो आपको भी इसके प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। पर उससे भी पहले जरूरी है कि आप खुद को और अपने बच्चे को बॉडी शेमिंग (Body Shaming) से बचाएं। अध्ययन बताते हैं कि घर या बाहर कहीं भी की गई बॉडी शेमिंग बच्चों के समग्र विकास (Kids Growth) को बाधित करती है।

जाने-अनजाने आप भी अपने बच्चे की बॉडी शेमिंग के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। जैसे यदि आपके बच्चे का वज़न थोड़ा ज़्यादा (Overweight) है, तो उसे बार – बार इसके लिए टोकना और उसे बचपन से ही डाइटिंग (Dieting) करवाना। या बच्चा बहुत ज़्यादा पतला है, तो उसे दूध पीने के लिए मजबूर करना बिना यह समझे कि वे लैक्टोज इंटोलरेंट (Lactose Intolerance) भी हो सकता है।

बच्चे को न बनाएं बॉडी शेमिंग का शिकार

भले आप यह उनकी भलाई के लिए कर रही हों। मगर जाने अंजाने इसका असर बच्चों पर विपरीत तरह से पड़ सकता है। ज़रूरी नहीं है कि माता – पिता की वजह से ही बच्चे के मन में खुद की बॉडी को लेकर गलत धारणा पैदा हो।

Bachcho Body shaming se bachaen
बच्चों में हेल्दी आदत डालें। चित्र:शटरस्टॉक

कई बार समाज भी इन सब का कारण बन सकता है, क्योंकि अक्सर यह माना जाता है कि ‘एक अच्छा पतला सूडोल शरीर (Slim Fit Body) ही आजकल के ब्यूटी स्टैंडर्ड (Beauty Standard) को मैच कर सकता है। इतना ही नहीं सिर्फ इसी तरह आपको सब पसंद करेंगे और यही सफलता की कुंजी है।’

मगर इन सब दबाव की वजह से वे अपनी हेल्थ और बॉडी के बारे में ज़्यादा कॉन्शियस हो सकते हैं और खाना-पीना छोड़ सकते हैं। या किसी तरह के ईटिंग डिसऑर्डर (Eating Disorder) से भी ग्रस्त हो सकते हैं।

ऐसे में अपने बच्चों को इस ‘डाइट कल्चर’ (Diet Culture) से बचाने के लिए आप क्या कर सकती हैं? कैसे आप उन्हें खुद से प्यार करना सिखा सकती हैं?

बच्चे को डाइटिंग न करवाएं और न ही करने दें

अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार छोटे बच्चों को डाइटिंग नहीं करनी चाहिए, भले ही उनका वज़न ज़्यादा क्यों न हो। विशेषज्ञों का मानना है कि बचपन में बच्चों का वज़न स्थिर नहीं रहता है। इसलिए ऐसा ज़रूरी नहीं है कि यदि 10 साल की उम्र पर आपका बच्चा मोटा है, तो ऐसा 18 साल पर भी हो। इसलिए वे एक्सरसाइज़ का सहारा ले सकते हैं। साथ ही, अच्छी जीवनशैली की आदतें अपना सकते हैं।

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उन्हें ईटिंग डिसऑर्डर से बचाएं

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार (World Health Organization) ईटिंग डिसऑर्डर बच्चों में होने वाली तीसरी सबसे बड़ी बीमारी है। जो न सिर्फ उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि आगे चलकर उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकती है।

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बच्चों को घर का पौष्टिक खाना ही खिलाएं। चित्र : शटरस्टॉक

द एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स के अनुसार जो बच्चे ईटिंग डिसऑर्डर से ग्रस्त होते हैं, उनके आसपास का वातावरण बॉडी शेमिंग (Body Shaming) से घिरा होता है। उन्हें वजन के बारे में चिढ़ाया जाता है या वजन कम करने के लिए कहा जाता है। इसलिए अपने बच्चों के आसपास रहने वाले लोगों पर ध्यान दें। साथ ही, बच्चों को बॉडी पॉज़िटिविटी (Body Positivity) के बारे में सिखाएं और उन्हें अपनाएं।

उनके आहार में पोषक तत्वों की कमी न होने दें

जो बच्चे डाइटिंग करते हैं, उनमें विशेष रूप से आयरन (Iron) और कैल्शियम (Calcium) की कमी होने का खतरा अधिक होता है। अनियमित खान-पान की आदतों वाले बच्चों को अपने हड्डियों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने और मासिक धर्म नहीं होने का खतरा अधिक होता है।

ध्यान रखें कहीं आपका बच्चा खाना तो नहीं छोड़ रहा है। या खुद को ज़्यादा देर तक भूखा (Starving) तो नहीं रख रहा है। यह सब आदतें उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

शरीर और मन का है मजबूत कनैक्शन

कई अध्ययनों में पाया गया है कि यदि बच्चे को बार – बार उसके वज़न या बॉडी के बारे में ध्यान देने को कहा जाए, तो वे खुद को पसंद नहीं करते हैं। इसका उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, खासकर बड़े होकर। इससे उन्हें चिड़चिड़ापन, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, वजन बढ़ने का डर, सामाजिक अलगाव और शरीर की छवि विकृत हो सकती है।

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बॉडी शेमिंग बच्चों के समग्र विकास (Kids Growth) को बाधित करती है। चित्र: शटरस्‍टॉक ।

अब जानिए अपने बच्चे को डाइट कल्चर से बचाने के लिए कुछ टिप्स

यह टिप्स आपको अपने बच्चे को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेंगी। साथ ही समाज की इन रूढ़ियों से उनको बाहर निकालने में आपकी सहायता करेंगी और उन्हें स्वस्थ जीवनशैली की ओर लेजाएंगी।

अपने बच्चे के शरीर, आकार या आकार के प्रति नकारात्मक टिप्पणी न करें। वजन से ज्यादा सेहत पर ध्यान दें।

बच्चे को अपने शरीर और आकार के बारे में अपनी भावनाओं को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करें।

पूरे परिवार को एक साथ भोजन और एक्सरसाइज़ करने के लिए प्रेरित करें।

बच्चे को खुद से प्यार करना सिखाएं। उन्हें सेल्फ – लव और सेल्फ वर्थ के बारे में बताएं।

कभी-कभी उन्हें कुकिंग में भी शामिल करें।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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