ब्लैक, वाइट और येलो फंगस : जानिए क्‍या है इन तीनों में अंतर और इनके लक्षण

ब्लैक, येलो और वाइट फंगस इंफेक्शन ने हमारे हेल्थ सिस्टम पर कब्जा कर लिया है और आपको उनके लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए।
आपको इन तीनों फंगल इन्‍फेक्‍शन के बारे में जानना चाहिए। चित्र: शटरस्‍टॉक
आपको इन तीनों फंगल इन्‍फेक्‍शन के बारे में जानना चाहिए। चित्र: शटरस्‍टॉक
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भारत COVID-19 की दूसरी लहर के प्रकोप से निपट रहा है और अभी कई लोग कठिनाइयों से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं। COVID-19 रोगियों में फंगल इंफेक्शन की एक नई गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है, जो हमारे हेल्थ केयर सिस्टम पर बोझ डाल रही है।

COVID-19 का इलाज करते समय कॉमरेडिडिटीज, कम इम्युनिटी लेवल, अस्वाभाविक स्थिति और स्टेरॉयड के ज्यादा प्रयोग से आज देश भर में ब्लैक फंगस के संक्रमण या ‘म्यूकोर्मिकोसिस’ के मामलों को देखा जा रहा है। इसके बाद, वाइट फंगस और येलो फंगस के इंफेक्शन के मामले भी सामने आने लगे हैं।

आइए जानते हैं क्‍या हैं ये तीनों फंगस

1 समझिए क्‍या है ब्लैक फंगस

ये संक्रमण हमारे आस-पास मौजूद ‘म्यूकोर्माइसेट्स’ नामक एक प्रकार के मोल्‍ड के कारण होता है। ये रोग उन लोगों को प्रभावित करता है, जिनकी किसी खास स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति के कारण कमजोर इम्‍युनिटी है- जैसे मधुमेह। इसके होने का एक अन्य कारण ये भी है कि COVID-19 के रोगियों के इलाज के लिए, स्टेरॉयड (श्वसन पथ में सूजन को कम करने के लिए) का उपयोग किया जाता है।

ब्‍लैक फंगस एक घातक संक्रमण है। चित्र: शटरस्‍टॉक
ब्‍लैक फंगस एक घातक संक्रमण है। चित्र: शटरस्‍टॉक

ऐसे मरीजों में इंफेक्शन होने की संभावना अधिक देखी गई है। इसके अलावा, मधुमेह या कैंसर के मरीजों को संक्रमित होने का खतरा अधिक है।

इसके लक्षणों को पहचानिए:

चेहरे के एक तरफ सूजन।
गंभीर सिरदर्द, नाक बंद।
नाक या मुंह के ऊपरी हिस्से पर काले घाव।
सीने में दर्द, सांस फूलना और मुंह को चबाने या खोलने में कठिनाई होना।

2 अब जानिए येलो फंगस के बारे में

ब्लैक फंगस के विपरीत, ये संक्रमण किसी भी बाहरी लक्षण से पहले आंतरिक रूप में प्रकट होना शुरू करता है। ये संक्रमण अस्वच्छता, दूषित भोजन और अस्वच्छ मेडिकल उपकरणों के संपर्क में आने के कारण होता है।

ब्लैक फंगस की तरह ही, स्टेरॉयड के अधिक प्रयोग से येलो फंगस के मामले सामने आ रहे हैं और ये फंगस कोमॉर्बिड वाले रोगियों को नुकसान पहुंचा रहा है।

फंगस के लक्षण पहचानिये

ये पहले आंतरिक रूप से शुरू होता है जैसे मवाद रिसाव, अंग विफलता और तीव्र परिगलन होना। एक बार संक्रमण शुरू होने के बाद रोगी स्वयं इसका अनुभव कर सकता है।
सुस्ती, भूख में कमी,
लाल और धंसी हुई आँखें।

यह फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
यह फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

3 क्‍या है वाइट फंगस

वाइट फंगस या ‘एस्परगिलोसिस’ कम प्रतिरक्षा वालों को और मधुमेह जैसे रोगियों को प्रभावित करता है। स्टेरॉयड के ज्यादा इस्तेमाल से भी ये संक्रमण शुरू होता है। येलो और ब्लैक फंगस के विपरीत, ये शरीर के विभिन्न भागों जैसे नाखून, त्वचा, पेट, गुर्दे, मस्तिष्क और प्रजनन अंगों को प्रभावित करता है।

फंगस के लक्षण पहचानियें:

जीभ का सफेद होना
खांसी,
बुखार,
दस्त,
फेफड़ों पर काले धब्बे,
ऑक्सीजन के स्तर में कमी।

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क्‍या हो सकते हैं फंगल इंफेक्शन से बचाव के उपाय

एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया के अनुसार, ये फैलने वाले संक्रमण नहीं है। हालांकि, इसकी शुरुआत को रोकने के लिए कुछ सुझावों पर विचार किया जा सकता है।
स्टेरॉयड का विवेकपूर्ण उपयोग करें और COVID-19 के रोगियों के बीच रक्त शर्करा के स्तर पर नजर रखें।

मरीज के आसपास और मेडिकल टूल्‍स में सफाई का विशेष ध्‍यान रखें। चित्र: शटरस्‍टॉक
मरीज के आसपास और मेडिकल टूल्‍स में सफाई का विशेष ध्‍यान रखें। चित्र: शटरस्‍टॉक

अपने आस-पास की जगह साफ रखें और बासी भोजन न खायें। इससे बैक्टीरिया और फंगल से बचा जा सकता है।

ध्यान रखें कि आपके आस-पास नमी न हो, क्योंकि ज्यादा नमी बैक्टीरिया को बढ़ावा देती है।
इसलिए, कोविड -19 के संक्रमण के कारण होने वाले स्वास्थ्य बदलाव से अवगत रहें और डॉक्टर के संपर्क में रहें।

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