अब तक सिर्फ मुर्गियों में फैल रहा बर्ड फ्लू अब पालतू जानवरों तक भी पहुंचने लगा है। ताजा मामला मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा का है, जहां बर्ड फ्लू से 18 पालतू बिल्लियों की मौत हो चुकी है। इस खबर के बाद से प्रशासन में हड़कंप मच गया. बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। (Bird flu in cats) एक महीने के लिए सभी चिकन-मटन और अंडे खरीदने और बेचने वाली दुकानों को बंद करा दिया गया है। जिन क्षेत्रों में यह वायरस फैला है वहां की सभी दुकानें सील कर दी गई हैं। लेकिन क्या आपको ये पता है कि यदि यह वायरस लोगों में फैल जाए तो क्या नुकसान हो सकते हैं।
H5N1 बर्ड फ्लू सबसे आम है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा H5N1 वायरस सबसे पहले साल 1997 में मनुष्यों में पाया गया था जिससे लगभग 1,000 जानें गई थीं। फिलहाल, यह वायरस इंसानों के बीच संपर्क के ज़रिए नहीं फैलता है। फिर भी, विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है कि H5N1 इंसानों के लिए महामारी का ख़तरा बन सकता है।
अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, जयपुर की कंसलटेंट जनरल फिजिशियन डॉ. अंकित पटेल बताती हैं कि, बर्ड फ्लू, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है, एक वायरल संक्रमण है जो पक्षियों में पाया जाता है, लेकिन यह मनुष्यों में भी फैल सकता है। बर्ड फ्लू के लक्षणों में उच्च बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई, सिरदर्द, और मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं गंभीर मामलों में, बर्ड फ्लू निमोनिया, एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम और यहां तक कि मृत्यु का कारण भी बन सकता है। बर्ड फ्लू का संक्रमण पक्षियों से मनुष्यों में फैलता है, जब लोग संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आते हैं या संक्रमित पक्षियों के मल-मूत्र के संपर्क में आते हैं। बर्ड फ्लू के (Bird flu in cats) वायरस को फैलाने वाले पक्षियों में शामिल हैं चिकन, बतख, मुर्गे, और अन्य प्रकार के पक्षी, इसके अलावा संक्रमित पक्षियों के मल-मूत्र, संक्रमित पक्षियों के शरीर के तरल पदार्थ, और संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से यह वायरस फैल सकता है।
वैसे तो बर्ड फ्लू के कई प्रकार हैं, लेकिन पहला वायरस है H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा जिसने इंसानों को संक्रमित किया। इसका प्रकोप संक्रमित पोल्ट्री की देखरेख से जुड़ा था। वैसे तो H5N1 जंगली पक्षियों (Bird flu in cats) से पाया जाता है, लेकिन यह आसानी से पालतू जानवरों और अन्य पक्षियों में भी फैल सकता है। यह बीमारी संक्रमित पक्षी के मल, नाक स्राव या मुंह और आंख से निकलने वाले स्राव के संपर्क में आने से मनुष्यों तक फैल सकती है। ठीक से पके हुए मांस या अंडे खाने से बर्ड फ्लू नहीं फैलता है, लेकिन अंडे कभी भी तरल रूप में नहीं खाना चाहिए।
यदि आप सामान्य फ्लू जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो आपको H5N1 संक्रमण हो सकता है:
यदि आप पशुओं के साथ काम करते हैं तो बर्ड फ्लू से बचाव के लिए इन उपायों का पालन करें।
यदि आप ऐसी जगह जा रहे हैं जहां (Bird flu in cats) बर्ड फ्लू फैल रहा है, तो हो सके तो वहां के पोल्ट्री फार्म और पक्षी बाज़ारों से बचें। जानवरों को छूने के बाद साबुन और पानी से हाथ धोएं।
हर साल मौसमी फ्लू का टीका लगवाएं।
बीमार जानवरों के संपर्क में न आएं। जंगली या पालतू, पक्षियों से उन्हें दूर रखें ताकि वे कीटाणुओं से दूर रहें। ज़रूरत पड़ने पर आंख, नाक और मुंह में सुरक्षात्मक उपकरण पहनें। फ्लू के वायरस मुँह, नाक या आँखों के ज़रिए शरीर में प्रवेश करते हैं।
कच्चे मुर्गे, मांस या अंडे को धोने के लिए गर्म पानी का उपयोग करें। मांसाहारी भोजन को तब तक पकाएँ जब तक कि उसका आंतरिक न्यूनतम तापमान 165 F (74 C) न पहुंच जाए।
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