यदि आपके परिवार के किसी बुजुर्ग को हाई ब्लड प्रेशर है और वे अपने भोजन में अचार, पापड़ और दाल की बड़ियों को रोज शामिल करना चाह रहे हैं, तो उन्हें ऐसा न करने दें। ये चटपटे और मसालेदार व्यंजन भले ही खाने का स्वाद बढ़ा दें, पर इसके साथ ही ये ब्लड प्रेशर बढ़ाने में भी योगदान करते हैं। इससे उनकी समस्या बढ़ सकती है।
गर्मी के दिनों में खट्टे व्यंजन जैसे कच्चे आम का अचार, खट्टी दालें, तले हुए तरह-तरह के पापड़, दाल की बड़ियां बहुत स्वादिष्ट लगती हैं। सप्ताह में एकाध दिन इन्हें आहार में शामिल तो किया जा सकता है, लेकिन प्रतिदिन इन्हें लेना ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए खतरनाक भी हो सकता है।
इन्हें भारी भोजन माना जाता है, जिन्हें पचने में बहुत अधिक समय लगता है। हमारे आहार में शामिल इन व्यंजनोें पर रिसर्च करने सेे पता चला है कि ये ब्लड प्रेशर कोे बढ़ा देते हैं। अमेरिका के एक न्यूट्रिशनल जर्नल के अनुसार, भारत में हार्ट डिजीज और ब्लड प्रेशर सेे जुड़ी समस्याओं के लिए तले-भुने भोजन सबसे अधिक जिम्मेदार हैं।
इनके कारण हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट संबंधी समस्याएं कम उम्र केे लोगों में भी हो रहीं हैं। इसकी वजह जानने के लिए हमने बात की पुणे के आदित्य बिड़ला हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ. रंजीत कुमार यादव से।
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ऑयली फ्रायड चीजें जैसे कि पापड़, पूरियां, पकौड़े आदि फैट से भरपूर होते हैं। इन दिनों रिफाइंड ऑयल का चलन बढ़ा है, लेकिन पाम ऑयल, सोयाबीन ऑयल या किसी भी तरह के रिफाइंड ऑयल में तलने के बावजूद फैट का डिपोजिशन हमारे ब्लड वेसल में होने लगता है। इससे कॉलेस्ट्रॉल लेवल लेवल बढ़ने लगता है।
कॉलेस्ट्रॉल बढ़ने से ब्लड वेसल के इनर लेवल पर दबाव बढ़ने लगता है। हालांकि ये वेसल स्मूद और एलास्टिक होते हैं। कॉलेस्ट्रॉल के सॉलिड मैटर होने के कारण वेसल को ज्यादा फैलना पड़ता है। इसके कारण ब्लड को पूरी बॉडी में सर्कुलेट होने में दिक्कत होने लगती है। इससे न सिर्फ ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है, बल्कि कुछ समय बाद ब्लॉकेज होने की संभावना हो जाती है।
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गर्मी के दिनों में भोजन में तरह-तरह के अचार खासकर कच्चे आम के अचार का प्रयोग अधिक किया जाता है। अचार को तैयार करने में बहुत सारे गर्म मसालों का प्रयोग किया जाता है। इसमें तेल, नमक के साथ-साथ प्रिजर्वेटिव का भी प्रयोग किया जाता है, ताकि अचार को लंबे समय तक प्रिजर्व किया जा सके।
नमक में सोडियम मौजूद होता है, जो ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा देता है। तेल और गर्म मसाले कॉलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में सहायक हैं। अगर कोई व्यक्ति खाने में रोज अधिक मात्रा में अचार का प्रयोग कर रहा है, तो उसे सावधान हो जाना चाहिए। इससे न सिर्फ ब्लड प्रेशर बढ़ता है, बल्कि हार्ट डिजीज होने की समस्या भी बढ़ जाती है।
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यह किसी भी जंक फूड या स्ट्रीट फूड की तरह ही शरीर के लिए हानिकारक साबित होता है। इससे गैस्ट्रिक कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
मूंग, चना, उड़द या मटर की दाल की बड़ियां बनती हैं, तो उसे तला भी जाता है। दालें प्रोटीन की सोर्स होती हैं। डॉ. रंजीत के अनुसार, यदि प्रोटीन युक्त चीजों को देर तक भूना जाता है, तो उसमें एक प्रकार के एरोमैटिक एमिंस केमिकल का प्रोडक्शन बढ़ जाता है। इससे हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ जाता है। वहीं दूसरी ओर, जब दाल की बड़ियों को अधिक तापमान पर पकाया जाता है, तो ये ऑक्सीटेटिव स्ट्रेस, इन्फ्लेमेशन और इंसुलिन रेसिस्टेंस को भी बढ़ा देती हैं। इससे भी ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है।
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