प्रेगनेंसी में महिलाओं को अपने खान पान के प्रति विशेष रूप से सचेत रहने की आवश्यकता होती है। खान पान के प्रति छोटी सी लापरवाही भी बच्चे और मां दोनों को प्रभावित कर सकती है। अक्सर महिलाओं के मन में यह सवाल होता है, कि क्या प्रेगनेंसी में शहद खाया जा सकता है? गर्भावस्था में शहद खाना आमतौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन खाने की मात्रा और तरीके का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। शहद में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन और कई महत्वपूर्ण मिनरल्स होते हैं, जो एनर्जी बूस्ट करने और इम्यूनिटी मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं (benefits of honey in pregnancy)।
डॉ. पूनम अग्रवाल, यूनिट हेड एंड सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट दिल्ली ने प्रेगनेंसी में शहद खाने के फायदे बताए हैं। हालांकि, उन्होंने खाने की मात्रा और तरीके पर विशेष ध्यान देने को कहा है (benefits of honey in pregnancy)।
प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी बीमारी पैदा करने वाले एजेंट से बचने के लिए आपको एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली की आवश्यकता होती है, क्योंकि कोई भी बड़ी परेशानी आपके बच्चे पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। शहद के एंटीऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टिरियल गुण प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। इस प्रकार यह महिलाओं के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
शहद में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। प्रेगनेंट महिलाओं में गले की खराश और खांसी उन्हें बेहद परेशान कर देती है। अगर शहद को अदरक या नींबू की चाय के साथ लिया जाए, तो यह अपने एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों के कारण गले पर सुखदायक प्रभाव डालता है। यह पारंपरिक रूप से खांसी से राहत देने और गले की खराश से उबरने में मदद करने के लिए जाना जाता है।
शहद की एंटी-वायरल और इम्यूनिटी बूस्टिंग प्रॉपर्टी सर्दी और फ्लू से राहत दिलाने में मदद करते हैं। गर्भवती महिलाएं फ्लू से बचने के लिए विभिन्न रूपों में शहद का सेवन कर कर सकती हैं।
शहद की कुछ स्थानीय किस्में एलर्जी के प्रतिरोध को बेहतर बनाने के लिए जानी जाती है। शहद का नियमित सेवन शरीर को एंटीजन के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बनाने में मदद करता है, जो गर्भावस्था के दौरान काम कर सकते हैं। हालांकि, अगर आपको पराग से एलर्जी है, तो आपको शहद का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
हालांकि, हमेशा शुद्ध और ब्रांडेड शहद का ही उपयोग करें, क्योंकि मिलावटी शहद से प्रेगनेंट महिलाओं को नुकसान हो सकता है। दिन में एक से दो चम्मच शहद का सेवन पर्याप्त है। क्योंकि अधिक मात्रा में शहद का सेवन ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है और गर्भावस्था में डायबिटीज का खतरा हो सकता है।
शहद में फ्रुक्टोज, ग्लूकोज और माल्टोज की मात्रा होती है, इसलिए इसके सिर्फ़ एक चम्मच में लगभग 60 कैलोरी होती हैं। गर्भावस्था के दौरान साधारण शर्करा से कैलोरी का सेवन प्रतिदिन कुल कैलोरी आवश्यकता के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए, जो लगभग 1800 से 2400 कैलोरी होगी। इसलिए, 2 चम्मच पर्याप्त होंगे।
शहद को ठंडे या गुनगुने पानी एवं दूध में मिलाकर लेना फायदेमंद है, लेकिन गर्म पानी या गर्म दूध के साथ इसका सेवन करने से बचें, क्योंकि इससे शरीर की गर्मी बढ़ सकती है। अगर आपको शहद से एलर्जी है, तो इसका सेवन न करें और एलर्जी के लक्षण जैसे खुजली, सूजन या सांस लेने में दिक्कत हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
हालांकि, अगर डॉक्टर ने शुगर फ्री डाइट का सुझाव दिया है, या आपको जेस्टेशनल डायबिटीज है, तो शहद से पूरी तरह परहेज करें। कुल मिलाकर, शहद का सेवन गर्भावस्था में तभी सुरक्षित और फायदेमंद है, जब इसे सीमित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह के अनुसार लिया जाए।
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