आपके गर्भवती होते ही आपको सभी दोस्तों और रिश्तेदारों से तरह-तरह की सलाह और नसीहतें मिलने लगती हैं। इनमें से अधिकांश उनके खुद के अनुभव पर आधारित होती हैं, लेकिन कुछ पूरी तरह अवधारणा भी होती हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप सही जांच पड़ताल करने के बाद ही किसी सुझाव को मानें। आपको इस काम में मदद करने के लिए हम ढेरों एक्सपर्ट और शोधों की जानकारी आप तक पहुंचाते हैं।
ऐसी ही एक सलाह है ‘केसर वाला दूध पीने से बच्चा गोरा होता है’। अब केसर का यह फायदा तो सभी जानते हैं कि एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर केसर चेहरे को कोमल बनाता है और झुर्रियों को भी कम करता है। लेकिन क्या सच में गर्भावस्था में केसर का दूध पीना मां या बच्चे के लिए फायदेमंद है?
केसर एक ऐसा फूड है जिसे थोड़ी मात्रा में लिया जाए, तो यह गर्भवती महिलाओं को बहुत फायदा करता है, लेकिन अगर इसकी मात्रा अधिक हो गयी तो शिशु के लिए घातक हो सकता है।
कब- केसर का सबसे बड़ा नुकसान होता है समय से पहले डिलीवरी जो शिशु के लिए जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए केसर का सेवन सिर्फ प्रेगनेंसी के शुरुआती पांच महीनों तक ही करें। पांच महीने तक प्रेगनेंसी स्टेबल होती है और प्री मैच्योर डिलीवरी का जोखिम नहीं होता। सेवन से पहले अपनी डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
कितना- केसर वाला दूध पीती हों या खीर, रबड़ी इत्यादि में डालना हो, एक से दो रेशे ही पर्याप्त हैं। इसका रोजाना सेवन कर रही हैं, तो एक रेशा ही बहुत है। अधिक केसर का सेवन जोखिम को बढ़ा सकता है।
जैसा कि हमने बताया,प्रेगनेंसी में कम मात्रा में खाया जाए तो केसर बहुत फायदेमंद होता है। हम बताते हैं केसर के सेवन के फायदे-
गर्भावस्था ऐसा समय है जब आपके शरीर में अनेक हॉर्मोन्स बन रहे होते हैं जिसके कारण हॉर्मोनल असंतुलन हो जाता है। यही कारण है कि आपको अत्यधिक मूड स्विंग होते हैं। गुस्सा आना, रोने का मन करना या अचानक से बहुत उत्साहित महसूस करना प्रेगनेंसी के ही मूड स्विंग हैं। इन मूड स्विंग से राहत देता है केसर।
फ्रंटियर इन ऑब्स्ट्रिक्स एंड गाईनोकोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया केसर एक एन्टी- डिप्रेसेंट का काम करता है और दिमाग में ब्लड फ्लो को बढ़ाता है। स्टडी के अनुसार, केसर के सेवन से सेरोटोनिन हॉर्मोन बनता है जो आपके मूड को सुधारता है। यही नहीं केसर कॉर्टिसोल यानी स्ट्रेस हॉर्मोन को भी कम करता है।
प्रेगनेंसी के दौरान मां का दिल 25 प्रतिशत तेजी से धड़कता है, जिसके कारण ब्लड प्रेशर ऊपर नीचे होता रहता है।
अमेरिकन जर्नल ऑफ पेरिनैटोलॉजी में 2003 की एक स्टडी के अनुसार केसर में पोटेशियम और क्रोसेटिन होता है, जो ब्लड प्रेशर को कम करता है। इससे गर्भवती महिलाओं में हाई बीपी की शिकायत नहीं होती।
अधिकांश महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान पेट में दर्द की समस्या आम होती है। इस समय मे पाचन धीमा हो जाता है। जिसके कारण पेट में दर्द, गैस, अपच इत्यादि की समस्या होती रहती है। केसर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है जिससे मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। इससे पाचन दुरुस्त होता है।
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कस्टमाइज़ करेंमां बनने वाली हैं, तो यह तो तय है कि इस समय आपको ढेर सारी सलाह मिलने वाली हैं। पर किसी भी सलाह को आजमाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।