पेट पर जमी चर्बी हो सकती है कई गम्भीर बीमारियों को न्योता, जानिए विस्तार से

बेली फैट यानी पेट की चर्बी घटाना सबसे मुश्किल और सबसे जरूरी होता है। क्योंकि ये कई गंभीर बीमारियों की वजह हो सकती है।
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जानिये बेली फैट घटाने के लिए कौनसी एक्सरसाइज है बेहतर? चित्र : शटरस्टॉक
विदुषी शुक्‍ला Updated: 12 Oct 2023, 17:46 pm IST
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आज के समय में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां विश्व भर में मृत्यु की सबसे बड़ी वजह हैं। हमारी दिनचर्या में शायद ही कुछ मिनट ऐसे होंगे जब हम एक्टिव होते हैं। और बची खुची कसर पूरी कर दी है माहामारी ने, जिसके कारण हम घरों तक सीमित हो गए हैं। अगर अपने दिनभर के रूटीन पर नजर दौड़ाएं तो सुबह उठते ही हम अपने लैपटॉप या फोन की स्क्रीन से चिपक जाते हैं। अधिकांश लोग भोजन भी काम करते-करते ही कर लेते हैं। ये अस्वस्थ जीवनशैली मोटापे को बढ़ावा देती है।

मोटापा या ओबेसिटी वह स्थिति है जब आपका बॉडी मास इंडेक्स 30 या उससे अधिक होता है। इसमें भी, सबसे अधिक हानिकारक होती है पेट के आसपास की चर्बी क्योंकि इसी क्षेत्र में हमारे लगभग सभी आवश्यक ऑर्गन्स होते हैं।

पेट पर चर्बी होना, इन बीमारियों की वजह बन सकता है-

1. हृदय रोग और स्ट्रोक

अमेरिकन लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के डेटा के अनुसार अमेरिका में मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण स्ट्रोक होता है। अत्यधिक वजन का अर्थ है उच्च रक्तचाप और बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल। इन दोनों ही स्थिति में हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

अच्छी खबर ये है कि थोड़ा सा वजन घटाना भी हृदय रोग के जोखिम को कम कर देता है।

2. टाइप 2 डायबिटीज

सेन्टर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के अनुसार अमूमन जिन लोगों को टाइप 2 डायबिटीज होती है वे मोटापे के भी शिकार होते हैं। आप वजन नियंत्रित कर के और बेली फैट कम कर के मधुमेह के जोखिम या गंभीरता को कम कर सकती हैं।

3. कैंसर

जी हां, बेली फैट कई तरह के कैंसर का जोखिम भी बढ़ा सकता है। कोलन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, एंडोमेट्रियम कैंसर और एसोफैगल कैंसर का खतरा मोटापे के कारण कई गुना तक बढ़ जाता है। कई अध्ययनों में ये भी पाया गया है कि बेली फैट गॉलब्लेडर, ओवरी और पैंक्रियास के कैंसर का जोखिम बढ़ाता है।

ये भी पढ़ें- पेट की चर्बी से परेशान हैं, तो इन 6 टिप्स को करें फॉलो, तेजी कम होगा बेली फैट

4. गॉलब्लेडर की बीमारियां

गॉलब्लेडर में स्टोन से लेकर कई गंभीर बीमारियां मोटापे के कारण हो सकती हैं। पेट की चर्बी गॉलब्लेडर पर बुरा असर डालती है। गॉलब्लेडर हमारे पाचनतंत्र का ही एक हिस्सा है और ये अंग पेट में स्थित होता है। यही कारण है पेट की चर्बी इसे प्रभावित करती है।

5. ऑस्टियोअर्थराइटिस

ये एक जोड़ों की समस्या है जो मूलतः घुटनों, कूल्हों और पीठ को प्रभावित करती है। जब आप ओबीस या ओवर वेट होती हैं तो जोड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है। इससे कार्टिलेज घिसने लगती है और जोड़ो में अत्यधिक दर्द होता है।

पेट की चर्बी से भी आपके घुटनों और जोडों में दर्द की समस्या होती है। चित्र:शटरस्टॉक

वजन कम करने से इन लक्षणों से राहत पाई जा सकती है।

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लेडीज, पेट पर चर्बी होना सबसे अधिक खतरनाक है। इसलिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, एक्टिव रहें और खानपान का ध्यान रखें। खुद को इन गम्भीर बीमारियों से बचाना चाहती हैं, तो आज से ही अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता बना लें।

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पहला प्‍यार प्रकृति और दूसरा मिठास। संबंधों में मिठास हो तो वे और सुंदर होते हैं। डायबिटीज और तनाव दोनों पास नहीं आते। ...और पढ़ें

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